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राजस्थान हाईकोर्ट: आसाराम की अपील पर सुनवाई टली, 8 मार्च को होगी अगली सुनवाई

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Published : Feb 9, 2021, 7:34 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट में आसाराम की ओर से पेश अपील पर सुनवाई टल गई. अगली सुनवाई 8 मार्च को होगी. आसाराम का वकील मुंबई से आना था. लेकिन किन्हीं कारणवश वह नहीं पहुंच पाया. आसाराम नाबालिग लड़की से रेप के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

rajasthan highcourt,  hearing on asaram appeal
आसाराम की अपील पर सुनवाई टली

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में आसाराम की ओर से पेश अपील पर सुनवाई टल गई. मुंबई से एडवोकेट के नहीं आने पर हाईकोर्ट ने सुनवाई टाल दी है. आसाराम नाबालिग लड़की से रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को आसाराम सहित अन्य दो आरोपियों की अपील सूचीबद्ध थी.

पढ़ें: राजस्थान विधानसभा के इतिहास में पहली बार राज्यपाल सदन में करेंगे संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन

आसाराम ने सजा के खिलाफ अपील पेश की थी. जिसको लेकर हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट शिरीष गुप्ते को पक्ष रखना था लेकिन वो आज मुम्बई से नहीं आ पाए. ऐसे में सुनवाई के लिए समय मांगा गया. जिसके बाद हाईकोर्ट ने 8 मार्च तक का समय दिया है. वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल सिंह चौधरी और उनके सहयोगी प्रदीप सिंह चौधरी को पक्ष रखना था.

केन्द्रीय कारागृह में विशेष अदालत का गठन करते हुए एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा जिनको पॉक्सो एक्ट के तहत दायर मामलों की सुनवाई करने के अधिकार था. करीब छह वर्ष की सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए मुख्य अभियुक्त आसाराम को प्राकृतिक उम्र की समाप्ति तक के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. आसाराम के साथ ही सहयोगियों की अपील पर भी उसके साथ ही सुनवाई होगी.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में आसाराम की ओर से पेश अपील पर सुनवाई टल गई. मुंबई से एडवोकेट के नहीं आने पर हाईकोर्ट ने सुनवाई टाल दी है. आसाराम नाबालिग लड़की से रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को आसाराम सहित अन्य दो आरोपियों की अपील सूचीबद्ध थी.

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आसाराम ने सजा के खिलाफ अपील पेश की थी. जिसको लेकर हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट शिरीष गुप्ते को पक्ष रखना था लेकिन वो आज मुम्बई से नहीं आ पाए. ऐसे में सुनवाई के लिए समय मांगा गया. जिसके बाद हाईकोर्ट ने 8 मार्च तक का समय दिया है. वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल सिंह चौधरी और उनके सहयोगी प्रदीप सिंह चौधरी को पक्ष रखना था.

केन्द्रीय कारागृह में विशेष अदालत का गठन करते हुए एससी-एसटी एक्ट कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा जिनको पॉक्सो एक्ट के तहत दायर मामलों की सुनवाई करने के अधिकार था. करीब छह वर्ष की सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाते हुए मुख्य अभियुक्त आसाराम को प्राकृतिक उम्र की समाप्ति तक के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. आसाराम के साथ ही सहयोगियों की अपील पर भी उसके साथ ही सुनवाई होगी.

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