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आसाराम की रेगुलर पैरोल प्रथम याचिका पर सुनवाई, सरकार को नोटिस जारी, 21 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

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Published : Jan 6, 2020, 5:31 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट में नाबालिग के साथ यौन शोषण दुराचार के आरोपी आसाराम की ओर से रेगुलर पैरोल की प्रथम याचिका दायर की गई. याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है. वहीं, कोर्ट ने इस मामले में आगामी 21 जनवरी को सुनवाई होगी.

आसाराम की याचिका पर सुनवाई,  Hearing on Asaram petition
आसाराम

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में नाबालिग के साथ यौन शोषण दुराचार के आरोपी आसाराम की ओर से रेगुलर पैरोल की प्रथम याचिका दायर की गई. इससे पहले आसाराम की ओर से दायर की गई जमानत की सभी याचिकाएं खारिज हो चुकी है. रेगुलर प्रथम पैरोल की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई.

आसाराम ने लगाई रेगुलर पैरोल याचिका

बता दें कि आसाराम के भांजे रमेश भाई ने आसाराम की ओर से प्रथम रेगुलर पैरोल याचिका पेश की. इस याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस अभय चतुर्वेदी की कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल चौधरी और अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने पक्ष रखते हुए आसाराम के रेगुलर पैरोल के संवैधानिक अधिकार का हवाला दिया. जिस पर खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने जवाब देने के लिए समय मांगा. वहीं, कोर्ट ने इस मामले में आगामी 21 जनवरी को सुनवाई के लिए समय मुकर्रर किया है.

पढ़ें- कोटाः जेके लोन अस्पताल में 2 और बच्चों ने दम तोड़ा, 36 दिन में 112 नवजात की मौत

गौरतलब है कि 25 अप्रैल 2018 को एसटी-एससी कोर्ट के तत्कालीन पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा की कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अपने ही गुरुकुल की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में आसाराम को छिंदवाड़ा के आश्रम से गत 1 सितम्बर 2013 को गिरफ्तार किया था. तब से आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल की सलाखों के पीछे बंद है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में नाबालिग के साथ यौन शोषण दुराचार के आरोपी आसाराम की ओर से रेगुलर पैरोल की प्रथम याचिका दायर की गई. इससे पहले आसाराम की ओर से दायर की गई जमानत की सभी याचिकाएं खारिज हो चुकी है. रेगुलर प्रथम पैरोल की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई.

आसाराम ने लगाई रेगुलर पैरोल याचिका

बता दें कि आसाराम के भांजे रमेश भाई ने आसाराम की ओर से प्रथम रेगुलर पैरोल याचिका पेश की. इस याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस अभय चतुर्वेदी की कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल चौधरी और अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने पक्ष रखते हुए आसाराम के रेगुलर पैरोल के संवैधानिक अधिकार का हवाला दिया. जिस पर खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने जवाब देने के लिए समय मांगा. वहीं, कोर्ट ने इस मामले में आगामी 21 जनवरी को सुनवाई के लिए समय मुकर्रर किया है.

पढ़ें- कोटाः जेके लोन अस्पताल में 2 और बच्चों ने दम तोड़ा, 36 दिन में 112 नवजात की मौत

गौरतलब है कि 25 अप्रैल 2018 को एसटी-एससी कोर्ट के तत्कालीन पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा की कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अपने ही गुरुकुल की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में आसाराम को छिंदवाड़ा के आश्रम से गत 1 सितम्बर 2013 को गिरफ्तार किया था. तब से आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल की सलाखों के पीछे बंद है.

Intro:Body:आसाराम ने लगाई रेगुलर पैरोल याचिका सरकार को नोटिस जारी 21 जनवरी को होगी अगली सुनवाई


जोधपुर नाबालिक के साथ यौन शोषण दुराचार के आरोपी जोधपुर केंद्रीय कारागृह में आजीवन सजा भुगत रहे आसाराम की ओर से अब राजस्थान हाईकोर्ट में रेगुलर पैरोल की प्रथम याचिका दायर की गई है इससे पहले आसाराम की ओर से दायर की गई जमानत की सभी याचिकाएं खारिज हो चुकी थी रेगुलर प्रथम पैरोल की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई सुनवाई के दौरान आसाराम के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि यह उनका हक है नियमानुसार उन्हें रेगुलर प्रथम पैरोल मिलना चाहिए इस पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किए हैं मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी। आसाराम के भांजे रमेश भाई ने आसाराम की ओर से प्रथम रेगुलर पैरोल याचिका पेश की। इस याचिका पर आज हाईकोर्ट जस्टिस संदीप मेहता व जस्टिस अभय चतुर्वेदी की कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल चौधरी व अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने पक्ष रखते हुए आसाराम के रेगुलर पैरोल के संवैधानिक अधिकार का हवाला दिया। जिस पर खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने जवाब देने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने इस मामले में आगामी 21 जनवरी को सुनवाई के लिए समय मुकर्रर किया है। गौरतलब है कि 25 अप्रैल 2018 को एसटी-एससी कोर्ट के तत्कालीन पीठासीन अधिकारी मधुसूदन शर्मा की कोर्ट ने आसाराम को जीवन के अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई सुनाई थी। अपने ही गुरुकुल की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में आसाराम को छिंदवाड़ा के आश्रम से गत 1 सितम्बर 2013 को गिरफ्तार किया था। तब से आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल की सलाखों के पीछे बंद है।

बाईट प्रदीप चौधरी, अधिवक्ताConclusion:
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