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जोधपुर IIT और नागपुर AIIMS ने विकसित किया Covid-19 tracker, होम क्वॉरेंटाइन मरीजों पर रखेगा नजर

जोधपुर में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के बाद अब पॉजिटिव मरीजों पर नजर रखने के लिए, जोधपुर आईआईटी और नागपुर के एम्स ने मिलकर एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है. जो क्वॉरेंटाइन में रहने वाले मरीज की पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखेगा.

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होम क्वॉरेंटाइन मरीजों पर रखेगा नजर कोविड-19 ट्रैकर
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Published : Aug 1, 2020, 6:32 PM IST

जोधपुर. कोरोना वायरस लगातार अपने पांव पसारता जा रहा है. पूरे देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसके साथ ही लोगों की मौत भी हो रही है. ऐसे में इस बात को लेकर चिंता जताई जाती है कि, कोरोना संक्रमित मरीज जब भी सीमित हो चिन्हित हो तो उन्हें क्वॉरेंटाइन में रखा जाए, जिससे संक्रमण नहीं फैले.

लेकिन, देश में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें क्वॉरेंटाइन में रखे गए मरीज बाहर निकल जाते हैं. इस लापरवाही के चलते संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. लेकिन अब जोधपुर आईआईटी और नागपुर के एम्स ने मिलकर एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है. जो क्वॉरेंटाइन में रहने वाले मरीज की पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखेगा.

होम क्वॉरेंटाइन मरीजों पर रखेगा नजर कोविड-19 ट्रैकर

खास बात यह है कि, यह डिवाइस किसी मोबाइल ऐप या इंटरनेट कनेक्शन से नहीं जुड़ा रहेगा. इस डिवाइस को कोविड -19 ट्रैकर नाम दिया गया है. हाथ की कलाई पर बांधने वाले इस डिवाइस से कोरोना मरीजों और संदिग्धों की मॉनिटरिंग के लिए एप या ऑनलाइन निगरानी की जरूरत नहीं रहेगी.

इसके लिए बनाए गए, एक कंट्रोल रूम में डायसबोर्ड होगा. वहां इस ट्रैकर का हर रिकॉर्ड पहुंच जाएगा. यानि जिस मरीज या संदिग्ध के हाथ में यह ट्रैकर होगा, उसके आने-जाने से लेकर उसके सेहत का भी यह ट्रैकर ख्याल रखेगा. इसकी पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम को मिलेगी.

इसमें खास तरह की चीप लगी है, जो बैटरी के माध्यम से चलती है. एक बार चार्ज करने पर यह 20 से 25 दिन तक चलेगा. जोधपुर आईआईटी के रजिस्ट्रार अमरदीप शर्मा ने बताया कि आईआईटी जोधपुर की टीम पर नागपुर एम्स के डॉक्टर ने मिलकर यह डिवाइस तैयार किया है. जिसके सभी तरह के परीक्षण हो चुके हैं, और अब यह व्यवसाय उत्पाद के रूप में भी जल्द बाजार में आने वाला है.

पढ़ें- कोरोना से निपटने के लिए अजमेर प्रशासन की 'रणनीति'...टेस्ट, ट्रैक और आइसोलेट के साथ बढ़ रहे आगे

कम किमत में उपलब्ध होगा डिवाइस

यह डिवाइस बहुत महंगा भी नहीं है. फिलहाल, इसे बनाने में 2 हजार रुपए खर्च आया है. अगर ज्यादा संख्या में इसे बनाया जाए तो 1500 रुपए तक का खर्च आएगा. डिवाइस के लिए तकनीक तैयार करने में आईआईटी जोधपुर के प्रोफेसर डॉ. कौशल देसाई, आईआईआईटी नागपुर के डॉ. मयूर पराते और डॉ. अंकित भरणे, आईआईटी जोधपुर के डॉ. कौशल देसाई की खास भूमिका रही है.

यह सूचनाएं मिलेंगी

कोविड-19 ट्रेकर डिवाइस शरीर का तापमान, पल्स रेट, रेसपिरेटरी रेट और ऑक्सीजन स्तर की जानकारी देगा. मौजूदा मॉनिटरिंग एप की सभी सीमाओं को पार करके काम करने में सक्षम है. इसमें जियो फैन्सिंग तकनीक का उपयोग किया गया है. यह क्वारेंटाइन के उल्लंघन की तत्काल जानकारी देने में सक्षम है.

इसके साथ ही यंत्र पहनने वालों के तापमान, पल्स रेट, रेसपिरेटरी रेट और ऑक्सीजन स्तर की भी जानकारी प्रदान करेगा. मरीज को किसी तरह की परेशानी होने पर उसे तत्काल चिकित्सकीय मदद उपलब्ध कराई जा सकेगी.

