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प्रेम विवाह से नाराज परिजनों ने पत्नी को बनाया बंधक, पति ने HC में लगाई गुहार

अंतरजातीय प्रेम विवाह से नाराज परिजनों ने पत्नी को बंधक बना लिया. इसके बाद पति ने राजस्थान हाईकोर्ट में गुहार लगाई है. खण्डपीठ ने पुलिस और अप्रार्थीगण युवती के माता-पिता को नोटिस जारी करते हुए जवाब पेश करने का आदेश दिया.

Jodhpur news,  Rajasthan High Court Order
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Feb 16, 2021, 10:49 PM IST

जोधपुर. अंतरजातीय प्रेम विवाह करने वाले युगल से नाराज परिजनों की ओर से पत्नी को बंधक बनाए जाने पर पति ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पत्नी को बंधक मुक्त करवाए जाने की गुहार लगाई है. कुचामन सिटी निवासी राधेश्याम की ओर से अधिवक्ता रजाक खान हैदर और पंकज साईं चौधरी ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने झालावाड़ निवासी एक युवती से हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार प्रेम विवाह किया था.

पढ़ें- अवैध खनन पर जुर्माने के खिलाफ दायर याचिका खारिज, बीस लाख रुपए का हर्जाना भी लगाया

अंतरजातीय प्रेम विवाह होने के कारण युवती के परिजन इस विवाह से नाराज थे. विवाह के बाद पति-पत्नी एक सप्ताह तक साथ रहे. इस बीच युवती के परिजन उनके घर पर आए और युवती को जबरन अपने साथ ले गए और बंधक बना लिया. उन्होंने कहा कि युवक-युवती दोनों बालिग हैं और उन्होंने अपनी इच्छा से हिन्दू विधि-विधान से विवाह रचाया है. ऐसे में उनको साथ रहने से नहीं रोका जा सकता.

प्रारंभिक सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खण्डपीठ ने पुलिस और अप्रार्थीगण युवती के माता-पिता को नोटिस जारी करते हुए जवाब पेश करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी.

जोधपुर. अंतरजातीय प्रेम विवाह करने वाले युगल से नाराज परिजनों की ओर से पत्नी को बंधक बनाए जाने पर पति ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पत्नी को बंधक मुक्त करवाए जाने की गुहार लगाई है. कुचामन सिटी निवासी राधेश्याम की ओर से अधिवक्ता रजाक खान हैदर और पंकज साईं चौधरी ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने झालावाड़ निवासी एक युवती से हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार प्रेम विवाह किया था.

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अंतरजातीय प्रेम विवाह होने के कारण युवती के परिजन इस विवाह से नाराज थे. विवाह के बाद पति-पत्नी एक सप्ताह तक साथ रहे. इस बीच युवती के परिजन उनके घर पर आए और युवती को जबरन अपने साथ ले गए और बंधक बना लिया. उन्होंने कहा कि युवक-युवती दोनों बालिग हैं और उन्होंने अपनी इच्छा से हिन्दू विधि-विधान से विवाह रचाया है. ऐसे में उनको साथ रहने से नहीं रोका जा सकता.

प्रारंभिक सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खण्डपीठ ने पुलिस और अप्रार्थीगण युवती के माता-पिता को नोटिस जारी करते हुए जवाब पेश करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी.

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