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Fraud in visa for Pakistan displaced persons : पाक​ विस्थापितों को वीजा दिलाने में दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने वाले चार गिरफ्तार - पाक​ विस्थापितों को वीजा

जोधपुर की उदयमंदिर थाना पुलिस ने दो पाकिस्तानी नागरिकों और दो स्थानीयों को पाक विस्थापित लोगों को भारतीय वीजा दिलाने में फर्जीवाड़ा किया है. पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने वीजा स्पॉनसर प्रमाण पत्र पर फर्जी सत्यापन (visa sponsorship certificate verification) कर फर्जीवाड़ा किया.

Fraud in visa for Pakistan displaced persons
पाक​ विस्थापितों को वीजा दिलाने में दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा
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Published : Jan 11, 2022, 4:17 PM IST

जोधपुर. पाकिस्तान से भारत आने वाले हिंदूओं को भारत का वीजा दिलाने के लिए दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने के मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. उदयमंदिर थाना पुलिस ने इस प्रकरण में नरेंद्र माली, सोहल रोहानी, चितरंजन उर्फ अशोक व शीतल भील को गिरफ्तार किया है.

आरोप है कि इन्होंने पाक नागरिकों (Pakistan displaced people in Jodhpur) के गारंटर के दस्तावेज बनाने में फर्जीवाड़ा किया था. गत वर्ष नवंबर में इसको लेकर सीआईडी इंटेलीजेंस ने उदयमंदिर थाने में पाक नागरिकों के स्थानीय गारंटरों और दस्तावेज बनाने वालों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया था. पुलिस के अनुसार पाक नागरिकों घमनलाल और उसके परिवार के आठ सदस्यों के भारत आने के लिए वीजा जारी करवाने के लिए सीआईडी इंटेलीजेंस में स्थानीय गारंटर महराज हरको ने आवेदन जमा करवाया था.

पढ़ें: पाक विस्थापित 132 नागरिक बने भारतीय, 3 हजार लोगों अभी इंतजार

इसी तरह से पाक नागरिक प्रीतम सहित दो जनों के लिए वीजा प्राप्त करने के लिए स्थानीय गारंटर नरसिंगराम की ओर से आवेदन जमा हुआ था. आवेदन के साथ स्पांशरशिप सर्टिफिकेट लगाना होता है, जिसके लिए राजपत्रित अधिकारी ही अधिकृत होता है. लेकिन आरोपियों ने इसके लिए तृतीय श्रेणी शिक्षक गौतमपुरी के नाम से व्याख्याता की सील बनाकर अटेस्टेड कर सील एव साइन कर दिए थे.

पढ़ें: Ground Report : हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी गहलोत सरकार पाक विस्थापितों को नहीं दे पा रही कोरोना टीका

सीआईडी इंटेलीजेंस की जांच में यह फर्जी पाया गया. गौतमपुरी ने इस तरह के दस्तावेज सत्यापित करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद इंटेलीजेंस के निरीक्षक मोहनदास ने स्थानीय गारंटरों को बुलाया जिन्होंने बताया कि कोर्ट परिसर में सोहेल रोहानी को अपने दस्तावेज तैयार करने के लिए पैसे दिए थे. उसने ही सभी दस्तावेज तैयार किए. बताया जा रहा है कि सोहेल पाक से आने वाले लोगों के वीजा के कागजात तैयार करता है. इसके चलते उसके पास सील थी, जिससे उसने दस्तावेज सत्यापित कर पेश कर दिए. पुलिस ने सोहेल से पूछताछ के आधार पर कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

पढ़ें: 15 पाक विस्थापितों को मिली भारतीय नागरिकता, कलेक्ट्रेट में लगे 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' के नारे

साला बहनोई करते हैं दस्तावेजों का काम

पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि भारत आने वाले पाक विस्थापितों के आठ जनों के परिवार का गारंटर महराज हरको था. जिसने सोहेल रोहानी से दस्तावेज तैयार करवाए थे. इसके लिए प्रति पासपोर्ट 500 रुपए वसूले गए. जबकि दो अन्य के लिए स्थानीय गारंटर नरसिंग राम ने चितरंजन उर्फ अशोक से दस्तावेज करवाए थे. सोहेल व अशोक रिश्ते में साला बहनोई हैं. सोहेल को भारत की नागरिकता मिल चुकी है. जबकि अशोक को अभी नागरिकता नहीं मिली है. उसके विरुद्ध पहले भी एसीबी में एक मामला चल रहा है. सीआईडी ने इस मामले में स्थानीय गारंटर को भी आरोपी बनाया है. इसके अलावा दो अन्य को पुलिस ने अपनी जांच में पकड़ा है. गारंटर की गिरफ्तारी अभी बाकी है.

