जोधपुर. कोरोना वायरस के लगातार बदलते रूप की पहचान के लिए जरूरी जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट के लिए जोधपुर के डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को मशीन मिल गई है. विभाग में मशीन का इंस्टालेशन शुरू (Installation of Genome Sequencing Machine in Jodhpur) हो गया है. एक सप्ताह के भीतर इससे नियमित टेस्ट शुरू हो जाएंगे.
प्राचार्य डॉ. एसएस राठौड़ ने बताया कि सरकार जयपुर के बाद कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन की पुष्टि के लिए जोधपुर में भी जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करवा रही है. मशीन पर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. इसके लिए हमारे 4 डॉक्टरों की ट्रेनिंग भी हो गई है. 3 से 4 दिनों में जोधपुर में जिनोम सिक्वेंसिंग होना शुरू हो जाएगी.
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इससे पॉजिटिव आने वाले कोरोन सैंपल के वायरस का वेरिएंट पहचाना जा सकेगा. खास तौर से ओमिक्रोन जैसे वायरस का पता चल सकेगा. इसके लिए जयपुर एसएमएस के प्रोफेसर को भी जोधपुर भेजा गया है.
गौरतलब है कि जयपुर के बाद सर्वाधिक मामले जोधपुर में आ रहे हैं. जोधपुर में विदेश से आने वाले यात्रियों की भी संख्या काफी ज्यादा है. जिनके नमूनों की अनिवार्य जिनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है. लेकिन जयपुर में होने वाली जिनोम सीक्वेंसिंग में समय बहुत लग रहा है. जिसके चलते रिपोर्ट देरी से मिलती है. लेकिन अब जोधपुर में 1 सप्ताह के भीतर यह सुविधा शुरू हो जाएगी.