जोधपुर. प्रदेश के अलग अलग अस्पतालों की व्यवस्थाओं को लेकर दायर याचिकाओं पर राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर मुख्यपीठ ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने कोटा के जेके लोन अस्पताल का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं.
उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ ने सिरोही के विधायक संयम लोढा की याचिका और स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर उच्च न्यायालय की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अधिवक्ता राजवेन्द्र सारस्वत और कुलदीप वैष्णव ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में पिछले साल दिसम्बर 2020 में नवजात बच्चों की मौत के मामले में कुछ दस्तावेज रिकार्ड पर पेश किये. उन्होंने न्यायालय को बताया कि अस्पताल में पिछले दो साल से सर्दी के मौसम में ही नवजात बच्चों की मौत हो रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
उच्च न्यायालय ने महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर के उपधीक्षक डॉ. अरूण पुरोहित और न्यायमित्र अधिवक्ता सारस्वत को जेके लोन अस्पताल का निरीक्षण कर अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं. ताकि उनके सुझाव से सुधार किया जा सके और प्रदेश के अस्पतालों की व्यवस्था को बेहतर किया जा सके. वहीं सुनवाई के दौरान जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के सीवरेज को लेकर सुनवाई करते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग को आवश्यक निर्देश भी दिये.
सुनवाई के दौरान निगम की ओर से अधिवक्ता राजेश पंवार ने कहा कि न्यायालय के निर्देश पर निगम ने अस्पताल के बाहर सीवरेज के लिए नाले का निर्माण करवा दिया गया है. लेकिन अस्पताल के अन्दर से कनेक्टिविटी के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग का कार्य है. इस पर न्यायालय ने सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता करणसिंह राजपुरोहित को निर्देश दिये कि अगली सुनवाई तक यह कार्य पूरा कर दिया जाये.
वहीं चिकित्सा विभाग की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा और उनके सहयोगी रिषी सोनी को निर्देश दिये हैं कि अस्पताल के नकारा सामान एवं नये उपकरणों को लेकर पूरी रिपोर्ट पेश की जाए. प्रदेश में मेडिकल स्टॉफ के पदों को लेकर भी रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. यह रिपोर्ट अगली सुनवाई पर 17 मार्च को पेश करने को कहा गया है.