पढ़ें- अजमेर: CRPF के स्थापना दिवस पर लगा मेला, बिना मास्क लगाए घूमते रहे लोग

रविवार को मनाया जाएगा IIT का 13 वां स्थापना दिवस

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) जोधपुर का 13वां स्थापना दिवस रविवार को वर्चुअल यानी ऑनलाइन मनाया जाएगा. समारोह की अध्यक्षता 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह करेंगे. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा स्थापना दिवस पर 'शिक्षा को आकार देने में प्रौद्योगिकी की भूमिका: भविष्य का एक खाखा’ विषय पर व्याख्यान देंगे. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे मुख्य अतिथि होंगे.

जोधपुर. कोरोना वायरस लगातार अपने पांव पसारता जा रहा है. पूरे देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसके साथ ही लोगों की मौत भी हो रही है. ऐसे में इस बात को लेकर चिंता जताई जाती है कि, कोरोना संक्रमित मरीज जब भी सीमित हो चिन्हित हो तो उन्हें क्वॉरेंटाइन में रखा जाए, जिससे संक्रमण नहीं फैले.

लेकिन, देश में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें क्वॉरेंटाइन में रखे गए मरीज बाहर निकल जाते हैं. इस लापरवाही के चलते संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. लेकिन अब जोधपुर आईआईटी और नागपुर के एम्स ने मिलकर एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है. जो क्वॉरेंटाइन में रहने वाले मरीज की पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखेगा.

होम क्वॉरेंटाइन मरीजों पर रखेगा नजर कोविड-19 ट्रैकर

खास बात यह है कि, यह डिवाइस किसी मोबाइल ऐप या इंटरनेट कनेक्शन से नहीं जुड़ा रहेगा. इस डिवाइस को कोविड -19 ट्रैकर नाम दिया गया है. हाथ की कलाई पर बांधने वाले इस डिवाइस से कोरोना मरीजों और संदिग्धों की मॉनिटरिंग के लिए एप या ऑनलाइन निगरानी की जरूरत नहीं रहेगी.

इसके लिए बनाए गए, एक कंट्रोल रूम में डायसबोर्ड होगा. वहां इस ट्रैकर का हर रिकॉर्ड पहुंच जाएगा. यानि जिस मरीज या संदिग्ध के हाथ में यह ट्रैकर होगा, उसके आने-जाने से लेकर उसके सेहत का भी यह ट्रैकर ख्याल रखेगा. इसकी पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम को मिलेगी.

इसमें खास तरह की चीप लगी है, जो बैटरी के माध्यम से चलती है. एक बार चार्ज करने पर यह 20 से 25 दिन तक चलेगा. जोधपुर आईआईटी के रजिस्ट्रार अमरदीप शर्मा ने बताया कि आईआईटी जोधपुर की टीम पर नागपुर एम्स के डॉक्टर ने मिलकर यह डिवाइस तैयार किया है. जिसके सभी तरह के परीक्षण हो चुके हैं, और अब यह व्यवसाय उत्पाद के रूप में भी जल्द बाजार में आने वाला है.

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कम किमत में उपलब्ध होगा डिवाइस

यह डिवाइस बहुत महंगा भी नहीं है. फिलहाल, इसे बनाने में 2 हजार रुपए खर्च आया है. अगर ज्यादा संख्या में इसे बनाया जाए तो 1500 रुपए तक का खर्च आएगा. डिवाइस के लिए तकनीक तैयार करने में आईआईटी जोधपुर के प्रोफेसर डॉ. कौशल देसाई, आईआईआईटी नागपुर के डॉ. मयूर पराते और डॉ. अंकित भरणे, आईआईटी जोधपुर के डॉ. कौशल देसाई की खास भूमिका रही है.

यह सूचनाएं मिलेंगी

कोविड-19 ट्रेकर डिवाइस शरीर का तापमान, पल्स रेट, रेसपिरेटरी रेट और ऑक्सीजन स्तर की जानकारी देगा. मौजूदा मॉनिटरिंग एप की सभी सीमाओं को पार करके काम करने में सक्षम है. इसमें जियो फैन्सिंग तकनीक का उपयोग किया गया है. यह क्वारेंटाइन के उल्लंघन की तत्काल जानकारी देने में सक्षम है.

इसके साथ ही यंत्र पहनने वालों के तापमान, पल्स रेट, रेसपिरेटरी रेट और ऑक्सीजन स्तर की भी जानकारी प्रदान करेगा. मरीज को किसी तरह की परेशानी होने पर उसे तत्काल चिकित्सकीय मदद उपलब्ध कराई जा सकेगी.

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रविवार को मनाया जाएगा IIT का 13 वां स्थापना दिवस

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) जोधपुर का 13वां स्थापना दिवस रविवार को वर्चुअल यानी ऑनलाइन मनाया जाएगा. समारोह की अध्यक्षता 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह करेंगे. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा स्थापना दिवस पर 'शिक्षा को आकार देने में प्रौद्योगिकी की भूमिका: भविष्य का एक खाखा’ विषय पर व्याख्यान देंगे. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे मुख्य अतिथि होंगे.

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