जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर संभाग का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है. जहां जोधपुर शहर सहित जोधपुर के ग्रामीण इलाकों और अलग-अलग जिलों से भी छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आते हैं. लेकिन जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय पिछले लंबे समय से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के लगभग 90% विभागों में शिक्षकों की भारी कमी है. साथ ही कुछ विभाग ऐसे भी हैं जिनमें महज दो से तीन शिक्षक ही लगे हुए हैं.
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विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 500 पदों में से 325 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीसी त्रिवेदी का कहना है कि वर्तमान समय में विश्व विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते हालात काफी खराब है और विश्वविद्यालय में जो खाली पद है वह सभी स्वीकृत है. इसके लिए राजस्थान सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है और जल्द ही इन सभी शिक्षकों के पदों को भर दिया जाएगा.
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कुलपति ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों को लेकर नई रोस्टर प्रणाली लागू की है जिसके चलते विश्वविद्यालय ने एक कमेटी का भी गठन किया है और इस कमेटी की ओर से कार्य पूरा करने के बाद जल्द ही राजस्थान सरकार की मदद से शिक्षकों की भर्ती को भर दिया जाएगा. होम साइंस, पत्रकारिता और कुछ अलग सब्जेक्ट जिसमें गेस्ट फैकल्टी बुलाकर छात्र छात्राओं को पढ़ाया जा रहा है. अगर इस वर्ष शिक्षकों की कमी पूरी नहीं की गई तो एआईसीसी द्वारा मान्यता रद्द कर दी जाएगी जिसको लेकर भी कुलपति ने राज्य सरकार को अवगत कराया है.