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आसाराम की अपील पर टली सुनवाई, 9 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

राजस्थान उच्च न्यायालय में अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से पेश अपील पर समयाभाव के चलते सोमवार को सुनवाई नहीं हो पाई. अब अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी.

hearing postponed on asaram appeal
आसाराम की अपील पर टली सुनवाई
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Published : Feb 1, 2021, 7:51 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में सोमवार को आसाराम की ओर से पेश अपील पर समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो पाई. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती की खंडपीठ में अपील सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी, लेकिन समयाभाव के चलते 9 फरवरी की तारीख मुकर्रर की गई है.

पढ़ें : चित्तौड़गढ़ में दलित महिला से मारपीट...मेडिकल के लिए भी भटकना पड़ा परिजन को

आसाराम की ओर से उच्च न्यायालय में उसकी ओर से सजा के खिलाफ पेश की गई अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता शिरीष गुप्ते व जोधपुर वरिष्ठ अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी व उनके सहयोगी प्रदीप सिंह चौधरी को पक्ष रखना था. गौरतलब है कि आसाराम अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

पढ़ें : आसाराम की अपील पर टली सुनवाई, अब 1 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

केन्द्रीय कारागृह में विशेष अदालत का गठन करते हुए एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा, जिनको पॉक्सो एक्ट के तहत दायर मामलों की सुनवाई करने के अधिकार था, करीब छह वर्ष की सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए जहां मुख्य अभियुक्त आसाराम को प्राकृतिक उम्र की समाप्ति तक के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. आसाराम के साथ ही सहयोगियों की अपील पर भी उसके साथ ही सुनवाई होगी.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय में सोमवार को आसाराम की ओर से पेश अपील पर समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो पाई. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती की खंडपीठ में अपील सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी, लेकिन समयाभाव के चलते 9 फरवरी की तारीख मुकर्रर की गई है.

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आसाराम की ओर से उच्च न्यायालय में उसकी ओर से सजा के खिलाफ पेश की गई अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता शिरीष गुप्ते व जोधपुर वरिष्ठ अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी व उनके सहयोगी प्रदीप सिंह चौधरी को पक्ष रखना था. गौरतलब है कि आसाराम अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

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केन्द्रीय कारागृह में विशेष अदालत का गठन करते हुए एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा, जिनको पॉक्सो एक्ट के तहत दायर मामलों की सुनवाई करने के अधिकार था, करीब छह वर्ष की सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए जहां मुख्य अभियुक्त आसाराम को प्राकृतिक उम्र की समाप्ति तक के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. आसाराम के साथ ही सहयोगियों की अपील पर भी उसके साथ ही सुनवाई होगी.

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