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जोधपुर: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन - jodhpur news

हर वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. ऐसे में जोधपुर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर एस.एन. मेडिकल कॉलेज में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें विभागाध्यक्ष ने मेडिकल कॉलेज के मेडिकोज को मानसिक रोगियों से बात करने और उनमें नकारात्मकता को खत्म कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के उपाय बताए.

World Mental Health Day, विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
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Published : Oct 10, 2019, 9:30 PM IST

जोधपुर. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एस.एन. मेडिकल कॉलेज में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम के अनुसार मेंटल हेल्थ प्रमोशन और सुसाइड प्रीवेंशन के तहत आयोजित इस संगोष्ठी में डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के मनोविकार ई विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जी डी कूलवाल ने मेडिकल कॉलेज के मेडिकोज को मानसिक रोगियों से बात करने, उनकी परेशानी समझने और उनमें नकारात्मकता को खत्म कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के उपाय बताए.

जोधपुर में संगोष्ठी का आयोजन

कूलवाल ने कहा कि वर्तमान समय में नकारात्मकता के वजह से युवाओं में सर्वाधिक आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी है. इसके अलावा कई अन्य पारिवारिक सामाजिक कारण भी हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में मेडिकोज को भी नकारात्मकता से दूर रखने के लिए टिप्स दिए गए.

संगोष्ठी में जिला विधिक प्राधिकरण के सिद्धेश्वर पुरी ने वर्तमान मेन्टल हेल्थ केयर अधिनियम 2017 के प्रभाव में आने पर उसकी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया है.

पढ़े: अजमेर: परेशान ग्राम पंचायत सहायकों का प्रदर्शन, 5 माह से नहीं मिला वेतन

उन्होंने कहा कि जबतक समस्या बड़ी न हो तब तक लोगों का ध्यान मानसिक बीमारियों की ओर नहीं जाता. इसे संबंधित व्यक्ति की आदत समझकर लोग ऐसे बीमारियों को नजरअंदाज कर देते है, जबकि कुछ लोग मानसिक बीमारी को पागलपन समझ बैठते हैं. जो बहुत नकरात्मक प्रभाव डालता है.

जोधपुर. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एस.एन. मेडिकल कॉलेज में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम के अनुसार मेंटल हेल्थ प्रमोशन और सुसाइड प्रीवेंशन के तहत आयोजित इस संगोष्ठी में डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के मनोविकार ई विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जी डी कूलवाल ने मेडिकल कॉलेज के मेडिकोज को मानसिक रोगियों से बात करने, उनकी परेशानी समझने और उनमें नकारात्मकता को खत्म कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के उपाय बताए.

जोधपुर में संगोष्ठी का आयोजन

कूलवाल ने कहा कि वर्तमान समय में नकारात्मकता के वजह से युवाओं में सर्वाधिक आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी है. इसके अलावा कई अन्य पारिवारिक सामाजिक कारण भी हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में मेडिकोज को भी नकारात्मकता से दूर रखने के लिए टिप्स दिए गए.

संगोष्ठी में जिला विधिक प्राधिकरण के सिद्धेश्वर पुरी ने वर्तमान मेन्टल हेल्थ केयर अधिनियम 2017 के प्रभाव में आने पर उसकी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया है.

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उन्होंने कहा कि जबतक समस्या बड़ी न हो तब तक लोगों का ध्यान मानसिक बीमारियों की ओर नहीं जाता. इसे संबंधित व्यक्ति की आदत समझकर लोग ऐसे बीमारियों को नजरअंदाज कर देते है, जबकि कुछ लोग मानसिक बीमारी को पागलपन समझ बैठते हैं. जो बहुत नकरात्मक प्रभाव डालता है.

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Body:विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन
जोधपुर।   विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एस.एन. मेडिकल काॅलेज में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम के अनुसार मेंटल हेल्थ प्रमोशन एंड सुसाइड प्रीवेंशन के तहत आयोजित इस संगोष्ठी में डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के मनोविकार ई विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जी डी कूलवाल ने मेडिकल कॉलेज के मेडिकोज को मानसिक रोगियों से बात करने उनकी परेशानी समझने एवं उनमें नकारात्मकता को खत्म कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के उपाय बताए। कूलवाल ने कहा कि वर्तमान समय में युवाओं में सर्वाधिक आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी है इसकी प्रमुख वजह है नकारात्मकता इसके अलावा कई अन्य पारिवारिक सामाजिक कारण भी हो सकते हैं ऐसी स्थिति में मेडिकोज को भी नकारात्मकता से दूर रखने के लिए टिप्स दिए गए ।संगोष्ठी में जिला विधिक प्राधिकरण के सिद्धेश्वर पुरी ने वर्तमान  मेन्टल हेल्थ केयर अधिनियम 2017 के प्रभाव म आने पर भी उसकी विस्तार से जानकारी देते हुए पुरी ने बताया कि विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को विश्व माजाताSनसिक स्वास्थ्य दिवस’ मनाया है। उन्होंने कहा कि तक समस्या बड़ी न हो तब तक लोगों का ध्यान मानसिक बीमारियों की ओर नहीं जाता। इसे संबंधित व्यक्ति की आदत समझकर लोग  नजरअंदाज कर देते है जबकि कुछ लोग मानसिक बीमारी को पागलपन समझ बैठते हैं जो बहुत नकरात्मक पर प्रभाव डालता है।
बाईट डॉ जीडी कूलवाल, विभागाध्यक्ष मनोविकारिकी विभाग





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