जोधपुर. भारत में ब्यूटी कांटेस्ट में फेमिना का बड़ा नाम है. इस बैनर तले होने वाले ब्यूटी कंटेस्ट में भाग लेना लड़कियों का सपना होता है. लेकिन फेमिना मिस इंडिया कंटेस्ट में भाग लेने के लिए न्यूनतम हाइट 5.5 फीट होनी चाहिए. जबकि भारत में महिलाओं की औसत लंबाई ही 5.1 फीट मानी गई है. ऐसे में कई युवतियां इसके चलते इस कंटेस्ट में भाग नहीं ले पाती हैं. लेकिन जोधपुर की मॉडल ईशा चौधरी ने इस नियम को बदल दिया है. फेमिना ने अब अपनी प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए न्यूनतम कंटेस्ट 2 इंच कम कर 5.3 फीट कर दी है.
सेकंड ईयर की स्टूडेंट और मॉडल हैं ईशा
जोधपुर की रहने वाली ईशा चौधरी सेकंड ईयर की स्टूडेंट हैं और वे मॉडलिंग भी करती हैं. इस बार जब उन्होंने 2020 के लिए फेमिना मिस इंडिया कंटेस्ट के लिए फार्म भरना शुरू किया, तो न्यूनतम हाइट की बाध्यता ने उन्हें रोक दिया. क्योंकि ईशा की हाइट 5.5 फीट से आधा इंच कम थी. इस पर ईशा निराश हुईं. लेकिन ईशा की मां डॉ. सीमा चौधरी, जो विश्वविद्यालय में इंग्लिश की प्रोफेसर हैं, उन्होंने उन्हें संबल दिया.
भारत में महिलाओं की औसत हाइट 5 फीट
हमारे देश में महिलाओं की औसत हाइट 5 फीट ही मानी गई है. ईशा की मां ने भारत में महिलाओं की औसत हाइट पता करने के बाद फेमिना के इस नियम के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाया. सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अभियान चलाने से कई युवतियां इससे जुड़ गईं. जो इस नियम की वजह से हर बार पार्टिसिपेट करने से वंचित रह जाती थी. कोरोना काल में इस अभियान को तेजी मिली. जिसके बाद आखिरकार फेमिना को अपने नियम बदलने पर मजबूर होना पड़ा.
फेमिना ने बदला अपना नियम
हाल ही में फेमिना ने ईशा को मेल कर न्यूनतम लंबाई 5.5 फीट से 2 इंच कम 5.3 फीट करने की जानकारी दी. साथ ही फेमिना ने अपने नियम बदलने की घोषणा भी सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से भी कर दी. ईशा इससे पहले स्थानीय और राज्य स्तरीय कई ब्यूटी कंटेस्ट में भाग ले चुकी हैं.
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ईशा कहती हैं कि वे 2 साल से इस प्रतियोगिता में भाग लेने की तैयारी कर रही थीं. लेकिन न्यूनतम लंबाई पर बात अटक जा रही थी. जिससे वह नर्वस हो गईं. लेकिन अब ईशा और उनकी मां की मुहिम और मेहनत रंग लाई और आज हजारों युवतियों का मॉडल बनने का सपना महज कम हाइट की वजह से अधूरा नहीं रहेगा.
हाइट से कैसे तय कर सकते हैं सुंदरता का पैमाना
ईशा कहना है कि मिस इंडिया और मिस वर्ल्ड में ऐसा कोई नियम नहीं है. वहां तो 5.1 फीट की मॉडल भी हिस्सा लेकर खिताब जीत सकती है. जो फेमिना वाले न्यूनतम हाइट की शर्त के आधार पर किस तरह भारतीय लड़कियों के सपनों को पूरा करने से रोक सकते हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय महिला की औसत ऊंचाई लगभग 5 फीट 1 इंच है, तो सुंदरता को केवल हाइट और त्वचा के रंग के बारे में क्यों माना जाता है?
80 हजार लड़कियों का मिला समर्थन
ईशा कहती हैं कि इस तरह के नियम मिस इंडिया या मिस वर्ल्ड की होने वाली प्रतियोगिताओं में नहीं हैं. हाइट के आधार पर लड़कियों को वंचित करना एक तरह का डिस्क्रिमिनेशन है. इसके विरोध में जून 2020 में हैश टैग फाइव फुट फॉर मिस इंडिया के साथ सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू किया. जिसे शुरुआत में बहुत कम सपोर्ट मिला. लेकिन बाद में राजस्थान के अलावा देश के कई अन्य राज्यों की करीब 80 हजार लड़कियों ने हमें सपोर्ट किया. सभी मिलकर न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर करने की तैयारी कर ली थी ,लेकिन फेमिना ने अपना नियम बदल दिया.
मिस वर्ल्ड, मिस यूनिवर्स बन चुकी हैं 5.5 फीट से कम हाइट वाली लड़कियां
5.3 फीट की जमैका की करोल जोन क्राफर्ड ने 1963 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था.
5.3 फीट की कोलंबिया की लुज मेरिना जुलुएगा ने 1958 में मिस यूनिवर्स का खिताब जीता था.
5.4 फीट की कैरेसा केमरून ने 2010 में मिस अमेरिका का जीता था.