जोधपुर. लॉकडाउन के 50 दिन बाद भी जोधपुर से मजूदरों का पलायन जारी है. शहर के बासनी स्थित औद्योगिक क्षेत्र में यूपी और बिहार के मजूदर अपने घर जाने के लिए प्रयासरत हैं. जबकि सरकार ने अब राज्य की सीमा ही सील कर दी है. ऐसे में इन्हें साधन नहीं मिल रहे हैं. कई बार मजदूर बस और ट्रेन लगने की सूचना के चलते घरों से निकलते हैं, लेकिन पुलिस उन्हें वापस घर में धकेल देती है.
जिसके बाद परेशान मजदूर पैदल ही अपने घर की राह पकड़ रहे हैं. शहर की स्टील इंडस्ट्री के 400 से 500 मजदूर यहां अटके हुए हैं. रुपए-पैसे सब खत्म हो चुके हैं. साथ ही खाने के भी लाले पड़ रहे हैं और फैक्ट्री भी बंद है. मालिक घर बैठे को वेतन नहीं दे रहे हैं. सिर्फ खर्चे के नाम पर छोटी सी रकम देते हैं. जिसके चलते मजदूर परेशान हैं.
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मजदूरों ने बताया कि पहले सरकार ने ही हमें भेजने के लिए कहा था, लेकिन अब सरकार ही रोक रही है. जबकि हमें हर हाल में अपने घर जाना है. क्योंकि काम सब ठप है और इसके चलते यहां रहना मुश्किल है. जोधपुर के बासनी और सांगरिया स्थित क्षेत्र में बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर काम करते हैं. इनमें गत माह ही कुछ मजदूरों को निजी बसों से उत्तर प्रदेश सीमा तक छोड़ा गया था.
लेकिन इसके बावजूद कई मजदूर रह गए हैं, जो अब लगातार घर जाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है. ऐसे में मजदूर पैदल ही घर की राह पकड़ते नजर आ रहे हैं. इसी तरह से बाड़मेर के पचपदरा स्थित रिफाइनरी प्रोजेक्ट के मजदूर भी सौ किलोमीटर पैदल चल जोधपुर पहुंच कर आगे जा रहे हैं.