जोधपुर. राज्य सरकार ने भले ही जोधपुर निगम को दो हिस्सों में बांट दिया, लेकिन आर्थिक स्थिति को लेकर सरकार ने कोई प्रावधान नहीं किया है. दोनों नगर निगम के निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों महापौर के लिए यह बड़ी चुनौती बन गया है.
दोनों महापौर ने अब अपने अधिकारियों से कहा है कि राज्य सरकार ने जो नगरीय विकास कर (यूडी टैक्स) जमा कराने को लेकर दी गई छूट 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है. इसका पूरा फायदा उठाया जाए और जिनके कर बकाया है उनसे वसूला जाए, क्योंकि सरकार ने एक मुश्त गृह कर जमा करवाने पर 50 फीसदी छूट दी है. यह छूट पहले 30 सितंबर तक थी, जिसे हाल ही में सरकार ने 31 दिसंबर तक बढा दिया है.
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जोधपुर नगर निगम के दौरान शहर में करीब 200 करोड़ रुपये का नगरीय टैक्स बकाया था, जो दोनों नगर निगम में विभक्त हो गया. नगर निगम दक्षिण की महापौर वनीता सेठ ने बुधवार को अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें कर वसूली में तेजी लाने का कहा है. इसके लिए खासतौर से सरकार ने जो छूट दी उसका फायदा लोगों को मिले और वे कर भी चुकाए. नगर निगम उत्तर की महापौर कुंति परिहार ने भी अपने अधिकारियों की बैठक कर यूडी टैक्स वसूली पर जोर दिया है.
सरकार ने यूडी टैक्स जमा कराने पर भी विशेष छूट दी है. 2019-2020 तक के बकाया यूडी टैक्स एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज व शास्ति पर शत-प्रतिशत छूट का प्रावधान है. वहीं, 2011-12 के पूर्व के बकाया यूडी टैक्स एकमुश्त जमा कराने पर संपूर्ण यूडी टैक्स की राशि में 50 फीसदी छूट दी जाएगी. ब्याज व शास्ति में शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी.