जोधपुर. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोधपुर में पत्रकारों से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराब की दुकानें नहीं खुलनी चाहिए थी. हमें पहले दूसरी अन्य जरूरत की चीजों पर ध्यान देना चाहिए था. यह निर्णय सरकार ने क्यों लिया यह मुझे समझ में नहीं आया. साथ ही शेखावत ने खुद की ओर से जोधपुर और राजस्थान में सेना लगाने को लेकर उठाई बात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से राजनीति करने के आरोप पर कहा कि इसमें राजनीति की बात नहीं है.
शेखावत ने कहा कि जोधपुर में सरकारी व्यवस्था की असफलता से ही कोरोना फैला है. क्योंकि समय पर लॉकडाउन की पालना नहीं करवाई गई. इसके बाद समय पर कर्फ्यू नहीं लगाया गया. उन्होंने कहा लगाया भी गया तो उसकी पालना नहीं की गई. जिसके चलते जोधपुर में कोरोना लगातार फैल रहा है. ईटीवी भारत के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह स्थानीय प्रशासन की भी असफलता है.
पढ़ें- जोधपुर: ओसियां में टिड्डी दल ने चौपट की फसल, अन्नदाताओं पर संकट
शेखावत ने कहा कि लगातार टेस्टिंग से मरीजों के सामने आने को सफलता नहीं माना जा सकता. व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. उन्होंने बताया कि रात दो बजे मुझे जोधपुर के क्वॉरेंटाइन सेंटर से लोग फोन कर बताते हैं कि हाथ धोने के लिए साबुन तक नहीं है. खाने की गुणवत्ता खराब है. शेखावत ने कहा कि कोराना टेस्ट के लिए केंद्र सरकार आईसीएमआर के मार्फत पूरी तरह से जोधपुर सहित प्रदेश की मदद कर रहा है.
जोधुपर प्रशासन के आग्रह पर मैंने 2 हजार सैंपल दिल्ली से टेस्ट करवाए थे. किट की कमी पूरे देश में होने के बावजूद मेरी कोशिश है कि जोधपुर में यह परेशानी कम से कम हो. उन्होंने बताया कि मेरी मां भी गंभीर हैं जोधपुर में. लेकिन मैं लॉकडाउन की पालना के तहत नहीं जा सकता. डॉक्टर्स से ऑनलाइन कंसल्टेशन लेकर ही उपचार दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन दिनों वापस जो टिड्डी के हमले हो रहे हैं उसके लिए केंद्र सरकार ने टिड्डी नियंत्रक दल रवाना कर दिए हैं.
पढ़ें- EXCLUSIVE: ETV BHARAT के कैमरे पर देखिए राशन डीलर की अवैध वसूली का LIVE वीडियो
बस के बाद ट्रेन और उसके बाद पैकेज
शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत केंद्र से मांग करते रहे, जिसे पूरा भी किया गया. लेकिन कोरोना नियंत्रण में कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया. पहले बसे चलाने की अनुमति मांगी तो मिली, फिर ट्रेन तो भी मिली अब पैकेज मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को बराबर मदद भेजी है. लेकिन सरकार उसका उपयोग सही नहीं कर रही है.
गुजरात सरकार की तरह निर्णय लेना चाहिए
शेखावत ने कहा कि रामगंज में कोरोना फैलते ही सरकार को कड़ा कदम उठाना चाहिए था. जिस तरह से दो दिन में गुजरात में हालात बदले तो वहां की सरकार ने कड़े कदम उठाए. वैसे ही हमारी राज्य सरकार को भी उठाने चाहिए थे.
मेरा फोन भी मुश्किल से उठाते हैं
कांफ्रेंसिंग के दौरान जिला कलेक्टर सहित कई अधिकारियों की ओर से फोन नहीं उठाने की बात आई तो शेखावत ने कहा कि मेरा फोन भी तीन बार करने पर उठा रहे हैं. शेखावत ने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर पर खाने को लेकर कलेक्टर से बात की तो मुझे बताया गया कि अदम्य चेतना वाले सही खाना नहीं बना रहे हैं. मुझे ताज्जुब हुआ कि अगर अदम्य चेतना वाले खाना सही नहीं बना रहे हैं तो अब तक उनकी ओर से स्कूलों में जो बच्चों को भोजन दिया जाता था, उसकी गुणवत्ता क्या रही होगी.
नोडल अधिकारी के फोन बंद
शेखावत ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रवासियों को लाने के लिए राज्यवार नोडल अधिकारी लगाए हैं. जिनमें से कई लोगों को मैं सुबह से फोन कर रहा हूं किसी ने बंद कर रखे हैं, तो किसी ने डायवर्ट. सरकार ने खुद ही रात को आदेश जारी कर राज्य की सीमा सील कर दी. इससे पहले दो कलेक्टर के आपसी सामंजस्य से लोगों को अनुमति मिल रही थी. अब यह व्यवस्था राज्य सरकार के स्तर पर कर दी, इससे लोगों की परेशानी बढ़ेगी.