जोधपुर. कभी मोबाइल और सिम मिलना तो कभी कैदियों के बीच गैंगवार को लेकर जोधपुर सेंट्रल जेल हमेशा चर्चा में रही है. जोधपुर सेंट्रल जेल को तिहाड़ के बाद सबसे सुरक्षित जेल माना जाता है, लेकिन पुलिस प्रणाली के इन दावों की पोल जेल के अंदर से वायरल हुए वीडियो और खत ने खोल कर रख दी है. ईटीवी भारत पर 'जेल में खेल' के पहले और दूसरे पार्ट में आपने देखा था कि कैसे कैदी जेल के अंदर नशा पत्ता कर रहे हैं और धड़ल्ले से मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं. अब इस पूरे मामले में जेलर ने अपनी सफाई दी है.
दरअसल, जोधपुर सेंट्रल जेल के पूर्व कैदी आजाद सिंह ने एक वीडियो और फोटो वायरल किया था. जिसमें उसने जेल अधिकारी जगदीश प्रसाद पूनिया पर बंदियों से अवैध वसूली का आरोप लगाया था. बाकायदा कैदी ने ये भी बताया था कि जेल के अंदर इन सुविधआों के बदले कितने रुपए वसूले जाते हैं. कैदी ने आरोप लगाया था कि उसने जब इसके खिलाफ आवाज उठानी चाही तो जगदीश पुनिया ने तीन बार बैरक में जाकर धमकियां दी. दूसरी और जेलर जगदीश पूनिया ने अपने उपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
जेलर जगदीश प्रसाद पूनिया ने वीडियो वायरल होने के बाद कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. पूनिया का कहना है मैंने इस कैदी की जोधपुर सेंट्रल जेल के अंदर मांगे नहीं मानी थी जिसके चलते उसने मेरे ऊपर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि आए दिन जोधपुर जेल में उच्च अधिकारियों द्वारा छापेमारी और तलाशी अभियान होते हैं अगर ऐसी कोई बात होती तो पहले कभी सामने आ जाती ओर कैदी आजाद सिंह को हाल ही में 10 तारीख को उदयपुर जेल शिफ्ट किया गया है जिसका बदला लेने के चलते उसने मुझ पर आरोप लगाए हैं.
जेल अधिकारियों की सफाई चाहे जो भी हो, लेकिन ये बात तो तय है कि जेल के अंदर कैदियों तक बड़े आराम से तमाम सुविधाएं पहुंचती हैं. वीडियो वायरल होने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि सलाखों के पीछे कैदी अपने अपराधों की सजा काटने नहीं, अधिकारियों की मेहरबानी के चलते आराम और मौज-मस्ती काट रहे हैं.