जोधपुर. शनिवार को पूरे देश में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया. इस मौके पर जोधपुर में भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. वहीं, जोधपुर में इन दिनों हर्बल पार्क और जोधा प्रकृति उद्यान पर्यावरण संरक्षण में खास भूमिका निभा रहा है. जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग के पास 7 हेक्टेयर में फैले हर्बल पार्क को साल 2009 में एक सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य और वन विभाग की मदद से तैयार करवाया गया था.
वन भूमि पर बनाया गया पार्क हर्बल बेहद शानदार है. इस पार्क में 130 से अधिक औषधियां उगाई गई हैं, जोकि जरूरत पड़ने पर आम लोगों को निशुल्क भी उपलब्ध करवाई जाती है. हर्बल पार्क में पथरी, लकवा सहित अलग-अलग इलाज के लिए औषधियां उगाई गई है.
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सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य प्रसन्न पुरी गोस्वामी ने बताया कि पहाड़ों पर पेड़-पौधे उगाना हाथ में सरसों उगाने के बराबर था, लेकिन वन विभाग और प्रदेश सरकार की मदद से उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. किला रोड पर वन विभाग की भूमि पर हर्बल पार्क बनाया है, जिसमें वर्तमान समय में सैकड़ों औषधियां उगाई गई हैं, जो कि पर्यावरण संरक्षण के साथ ही आम लोगों के भी बेहद काम आ रही है.
प्रसन्न पूरी गोस्वामी ने बताया कि वर्तमान समय में हर्बल पार्क में उगाई जा रही. कई लोग यहां आते हैं और जरूरत के अनुसार निशुल्क यहां से औषधि लेकर जाते हैं. साथ ही इस पार्क में और भी औषधियों को उगाया जाएगा.
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वहीं, जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग की भूमि पर बना जोधा प्रकृति उद्यान साल 1985 में बनाया गया था. ये 3 चरणों में बना हुआ है. इस उद्यान में भी पहाड़ों पर पेड़-पौधे और वृक्ष लगाए गए हैं. इसमें फल-फूल के पेड़ भी यहां लगाए गए हैं. मेहरानगढ़ दुर्ग पर्यटकों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसी के चलते मेहरानगढ़ दुर्ग और जसवंत थड़ा के बीच की जगह पर जोधा प्रकृति उद्यान बनाया गया है, जो कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. जोधा प्रकृति उद्यान भी पर्यावरण संरक्षण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
इन उद्यानों में कर्मचारी दिन-रात पेड़ पौधों की देखरेख करते हैं. लंबे समय से उद्यान की देखभाल कर रहे सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य प्रसन्न पूरी गोस्वामी ने बताया कि पहले जब पार्क का काम शुरू हुआ था, तब संसाधनों की बेहद कमी थी. पानी की भी व्यवस्था नहीं थी. इसके बाद वन विभाग और मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट की मदद से संसाधनों को पूरा किया गया और उद्यानों को विकसित किया गया.