जोधपुर. किसान आंदोलन के दौरान शुक्रवार रात को किसान समर्थक और छात्र नेता पुखराज चौधरी की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इस बीच इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जहां शव का कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इस मामले के बाद से ही मृतक के परिजन सहित अन्य लोग अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हैं.
साथ ही पूर्व संसदीय सचिव भैराराम सियोल भी मृतक के परिजनों के साथ मोर्चरी के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. मृतक की रिपोर्ट कोविड-19 आने के बाद पूर्व संसदीय सचिव भैराराम सियोल सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया है. भैराराम सियोल ने बताया कि सरकार द्वारा जबरन जांच रिपोर्ट को पॉजिटिव बताया गया. साथ ही यह सरकार की ओर से धरना समाप्त करवाने की चाल थी.
पूर्व संसदीय सचिव का कहना है कि जब तक सरकार द्वारा उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी और एम्स में शव का फिर से कोविड-19 जांच नहीं करवाया जाएगा, तब तक वे सभी अस्पताल के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे. उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार के दबाव से जोधपुर पुलिस द्वारा आंदोलन कर रहे किसानों पर धारा 304 के तहत मामले दर्ज करवाए गए, जो कि गलत है.
साथ ही आंदोलन कर रहे किसानों को परेशान करने के लिए जोधपुर जिला प्रशासन द्वारा हर मुमकिन कोशिश की गई. अब मृतक पुखराज चौधरी की रिपोर्ट पॉजिटिव बताकर धरना स्थल से किसानों को हटाया जा रहा है. भैराराम सियोल का साफ तौर पर करना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक वे लोग भूख हड़ताल पर बैठे ही रहेंगे.