जोधपुर. पाकिस्तान से भारत आने वाले हिंदूओं को भारत का वीजा दिलाने के लिए दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने के मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. उदयमंदिर थाना पुलिस ने इस प्रकरण में नरेंद्र माली, सोहल रोहानी, चितरंजन उर्फ अशोक व शीतल भील को गिरफ्तार किया है.

आरोप है कि इन्होंने पाक नागरिकों (Pakistan displaced people in Jodhpur) के गारंटर के दस्तावेज बनाने में फर्जीवाड़ा किया था. गत वर्ष नवंबर में इसको लेकर सीआईडी इंटेलीजेंस ने उदयमंदिर थाने में पाक नागरिकों के स्थानीय गारंटरों और दस्तावेज बनाने वालों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया था. पुलिस के अनुसार पाक नागरिकों घमनलाल और उसके परिवार के आठ सदस्यों के भारत आने के लिए वीजा जारी करवाने के लिए सीआईडी इंटेलीजेंस में स्थानीय गारंटर महराज हरको ने आवेदन जमा करवाया था.

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इसी तरह से पाक नागरिक प्रीतम सहित दो जनों के लिए वीजा प्राप्त करने के लिए स्थानीय गारंटर नरसिंगराम की ओर से आवेदन जमा हुआ था. आवेदन के साथ स्पांशरशिप सर्टिफिकेट लगाना होता है, जिसके लिए राजपत्रित अधिकारी ही अधिकृत होता है. लेकिन आरोपियों ने इसके लिए तृतीय श्रेणी शिक्षक गौतमपुरी के नाम से व्याख्याता की सील बनाकर अटेस्टेड कर सील एव साइन कर दिए थे.

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सीआईडी इंटेलीजेंस की जांच में यह फर्जी पाया गया. गौतमपुरी ने इस तरह के दस्तावेज सत्यापित करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद इंटेलीजेंस के निरीक्षक मोहनदास ने स्थानीय गारंटरों को बुलाया जिन्होंने बताया कि कोर्ट परिसर में सोहेल रोहानी को अपने दस्तावेज तैयार करने के लिए पैसे दिए थे. उसने ही सभी दस्तावेज तैयार किए. बताया जा रहा है कि सोहेल पाक से आने वाले लोगों के वीजा के कागजात तैयार करता है. इसके चलते उसके पास सील थी, जिससे उसने दस्तावेज सत्यापित कर पेश कर दिए. पुलिस ने सोहेल से पूछताछ के आधार पर कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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साला बहनोई करते हैं दस्तावेजों का काम

पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि भारत आने वाले पाक विस्थापितों के आठ जनों के परिवार का गारंटर महराज हरको था. जिसने सोहेल रोहानी से दस्तावेज तैयार करवाए थे. इसके लिए प्रति पासपोर्ट 500 रुपए वसूले गए. जबकि दो अन्य के लिए स्थानीय गारंटर नरसिंग राम ने चितरंजन उर्फ अशोक से दस्तावेज करवाए थे. सोहेल व अशोक रिश्ते में साला बहनोई हैं. सोहेल को भारत की नागरिकता मिल चुकी है. जबकि अशोक को अभी नागरिकता नहीं मिली है. उसके विरुद्ध पहले भी एसीबी में एक मामला चल रहा है. सीआईडी ने इस मामले में स्थानीय गारंटर को भी आरोपी बनाया है. इसके अलावा दो अन्य को पुलिस ने अपनी जांच में पकड़ा है. गारंटर की गिरफ्तारी अभी बाकी है.

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