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वैभव गहलोत के लिए वैभवशाली नहीं साल 2019, लोकसभा चुनाव हारना रहा बड़ा घटनाक्रम

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Published : Dec 28, 2019, 6:38 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत के लिए साल 2019 ज्यादा खास नहीं रहा. उन्हें इस साल लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा जो कि कांग्रेस के राजनीतिक दृष्टि से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम है. वहीं, यह चुनाव अगर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हार जाते तो शायद इतनी चर्चा नहीं होती. जितनी चर्चा वैभव गहलोत के चुनाव हारने से हुई.

वैभव गहलोत, Vaibhav Gehlot
वैभव गहलोत

जोधपुर. प्रदेश में इस साल कांग्रेस के राजनीतिक दृष्टि से जुड़ा बड़ा घटनाक्रम रहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत का लोकसभा चुनाव हारना रहा. यह चुनाव अगर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हार जाते तो शायद इतनी चर्चा नहीं होती, जितनी चर्चा वैभव गहलोत के चुनाव हारने से हुई.

वैभव गहलोत के लिए साल 2019 नहीं रहा वैभवपूर्ण

वैभव के चुनाव के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरा जोर लगा दिया. गहलोत कई दिनों तक जोधपुर में टिके रहे पूरे परिवार ने शहर की गलियों में रोड शो किए. लेकिन वैभव को सफलता नहीं दिला पाए. वैभव के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा जहां सचिन पायलट ने भी सभाएं की.

वहीं, गजेंद्र सिंह शेखावत के समर्थन में प्रधानमंत्री मोदी ने सभा की. इस सभा से ही अशोक गहलोत और नरेंद्र मोदी के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हुआ जो अभी तक जारी है. इस चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की साख दांव पर लगी थी. गहलोत ने अपनी सरकार के काम के नाम पर वोट मांगे थे.

पढ़ें- राजस्थान में लागू नहीं होगा CAA और NRC: सीएम गहलोत

लेकिन मोदी लहर में वे अपने बेटे को हार से नहीं बचा पाए. हालात ऐसे बन गए कि सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव जीते और यह उनका गढ़ माना जाता है. लेकिन वहां भी वैभव गहलोत बढ़त नहीं बना पाए. लेकिन शेखावत की 2014 की करीब पांच लाख मतों की जीत का अंतर कम कर दिया. इस चुनाव में गजेंद्र सिंह शेखावत को 7 लाख 88 हजार 888 मत प्राप्त हुए.

उन्होंने वैभव गहलोत को 2 लाख 74 हजार 440 मतों से हराया. खास बात यह रही कि मई में जहां लोकसभा चुनाव हुए थे. उससे करीब 6 माह पहले ही विधानसभा चुनावों में जोधपुर संसदीय क्षेत्र की 8 में से 6 सीटें कांग्रेस ने जीती थी. लेकिन एक भी कांग्रेसी विधायक वैभव गहलोत को अपने क्षेत्र में बढ़त नहीं दिला सका.

जोधपुर. प्रदेश में इस साल कांग्रेस के राजनीतिक दृष्टि से जुड़ा बड़ा घटनाक्रम रहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत का लोकसभा चुनाव हारना रहा. यह चुनाव अगर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हार जाते तो शायद इतनी चर्चा नहीं होती, जितनी चर्चा वैभव गहलोत के चुनाव हारने से हुई.

वैभव गहलोत के लिए साल 2019 नहीं रहा वैभवपूर्ण

वैभव के चुनाव के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरा जोर लगा दिया. गहलोत कई दिनों तक जोधपुर में टिके रहे पूरे परिवार ने शहर की गलियों में रोड शो किए. लेकिन वैभव को सफलता नहीं दिला पाए. वैभव के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा जहां सचिन पायलट ने भी सभाएं की.

वहीं, गजेंद्र सिंह शेखावत के समर्थन में प्रधानमंत्री मोदी ने सभा की. इस सभा से ही अशोक गहलोत और नरेंद्र मोदी के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हुआ जो अभी तक जारी है. इस चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की साख दांव पर लगी थी. गहलोत ने अपनी सरकार के काम के नाम पर वोट मांगे थे.

पढ़ें- राजस्थान में लागू नहीं होगा CAA और NRC: सीएम गहलोत

लेकिन मोदी लहर में वे अपने बेटे को हार से नहीं बचा पाए. हालात ऐसे बन गए कि सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव जीते और यह उनका गढ़ माना जाता है. लेकिन वहां भी वैभव गहलोत बढ़त नहीं बना पाए. लेकिन शेखावत की 2014 की करीब पांच लाख मतों की जीत का अंतर कम कर दिया. इस चुनाव में गजेंद्र सिंह शेखावत को 7 लाख 88 हजार 888 मत प्राप्त हुए.

उन्होंने वैभव गहलोत को 2 लाख 74 हजार 440 मतों से हराया. खास बात यह रही कि मई में जहां लोकसभा चुनाव हुए थे. उससे करीब 6 माह पहले ही विधानसभा चुनावों में जोधपुर संसदीय क्षेत्र की 8 में से 6 सीटें कांग्रेस ने जीती थी. लेकिन एक भी कांग्रेसी विधायक वैभव गहलोत को अपने क्षेत्र में बढ़त नहीं दिला सका.

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Body:राजनीति :
जोधपुर। प्रदेश के दूसरे बडे शहर व पश्चिमी राजस्थान व प्रदेश कांग्रेस की राजनीति की धुरी जोधपुर में इस वर्ष राजनीतिक दृष्टि से जुडा बडा घटनाक्रम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत का लोकसभा चुनाव हारना रहा। यह चुनाव अगर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र िसंह शेखावत हार जाते तो शायद इतनी चर्चा नहीं होती जितनी चर्चा वैभव गहलोत के चुनाव हारने से हुई। वैभव के चुनाव के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरा जोर लगा िदया। गहलोत कई दिनों तक जोधपुर में टिके रहे पूरा परिवार ने शहर की गलियों में रेाड शो किए। लेकिन वैभव को सफलता नहीं दिला पाए। वैभव के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा जहां सचिन पायलट ने सभाएं कि गजेंद्र िसंह शेखावत के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा की इस सभा से ही अशोक गहलोत व नरेंद्र मोदी के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हुआ जो अभी तक जारी है। इस चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की साख दांव पर लगी थी। गहलोत ने अपनी सरकार के काम के नाम पर वोट मांगे थे। लेकिन मोदी लहर में वे अपने बेटे को हार से नहीं बचा पाए। हालात ऐसे बन गए कि सरदारपुरा िवधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनाव जीते थे यह उनका गढ माना जाता हैवहां भी वैभव गहलोत बढत नहीं बना पाए। लेकिन शेखावत की 2014 की करीब पांच लाख मतों की जीत का अंतर कम कर दिया। इस चुनाव में गजेंद्र सिंह शेखावत को 7,88, 888 मत प्राप्त हुए उन्होंने वैभव गहलोत को 2, 74, 440 मतों से हराया। खास बात यह भी कि मई में जहां लोकसभा चुनाव हुए थे उससे करीब 6 माह पहले ही विधानसभा चुनावों में जोधपुर संसदीय क्षेत्र की आठ में से 6 सीटें कांग्रेस ने जीती थी लेकिन एक भी कांग्रेस विधायक वैभव गहलोत को अपने क्षेत्र में बढत नहीं दिला सका।



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