जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ (Rajasthan highcourt) ने चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे इस आशय का हलफनामा पेश (Highcourt sought affidavit) करें कि छह साल में जो बजट सैंक्शन किया उसमें से कितना उपयोग (Budget released on medical facility in six years) हुआ. प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं को लेकर विधायक संयम लोढ़ा की ओर से दायर जनहित याचिका पर विस्तृत सुनवाई हुई. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश सीएस सोनगरा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान सुरेश नवल, निदेशक, डॉ. प्रताप सिंह, अपर. निर्देशक, डॉ. रवि प्रकाश, अतिरिक्त. निदेशक एवं डॉ. सुशील कुमार परमार,अतिरिक्त निदेशक (अस्पताल प्रशासन) वीसी के माध्यम से उपस्थित हुए.
सरकार की ओर से एएजी पंकज शर्मा के सहयोगी ऋषि सोनी ने पक्ष रखा. अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि चिकित्सा विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए प्रोसेस जारी है. कर्मचारी चयन बोर्ड से अनुरोध से भर्तियों के लिए अनुरोध किया गया लेकिन उनके पास पहले से ही कई भर्तियां होने की वजह से अगले साल अप्रैल, मई में ही संभव है. इसके बाद शीघ्र ही चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए एमएनआईटी, जयपुर से अनुरोध किया गया है.
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न्यायमित्र अधिवक्ता राजवेन्द्र सारस्वत ने कहा कि जो शपथपत्र पेश किया गया है जिसमें पिछले छह सालों में सीएचसी एवं पीएचसी में जो बजट सेक्शन किया है. उसकी जानकारी दी है लेकिन उसमें से कितने बजट का उपयोग किया उसकी जानकारी नहीं दी है. इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को मुकरर्र करते हुए अधिकारियों को इस आशय का हलफनामा पेश करने के लिए कहा कि बजट का उपयोग कितना हुआ है.