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जोधपुर में ईको फ्रेंडली गणेश जीप पर सवार होकर दे रहे यातायात नियमों की जानकारी

जोधपुर में जगह-जगह गली मोहल्लों में सोमवार को विघ्नहर्ता भगवान गणेश के पांडाल स्थापित किए गए और प्रतिमाओं का पूजन प्रारंभ हो गया. शहर में करीब 500 पांडाल स्थापित किए गए हैं लेकिन इनमें कुछ पांडाल ऐसे हैं जो अपने आप में विशेष हैं.

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Published : Sep 3, 2019, 2:57 AM IST

जोधपुर. देश में गणेश चतुर्थी की धूम है. जोधपुर में भी जगह-जगह विघ्नहर्ता के पांडाल लगाए गए हैं, लेकिन इनमें से एक पांडाल जिले के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड पर लगा है जो विशेष है. इस पांडाल की खासियत यह है कि यहां गणेश प्रतिमा और गणेश की सवारी मूषक जनता को यातायात के नियमों की पालना का संदेश दे रहे हैं.

जोधपुर में लगाया गया ईको फ्रेंडली गणेश पांडाल

बता दें कि दोनों प्रतिमाओं को एक जीप में रखा गया है और मूषक को सीट बेल्ट के साथ वाहन चालक की जगह बिठाया गया है. इससे बड़ी बात यह है कि यह प्रतिमाएं पूरी तरह मिट्टी की बनी हैं और इनके ऊपर प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया गया है. जिससे पर्यावरण की रक्षा की जा सके.

आयोजकों का कहना है कि इन मूर्तियों का विसर्जन किसी तालाब में नहीं किया जाएगा. पांडाल परिसर में ही एक बड़े टब में पानी एकत्र कर इसे विसर्जित कर दिया जाएगा. विसर्जन के बाद जो मिट्टी बचेगी वह मोहल्ले के घरों को वितरित की जाएगी. जिसका उपयोग गमलों में पौधरोपण के लिए किया जा सकेगा.

यह भी पढ़ें : पहलू खान मॉब लिंचिंग केस : SIT कभी भी सौंप सकती है अपनी जांच रिपोर्ट, हो सकते हैं चौंकाने वाले खुलासे

जोधपुर नगर निगम के महापौर घनश्याम ओझा ने भी इस पांडाल की सराहना करते हुए इसे एक नवीनतम उदाहरण बताया. आयोजक ललित शर्मा का कहना है कि कई वर्षों तक हमने विसर्जन के बाद तालाबों में गणेश प्रतिमाओं की दुर्दशा देखी थी. जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि इको फ्रेंडली गणेश की स्थापना की जाए. समाजसेवी निर्मल गहलोत ने भी इस अनूठी पहल की सराहना की.

जोधपुर. देश में गणेश चतुर्थी की धूम है. जोधपुर में भी जगह-जगह विघ्नहर्ता के पांडाल लगाए गए हैं, लेकिन इनमें से एक पांडाल जिले के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड पर लगा है जो विशेष है. इस पांडाल की खासियत यह है कि यहां गणेश प्रतिमा और गणेश की सवारी मूषक जनता को यातायात के नियमों की पालना का संदेश दे रहे हैं.

जोधपुर में लगाया गया ईको फ्रेंडली गणेश पांडाल

बता दें कि दोनों प्रतिमाओं को एक जीप में रखा गया है और मूषक को सीट बेल्ट के साथ वाहन चालक की जगह बिठाया गया है. इससे बड़ी बात यह है कि यह प्रतिमाएं पूरी तरह मिट्टी की बनी हैं और इनके ऊपर प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया गया है. जिससे पर्यावरण की रक्षा की जा सके.

आयोजकों का कहना है कि इन मूर्तियों का विसर्जन किसी तालाब में नहीं किया जाएगा. पांडाल परिसर में ही एक बड़े टब में पानी एकत्र कर इसे विसर्जित कर दिया जाएगा. विसर्जन के बाद जो मिट्टी बचेगी वह मोहल्ले के घरों को वितरित की जाएगी. जिसका उपयोग गमलों में पौधरोपण के लिए किया जा सकेगा.

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जोधपुर नगर निगम के महापौर घनश्याम ओझा ने भी इस पांडाल की सराहना करते हुए इसे एक नवीनतम उदाहरण बताया. आयोजक ललित शर्मा का कहना है कि कई वर्षों तक हमने विसर्जन के बाद तालाबों में गणेश प्रतिमाओं की दुर्दशा देखी थी. जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि इको फ्रेंडली गणेश की स्थापना की जाए. समाजसेवी निर्मल गहलोत ने भी इस अनूठी पहल की सराहना की.

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Body:जोधपुर शहर में जगह-जगह गली मोहल्लों में सोमवार को विघ्नहर्ता भगवान गणेश के पांडाल स्थापित किए गए और प्रतिमाओं का पूजन प्रारंभ हो गया शहर में करीब 500 पांडाल स्थापित किए गए हैं लेकिन इनमें कुछ पांडाल ऐसे हैं जो विशेष हैं इनमें से एक पांडाल जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड का है इस पांडाल की खासियत यह है कि यहां की गणेश प्रतिमा और गणेश के सवार मूषक जनता को यातायात के नियमों की पालना का संदेश देते हैं दोनों प्रतिमाओं को एक जीप में रखा गया है और मूषक को वाहन चालक के जगह बिठाया गया है सीट बेल्ट के साथ इससे भी बड़ी बात यह है कि यह प्रतिमाएं पूरी तरह मिट्टी की बनी है और इनके ऊपर प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया गया है जिससे कि पर्यावरण की रक्षा की जा सके आयोजकों का कहना है कि इन मूर्तियों का विसर्जन किसी तालाब में नहीं किया जाएगा पांडाल परिसर में ही एक बड़े तब में पानी एकत्र कर इसे विसर्जित कर दिया जाएगा। विसर्जन के बाद जो मिट्टी बचेगी वह मोहल्ले के घरों को वितरित की जाएगी जिसका उपयोग गमलों में पौधरोपण के लिए किया जा सकेगा। जोधपुर नगर निगम के महापौर घनश्याम ओझा ने भी इस पांडाल की सराहना करते हुए इसे एक नवीनतम उदाहरण बताया आयोजक ललित शर्मा का कहना था कि कई वर्षों तक हमने विसर्जन के बाद तालाबों में गणेश प्रतिमाओं की दुर्दशा देखी थी, उसके बाद यह निर्णय लिया गया कि इको फ्रेंडली गणेश की स्थापना की जाए । समाजसेवी निर्मल गहलोत ने भी इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए आयोजकों के पर्यावरण के प्रति समर्पण की सराहना की।
bite 1 घनश्याम ओझा, महापोर जोधपुर नगर निगम
bite 2 ललित शर्मा, आयोजक समिति सदस्य
bite 3 निर्मल गहलोत, समाजसेवी


Conclusion:
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