जोधपुर. हाथ में अगर मोबाइल है तो आदमी काम छोड़ भी देता है और उसका ध्यान भी काम में नहीं रहता है. ऐसा सभी सरकारी कार्यों के साथ-साथ निजी संस्थानों में भी होने लगा है. चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी भी अक्सर मोबाइल चलाते ही नजर आते हैं. मंगलवार को भारत बंद के दौरान डीसीपी धर्मेंद्र यादव ने नई सड़क चौराहे पर तैनात जवानों को ड्यूटी के दौरान मोबाइल का उपयोग नहीं करने की नसीहत दी.
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डीसीपी के नई सड़क चौराहे पर पहुंचते ही जाप्ता अलर्ट हो गया. इसी दौरान डीसीपी ने एक-एक कर सभी से सवाल पूछने शुरु किए, पहले जवान से पूछा कि पास के कंट्रोल रूम के नंबर बताएं ,तो दूसरे जवान से पूछा कि हंगामा हुआ तो वह क्या करेंगे, यहां क्यों लगाए गए हो, भीड़ अचानक आई तो क्या करोगे. तीसरे जवान से पूछा कि आपके इलाके के इंचार्ज के मोबाइल नंबर बताइएं. इसी बीच वहां मौजूद एएसआई ने अपनी नेम प्लेट नहीं लगा रखी थी, तो डीसीपी ने उनकी भी क्लास लगा दी. इसके बाद डीसीपी ने पुलिसकर्मियों को हिदायत दी कि वे अपने मोबाइल जमा करवाएं. जिस पर इंचार्ज ने सभी पुलिस के जवानों के मोबाइल अपने पास रख लिए. साथ ही डीसीपी ने तमाम पुलिस के जवानों को कहा कि ड्यूटी के वक्त सिर्फ ड्यूटी की जाएगी, यानी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं होगा.
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कृषि कानून का विरोध...
जोधपुर में मंगलवार को भारत बंद का मिलाजुला असर रहा. शहर के बाजार हमेशा की तरह खुले नजर आए. इसी दौरान शहर में विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया. वामपंथी संगठन भारतीय ट्रेड यूनियन सीटू एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान किशन मेघवाल ने बताया कि मोदी सरकार तानाशाही पर उतरी हुई है. सरकार के काले कानून से किसान तबाह हो जाएंगे. इसी तरह विभिन्न कर्मचारी संगठनों के कर्मचारी महासंघ ने भी नई सड़क चौराहे पर प्रदर्शन किया. कर्मचारी महासंघ के नेता शंभू सिंह मेड़तिया ने कहा कि कर्मचारी भी लंबे समय से केंद्र सरकार की नीतियों से परेशान हैं.