ETV Bharat / city

पांच साल से पेंडिंग जांच को तीन माह में पूरा करने के निर्देश...

नगर निगम कर्मचारी के विरुद्ध पांच साल से पेंडिंग चल रहे मामले पर राजस्थान हाई कोर्ट ने पेंडिंग जांच अगले तीन महीने में पूरी करने के आदेश दिए हैं. वहीं एक दूसरे मामले में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को लैब तकनीशियन पदों हेतु याचीगण के आवेदन ऑनलाइन/ऑफलाइन लेने के अंतरिम आदेश देते हुए बोर्ड सहित राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है.

High Court order, Rajasthan High Court
पांच साल से पेंडिग जांच को तीन माह में पूरा करने के आदेश
author img

By

Published : Jul 4, 2020, 11:23 PM IST

Updated : Jul 6, 2020, 5:05 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस दिनेश मेहता ने एक रिट याचिका को निस्तारित करते हुए नगर निगम कर्मचारी के विरुद्ध पांच साल पेंडिंग जांच अगले तीन महीने में पूरी करने के आदेश दिए हैं. याचिकाकर्ता सुनील कुमार गुप्ता की ओर से अधिवक्ता हरीश पुरोहित ने रिट याचिका दायर कर कोर्ट को बताया, कि याचिकाकर्ता गत 29 फरवरी 20 को निगम से रिटायर हो गए हैं. चार महीने बाद भी न तो उसके सेवानिवृत्ति के परिलाभ की गणना की गई और न ही भुगतान किया गया.

पांच साल से पेंडिग जांच को तीन माह में पूरा करने के आदेश

कोर्ट को यह भी बताया गया, कि उसके विरुद्ध एक जांच लंबित होने की वजह से उसके सेवानिवृति परिलाभ रोके गए हैं. गत 29 अप्रैल 2015 में उसके विरुद्ध यह आरोप लगाए गए थे. जस्टिस मेहता ने याचिका को निस्तारित करते हुए नगर निगम को आदेश दिए हैं, यथासंभव जितनी जल्दी हो यानि आज से तीन महीने में जांच पूरी की जाए.

हाई कोर्ट ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड से मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस अरुण भंसाली एक याचिका की सुनवाई करते हुए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को लैब तकनीशियन पदों हेतु याचीगण के आवेदन ऑनलाइन/ ऑफलाइन लेने के अंतरिम आदेश देते हुए बोर्ड सहित राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को मुकरर्र की है. साथ ही यह भी आदेश दिया कि यह अंतरिम आदेश रिट याचिका के अंतिम फैसले के अध्यधीन रहेगा.

पढ़ें- हाईकोर्ट: हनुमानगढ़ जिला फुटबॉल एसोसिएशन के चुनाव पर रोक लगाने से इनकार

याचीगण राहुल कुमार जांगिड़, रोहित कलासुआ व 13 अन्य अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता यशपाल ख़िलेरी ने पक्ष रखा. अधिवक्ता खिलेरी ने याचिका पेश कर बताया कि याचीगण ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर की ओर से जारी पैरामेडिकल कोर्स 2016 के अनुसरण में डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज जोधपुर से तीन वर्षीय बीएससी-मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी में प्रवेश लिया था. जिसे 10.01.2020 को उत्तीर्ण कर चुके हैं और वर्तमान में इंटर्नशिप कर रहे हैं. जो दिनांक 13.07.2020 को पूर्ण हो जाएगी.

याचीगण की ओर से बताया गया कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड जयपुर ने दिनांक 12 जून 2020 को लैब तकनीशियन के 1119 पदों एवं सहायक रेडियोग्राफर के 1058 पदों हेतु नियमित भर्ती निकाली है. जिसमें पहले आवेदन करने की अन्तिम तिथि 2 जुलाई थी, जो अब बढ़ाकर 30 जुलाई कर दी गई है. याचीगण की इंटर्नशिप दिनांक 13 जुलाई को पूर्ण होकर राजस्थान मेडिकल कौंसिल में रजिस्टर्ड हो जाएंगे, लेकिन विज्ञप्ति में लैब तकनीशियन पद की योग्यता मेडिकल लैब तकनीशियन में डिप्लोमा होने के कारण उन्हें कंसीडर नहीं किया जा रहा है. क्योंकि याचीगण के पास मेडिकल लैब तकनीशियन में तीन वर्षीय स्नातक कोर्स योग्यता हैं.

पढ़ें- टोंक : कोर्ट परिसर में गार्ड ने लगाई फांसी, कारणों का खुलासा नहीं

याचीगण की ओर से बताया गया कि विभिन्न न्यायिक दृष्टांतों में यह निर्णीत किया जा चुका है कि आवेदक के समान विषय में उच्च योग्यता होने पर उसे अपेक्षित चाही गई न्यून योग्यता के लिए योग्य समझा जाएगा. याचीगण की ओर से अधिवक्ता ख़िलेरी ने बताया कि विज्ञप्ति में आवेदन की अंतिम दिनांक तक लैब तकनीशियन पद के लिए अपेक्षित योग्यता 12 वीं पास और मेडिकल लैब तकनीशियन में डिप्लोमा रखी गई और साथ ही मेडिकल कौंसिल में पंजीकृत होना आवश्यक है, जबकि याचीगण के पास उच्च योग्यता अर्थात बीएससी मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी योग्यता है.

