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जोधपुरः कोरोना के चलते पीहर में ही रही गणगौर, नहीं निकली सवारी

प्रदेश में तीज का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से गणगौर को पीहर में ही रहने दिया गया. बता दें कि गणगौर को शुक्रवार रात पीहर से ससुराल ले जाया जाना था. जिसके चलते गाजे बाजे के साथ गणगौर की सवारी निकलनी थी. लेकिन प्रदेश में हालातों को देखते हुए ऐसा नहीं किया गया.

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Published : Mar 28, 2020, 3:00 PM IST

जोधपुर न्यूज, राजस्थान न्यूज, गणगौर पूजा, राजस्थान लॉकडाउन
जोधपुर में नहीं निकाली गई गणगौर की सवारी

जोधपुर. चैत्र शुक्ल तीज को गणगौर पीहर से ससुराल जाती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से गणगौर पीहर में ही है. बता दें कि दशकों चल रही परम्परा को कोरोना ने बदल दिया. गणगौर की प्रतिमा पर भी कोरोना से बचने का संदेश लिखा गया है कि मैं भी बाहर नहीं जा रही आप भी नहीं जाओ.

जोधपुर में नहीं निकाली गई गणगौर की सवारी

गणगौर माता का पूजन सुहागिने अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं. बता दें कि जहां महिलाएं सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर गणगौर का पूजन करा करती थी, वहीं अब माता का पूजन घरों में ही सीमित हो गया है. यही नहीं महिलाओं ने कोरोना से बचने का संदेश देते हुए गणगौर की मूर्ति पर मास्क लगाया है. इसके अलावा पूजन के दौरान भी सोशल डिस्टेंस की पालना की जा रही है.

जोधपुर में खास तौर से भीतरी शहर मुदड़ो की गली की गणगौर को तीज पर राखी हाउस स्थित ससुराल ले जाया जाता है. यह क्रम 60 वर्षों से चल रहा है. गणगौर को ले जाते समय भव्य सवारी निकाली जाती है. जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की भीड़ होती है.

पढ़ें- ईटीवी भारत का बड़ा असर: 2 दिन से भूखे-प्यासे 150 से ज्यादा मजदूरों को मिला खाना-पानी और मास्क, गुजरात से आगरा जा रहे थे मजदूर

बता दें कि जो इस बार शुक्रवार रात को निकाली जानी थी, लेकिन कोरोना के कारण नहीं निकाली गई. अलबत्ता जिस घर से गणगौर निकलती है उसे पीहर का दर्जा दिया गया है. वहां पर गणगौर की प्रतिमा पर संदेश लगाकर दर्शन के लिए खिड़की में रखा गया है, जिससे महिलाएं दर्शन कर रही हैं.

जोधपुर. चैत्र शुक्ल तीज को गणगौर पीहर से ससुराल जाती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से गणगौर पीहर में ही है. बता दें कि दशकों चल रही परम्परा को कोरोना ने बदल दिया. गणगौर की प्रतिमा पर भी कोरोना से बचने का संदेश लिखा गया है कि मैं भी बाहर नहीं जा रही आप भी नहीं जाओ.

जोधपुर में नहीं निकाली गई गणगौर की सवारी

गणगौर माता का पूजन सुहागिने अपने सुहाग की लंबी उम्र की कामना के लिए करती हैं. बता दें कि जहां महिलाएं सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर गणगौर का पूजन करा करती थी, वहीं अब माता का पूजन घरों में ही सीमित हो गया है. यही नहीं महिलाओं ने कोरोना से बचने का संदेश देते हुए गणगौर की मूर्ति पर मास्क लगाया है. इसके अलावा पूजन के दौरान भी सोशल डिस्टेंस की पालना की जा रही है.

जोधपुर में खास तौर से भीतरी शहर मुदड़ो की गली की गणगौर को तीज पर राखी हाउस स्थित ससुराल ले जाया जाता है. यह क्रम 60 वर्षों से चल रहा है. गणगौर को ले जाते समय भव्य सवारी निकाली जाती है. जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की भीड़ होती है.

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बता दें कि जो इस बार शुक्रवार रात को निकाली जानी थी, लेकिन कोरोना के कारण नहीं निकाली गई. अलबत्ता जिस घर से गणगौर निकलती है उसे पीहर का दर्जा दिया गया है. वहां पर गणगौर की प्रतिमा पर संदेश लगाकर दर्शन के लिए खिड़की में रखा गया है, जिससे महिलाएं दर्शन कर रही हैं.

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