जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर मुख्यपीठ ने राज्य के प्रत्येक जिले में गठित किशोर न्याय बोर्ड को लेकर सुनवाई करते हुए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाहा की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा और अनिल गौड़ ने पक्ष रखा.
पढ़ें- फोन टैपिंग लोकतंत्र की हत्या, गहलोत के दामन में अनगिनत दाग: गजेंद्र सिंह शेखावत
उन्होंने न्यायालय को बताया कि निदेशालय खान और भू विज्ञान राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेज रहा है. जिसमें सभी जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट एक निश्चित राशि राज्य खनिज फाउंडेशन के जरिए आवंटित करे. यह राशि बालकों की देखभाल और उनके उत्थान के लिए ही उपयोग ली जाएगी. इस पर न्यायालय ने कहा कि तीन सप्ताह में इसकी प्रगति रिपोर्ट पेश करें.
वहीं, बाल अधिकार कार्यकर्ता गोविंद बेनीवाल ने कहा कि राज्य में कई स्थानों पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को किशोर बोर्ड में प्रिसिंपल मजिस्ट्रेट नियुक्त कर रखा है, जिससे कार्य प्रभावित हो रहा है. बच्चों की जमानत आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं. इस पर न्यायालय ने कहा कि जल्द से जल्द राज्य न्यायिक अकादमी में प्रिसिंपल मजिस्ट्रेटों के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
किशोर न्याय बोर्ड में स्टाफ को लेकर दोबारा सोमवार को अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल गौड़ ने कहा कि हमने तो पिछले साल ही रजिस्ट्रार जनरल को पत्र भेज दिया था. इस पर न्यायालय ने कहा कि इस आदेश की एक प्रति रजिस्ट्रार जनरल को भेजे ताकि जल्द से जल्द रिक्त पदों पर नियुक्तियां दी जा सके. अब इस मामले में 23 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी.