जोधपुर. प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टर हड़ताल पर चल रहे हैं. इनकी मांग है कि इंटर्नशिप करने के दौरान इनको मिलने वाले मानदेय की राशि में बढ़ोतरी की जाए. इसके चलते ये डॉक्टर 6 दिन से हड़ताल पर हैं.
वर्तमान में इंटर्न डॉक्टर्स को ₹7 हजार प्रति माह मानदेय इंटर्नशिप के दौरान दिया जाता है, लेकिन इनका कहना है कि हमसे ज्यादा तो संविदा कर्मियों और नर्सिंग कर्मियों को मानदेय दिया जा रहा है. जबकि हम भी कोरोना ड्यूटी भी कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार हमारी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है.
प्रदेश में अभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में चल रही हड़ताल में करीब 2 हजार इंटर्न डॉक्टर काम छोड़ कर बैठे हैं. इंटर्नशिप के दौरान इन डॉक्टर्स की अलग-अलग वार्ड में ड्यूटी लगाई जाती है जो वार्ड में मरीजों के उपचार और अन्य चिकित्सकीय कार्य करते हैं इससे रेजिडेंट डॉक्टर और वार्ड की व्यवस्था को काफी सहायता मिलती है.
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कोरोना वार्ड में भी इन डॉक्टर्स को ड्यूटी पर लगाया जा रहा था. 2 सप्ताह पहले इंटर्न डॉक्टर्स ने हड़ताल की चेतावनी दी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो हड़ताल पर चले गए रविवार को हड़ताल का छठा दिन था.
इन डॉक्टर्स का कहना है कि राज्य सरकार ने पूरे देश में चिकित्सकीय कोरोना के उपचार में अच्छा प्रदर्शन किया है. उसमें हमारी भी भूमिका थी, लेकिन सरकार हमारी ओर ध्यान नहीं दे रही है. अगर 14 अक्टूबर तक हमारी बातें नहीं मानी गई तो पूरे प्रदेश के इंटर्न डॉक्टर भूख हड़ताल शुरू करेंगे.