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IIT मद्रास लाएगी सड़क हादसों में कमी...जयपुर में ही इस साल अगस्त तक 373 लोगों की मौत - आईआईटी मद्रास

राजस्थान में हर साल करीब 10 हजार से अधिक लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है. इसको रोकने के लिए आईआईटी मद्रास द्वारा ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया है. जयपुर में ही इस वर्ष अगस्त तक 373 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है.

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IIT मद्रास लाएगी सड़क हादसों में कमी
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Published : Sep 22, 2020, 3:36 PM IST

जयपुर. राजस्थान में हर साल करीब 10 हजार से अधिक लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है. देश भर में यह आंकड़ा करीब 15 लाख लोगों का है. ऐसे में या तो प्रदेश की सड़कों की इंजीनियरिंग खराब है या फिर वाहन चालकों की लापरवाही है. केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश के पांच राज्य- कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान को शामिल किया गया है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास द्वारा सड़क दुर्घटना योजना के तहत इस पर मंथन किया जा रहा है.

IIT मद्रास लाएगी सड़क हादसों में कमी

राजस्थान में इसकी शुरुआत जयपुर, जोधपुर, अजमेर अलवर और भिवाड़ी से की गई है. सफलता के बाद पूरे प्रदेश में इसको लागू भी किया जाएगा. बता दें कि सड़क दुर्घटनाओं को काफी कम करने के लिए तमिलनाडु की तर्ज पर सड़क सुरक्षा रोड में भी लागू किया गया है, जो कि काफी कारगर साबित हुआ है. इसीको आधार मानते हुए यह पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन राज्यों में शुरू भी किया गया है.

यह भी पढ़ें- प्रदेश में चिकित्सा और पर्यटन मंत्री रहीं जकिया इनाम का कोरोना से निधन, पायलट के लिए छोड़ी थी टोंक से दावेदारी

बता दें कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत पहले दिन अधिकारी फिर फील्ड अफसर और कर्मचारी आईआईटी मद्रास की ओर से ऑनलाइन कार्यशाला में पहले दिन राजस्थान के 5 जिलों के पुलिस और परिवहन के मुखिया सहित अन्य अधिकारी भी इसमें जुड़े. राजस्थान की एडीजी (ट्रैफिक) और जयपुर पुलिस कमिश्नर डीसीपी (ट्रैफिक) सहित अन्य विभाग के अधिकारी इसमें शामिल हुए. अगली कार्यशाला में अब अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे, इसमें चयनित ब्लैक स्पॉट पर मंथन किया गया है.

इस वर्ष जयपुर के 32 ब्लैक स्पॉट में 373 लोगों की मौत

जयपुर ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से राजधानी में 32 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. यहां पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है. जयपुर में ही इस वर्ष अगस्त तक के आंकड़ों को देखा जाए तो, सड़क दुर्घटना में 373 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं. अब आईआईटी मद्रास दुर्घटना स्थल से मिलने वाली रिपोर्ट पर मंथन करेगी और फिर वहां दुर्घटना रोकने के उपाय बताएगा.

जयपुर. राजस्थान में हर साल करीब 10 हजार से अधिक लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है. देश भर में यह आंकड़ा करीब 15 लाख लोगों का है. ऐसे में या तो प्रदेश की सड़कों की इंजीनियरिंग खराब है या फिर वाहन चालकों की लापरवाही है. केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश के पांच राज्य- कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान को शामिल किया गया है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास द्वारा सड़क दुर्घटना योजना के तहत इस पर मंथन किया जा रहा है.

IIT मद्रास लाएगी सड़क हादसों में कमी

राजस्थान में इसकी शुरुआत जयपुर, जोधपुर, अजमेर अलवर और भिवाड़ी से की गई है. सफलता के बाद पूरे प्रदेश में इसको लागू भी किया जाएगा. बता दें कि सड़क दुर्घटनाओं को काफी कम करने के लिए तमिलनाडु की तर्ज पर सड़क सुरक्षा रोड में भी लागू किया गया है, जो कि काफी कारगर साबित हुआ है. इसीको आधार मानते हुए यह पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन राज्यों में शुरू भी किया गया है.

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बता दें कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत पहले दिन अधिकारी फिर फील्ड अफसर और कर्मचारी आईआईटी मद्रास की ओर से ऑनलाइन कार्यशाला में पहले दिन राजस्थान के 5 जिलों के पुलिस और परिवहन के मुखिया सहित अन्य अधिकारी भी इसमें जुड़े. राजस्थान की एडीजी (ट्रैफिक) और जयपुर पुलिस कमिश्नर डीसीपी (ट्रैफिक) सहित अन्य विभाग के अधिकारी इसमें शामिल हुए. अगली कार्यशाला में अब अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे, इसमें चयनित ब्लैक स्पॉट पर मंथन किया गया है.

इस वर्ष जयपुर के 32 ब्लैक स्पॉट में 373 लोगों की मौत

जयपुर ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से राजधानी में 32 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. यहां पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है. जयपुर में ही इस वर्ष अगस्त तक के आंकड़ों को देखा जाए तो, सड़क दुर्घटना में 373 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं. अब आईआईटी मद्रास दुर्घटना स्थल से मिलने वाली रिपोर्ट पर मंथन करेगी और फिर वहां दुर्घटना रोकने के उपाय बताएगा.

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