डिप्लोमा दो वर्ष का होता है, जबकि डिग्री तीन साल की होती है. याचीगण की ओर से बताया गया कि याचिका में आवेदन की तिथि बढ़ाने की भी प्रार्थना की गई, लेकिन कर्मचारी चयन बोर्ड स्वयं ने ही आवेदन की अंतिम तिथि 30 जुलाई कर देने से उक्त प्रार्थना निर्रथक हो गई हैं, लेकिन उच्च योग्यता के बिंदु पर हाइकोर्ट से अंतरिम आदेश की गुहार लगाई गई.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस दिनेश मेहता ने एक रिट याचिका को निस्तारित करते हुए नगर निगम कर्मचारी के विरुद्ध पांच साल पेंडिंग जांच अगले तीन महीने में पूरी करने के आदेश दिए हैं. याचिकाकर्ता सुनील कुमार गुप्ता की ओर से अधिवक्ता हरीश पुरोहित ने रिट याचिका दायर कर कोर्ट को बताया, कि याचिकाकर्ता गत 29 फरवरी 20 को निगम से रिटायर हो गए हैं. चार महीने बाद भी न तो उसके सेवानिवृत्ति के परिलाभ की गणना की गई और न ही भुगतान किया गया.

पांच साल से पेंडिग जांच को तीन माह में पूरा करने के आदेश

कोर्ट को यह भी बताया गया, कि उसके विरुद्ध एक जांच लंबित होने की वजह से उसके सेवानिवृति परिलाभ रोके गए हैं. गत 29 अप्रैल 2015 में उसके विरुद्ध यह आरोप लगाए गए थे. जस्टिस मेहता ने याचिका को निस्तारित करते हुए नगर निगम को आदेश दिए हैं, यथासंभव जितनी जल्दी हो यानि आज से तीन महीने में जांच पूरी की जाए.

हाई कोर्ट ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड से मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस अरुण भंसाली एक याचिका की सुनवाई करते हुए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को लैब तकनीशियन पदों हेतु याचीगण के आवेदन ऑनलाइन/ ऑफलाइन लेने के अंतरिम आदेश देते हुए बोर्ड सहित राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को मुकरर्र की है. साथ ही यह भी आदेश दिया कि यह अंतरिम आदेश रिट याचिका के अंतिम फैसले के अध्यधीन रहेगा.

पढ़ें- हाईकोर्ट: हनुमानगढ़ जिला फुटबॉल एसोसिएशन के चुनाव पर रोक लगाने से इनकार

याचीगण राहुल कुमार जांगिड़, रोहित कलासुआ व 13 अन्य अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता यशपाल ख़िलेरी ने पक्ष रखा. अधिवक्ता खिलेरी ने याचिका पेश कर बताया कि याचीगण ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर की ओर से जारी पैरामेडिकल कोर्स 2016 के अनुसरण में डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज जोधपुर से तीन वर्षीय बीएससी-मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी में प्रवेश लिया था. जिसे 10.01.2020 को उत्तीर्ण कर चुके हैं और वर्तमान में इंटर्नशिप कर रहे हैं. जो दिनांक 13.07.2020 को पूर्ण हो जाएगी.

याचीगण की ओर से बताया गया कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड जयपुर ने दिनांक 12 जून 2020 को लैब तकनीशियन के 1119 पदों एवं सहायक रेडियोग्राफर के 1058 पदों हेतु नियमित भर्ती निकाली है. जिसमें पहले आवेदन करने की अन्तिम तिथि 2 जुलाई थी, जो अब बढ़ाकर 30 जुलाई कर दी गई है. याचीगण की इंटर्नशिप दिनांक 13 जुलाई को पूर्ण होकर राजस्थान मेडिकल कौंसिल में रजिस्टर्ड हो जाएंगे, लेकिन विज्ञप्ति में लैब तकनीशियन पद की योग्यता मेडिकल लैब तकनीशियन में डिप्लोमा होने के कारण उन्हें कंसीडर नहीं किया जा रहा है. क्योंकि याचीगण के पास मेडिकल लैब तकनीशियन में तीन वर्षीय स्नातक कोर्स योग्यता हैं.

पढ़ें- टोंक : कोर्ट परिसर में गार्ड ने लगाई फांसी, कारणों का खुलासा नहीं

याचीगण की ओर से बताया गया कि विभिन्न न्यायिक दृष्टांतों में यह निर्णीत किया जा चुका है कि आवेदक के समान विषय में उच्च योग्यता होने पर उसे अपेक्षित चाही गई न्यून योग्यता के लिए योग्य समझा जाएगा. याचीगण की ओर से अधिवक्ता ख़िलेरी ने बताया कि विज्ञप्ति में आवेदन की अंतिम दिनांक तक लैब तकनीशियन पद के लिए अपेक्षित योग्यता 12 वीं पास और मेडिकल लैब तकनीशियन में डिप्लोमा रखी गई और साथ ही मेडिकल कौंसिल में पंजीकृत होना आवश्यक है, जबकि याचीगण के पास उच्च योग्यता अर्थात बीएससी मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी योग्यता है.

डिप्लोमा दो वर्ष का होता है, जबकि डिग्री तीन साल की होती है. याचीगण की ओर से बताया गया कि याचिका में आवेदन की तिथि बढ़ाने की भी प्रार्थना की गई, लेकिन कर्मचारी चयन बोर्ड स्वयं ने ही आवेदन की अंतिम तिथि 30 जुलाई कर देने से उक्त प्रार्थना निर्रथक हो गई हैं, लेकिन उच्च योग्यता के बिंदु पर हाइकोर्ट से अंतरिम आदेश की गुहार लगाई गई.

Last Updated : Jul 6, 2020, 5:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.