जोधपुर. नूरी वीजा पर पाकिस्तान में अपनी मां से मिलने गई बेटी जनता आखिरकार आठ महीने बाद भारत लौट आई है. मंगलवार को जनता ने वाघा बार्डर के रास्ते भारत में प्रवेश किया. जहां उसके पति लीलाराम व छोटी बेटी ने स्वागत किया. अभी जनता अमृतसर में ही है और अगले एक-दो, दिनों में जोधपुर पहुंचेगी. जनता के पति लीलाराम ने बताया कि मार्च में वे पाकिस्तान गए थे और वापस जल्दी आना था, लेकिन लॉकडाउन लगने से जनता के नूरी वीजा की अवधि समाप्त हो गई थी.
जिसके चलते जब वे जून में वापस भारत आने के लिए वाघा बार्डर पहुंची तो वहां पर सूची में जनता का नाम नहीं था, क्योंकि जनता नूरी वीजा पर पाकिस्तान गई थी. जिसे वापस आने के लिए भारत सरकार ने वीजा जारी नहीं किया गया था. इसके चलते लीलाराम अपने तीन बच्चों के साथ जोधपुर आ गया. यहां आने के बाद लगातार सरकार को पत्र लिखता रहा.
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जिसके बाद हाल ही में भारत सरकार ने नूरी वीजा पर पाकिस्तान गए हिंदू-पाक नागरिकों को वापस भारत आने की अनुमति दी. जिसके बाद जनता की वापसी सुगम हुई. नूरी वीजा भारत सरकार ऐसे लोगों को जारी करती है जो दूसरे देश के नागरिक होते हैं. लंबे समय से भारत में रह रहे उनके अपने देश के पासपोर्ट की अवधि समाप्त हो जाती है. ऐसे में सरकार उनके लिए नॉन आब्जेक्शन रिटर्न टू इंडिया की सहमति जारी करती है. जिसके बाद ऐसे लोग वापस भारत आ सकते हैं.
जनता को है नागरिकता का इंतजार...
जोधपुर के बासनी तंबोलिया निवासी लीलाराम जो खुद मूल रुप से पाकिस्तानी थे. उनका विवाह 2007 में पाकिस्तान के मीरपुर खास निवासी जनता से हुआ था. वह जनता को भारत ले आए, लेकिन 14 साल से उसको अभी तक नागरिकता नहीं मिली है. सभी तरह की कागजी कार्रवाई भी पूरी हो गई है, लेकिन अभी भी नागरिकता मिलने का इंतजार है.
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नागरिकता के अभाव में जनता का भारत का पासपोर्ट अभी तक नहीं बना है. ऐसे में भारत सरकार ने जनता को नूरी वीजा पर पाकिस्तान जाने के लिए 60 दिन की अनुमति दी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते यह अवधि समाप्त हो गई है. जिसके चलते उसे पाकिस्तान में ही रहना पडा है.