जोधपुर : आईआईटी जोधपुर की स्थापना को शुक्रवार को दस साल हो गए. राजस्थान सरकार ने आईआईटी जोधपुर को जोधपुर से नागौर रोड पर नि:शुल्क 852 एकड़ भूमि आवंटित किया था, जिस पर अभी निर्माण कार्य जारी है. बता दें कि निर्माणाधीन जोधपुर आईआईटी के भवन में कई खूबियां है, जो भारत के किसी भी शैक्षणिक संस्थान में नहीं है. खास तौर से यहां बिजली व पानी को बचाने के लिए खासे इंतजाम किए गए हैं.
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आईआईटी का कैंपस डिजाइन करने वाली कंपनी ने रेगिस्तानी धूल व धूप से बचाने के लिए अनूठा प्रयोग किया है. बता दें कि मुख्य कैंपस जिसमें एकेडमिक व एडमिन सहित अन्य प्रमुख ब्लॉक हैं, उसके चारों ओर एक बर्म का निर्माण किया जा रहा है, जो करीब 42 फीट ऊंची, 88 फीट चौड़ी ढ़लान और 3.2 किमी लंबी होगी. यह बर्म आईआईटी कैंपस को बाहरी धूप से बचाती है . बता दें कि बर्म का इस्तेमाल इजरायल में रेगिस्तानी आपदा से बचाव के लिए किया जाता है, उसी तर्ज पर यहां निर्माण किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार बर्म निर्माण कार्य पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं.
2 अगस्त 2009 को जोधपुर एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में आईआईटी की शुरूआत हुई थी. दस सालों में आईआईटी जोधपुर अपने समकक्ष के सभी आईआईटी से आगे निकल चुका है. यहां अभी 97 नियमित फैकल्टिज हैं और1400 से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं. आईआईटी की कई तकनीकों का पेटेंट भी हो चुका है. 2 अगस्त को आईआईटी जोधपुर नए पाठ्यक्रम की पहल भी करने जा रहा है.
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बर्म के निर्माण से दस डिग्री तक तापमान में होगी कमी
बर्म के निर्माण से आस-पास के भवन में बाहर के तापमान से दस फीसदी तक तापमान कम रहता है और इससे बिजली की बचत होती है. इस बर्म की लागत आईआईटी करीब 10 सालों में वसूल लेगी. इतना ही नहीं बर्म के अंदर के भाग में तीन मंजिला भवन बनाए गए हैं, जिनका इस्तेमाल भी आईआईटी संचालन में कर रही है.
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कैंपस को मिनटों में सुविधा पहुंचाने के लिए बनाई गई है सर्विस टनल
आईआईटी जोधपुर कैंपस को पानी, बिजली, इंटरनेट, ट्रिटेड वाटर पहुंचाने के लिए करीब 18 फीट चौड़ी और 20 फीट ऊंची सर्विस टनल बनाई गई है, जिसमें सभी तरह की लाइन बिछाई गई है. आईआईटी के प्रवक्ता अमरदीप शर्मा ने बताया कि सर्विस टनल भी 3.2 किमी लंबी है और ऐसी टनल भारत में बस एक ही है. उन्होंने बताया कि इस टनल में एक फॉर व्हीलर सर्विस वैन से इंजीनियर काम करते हैं,जो किसी भी तरह का फॉल्ट होने पर मिनटों में वहां पहुंच सकते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि आईआईटी में पानी का जीरो डिस्चार्ज भी है.