जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पति की ओर से पत्नी के खिलाफ दर्ज कराये गए मुकदमे में गिरफ्तारी पर पर अंतरिम रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता और अन्य को अनुसंधान में सहयोग के निर्देश दिये है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विमल कुमार माहेश्वरी ने याचिका पेश कर बताया कि याचिकाकर्ता ने 2013 में पति के साथ प्रेम विवाह किया था. विवाह के पश्चात पति की ओर से घरेलु हिंसा से प्रताड़ित होकर एक अन्य युवक के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी.
जिस पर पहले पति ने पत्नि और उसके परिवारजनों को तंग और परेशान करने की नियत से जोधपुर के हाउसिंग बोर्ड थाने में खरीद फरोख्त का झूठा मुकदमा दर्ज करा प्रताड़ित किया. याचिकाकर्ता ने बताया कि उसका पहला पति आदतन आपराधिक प्रवृत्ति का होने से पत्नी ने उसके खिलाफ 376 में पूर्व में एक मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन परिवार के कहने एवं बच्चों को देखते हुए राजीनामा कर दिया, लेकिन उसके बावजूद उसके पति में सुधार नहीं हुआ.
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ऐसे में पत्नी सिरोही के एक अन्य युवक के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी, इसकी जानकारी पति को होने पर उसने तंग और परेशान करने के लिए खरीद फरोख्त का झूठा मुकदमा दर्ज करा प्रताड़ित किया. कोर्ट ने मामले की प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए लिव इन रिलेशनशिप के दस्तावेजों के आधार पर गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई वही याचिकाकर्ता को अनुसंधान में सहयोग के निर्देश दिये गये.