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जोधपुर में बढ़ रहा ई चौपाल का चलन, कोरोना काल में कलेक्टर ने शुरू की नई व्यवस्था

कोरोना के चलते अधिकारियों के ग्रामीण क्षेत्रों में दौरे कम हो रहे हैं. ऐसे में जिले के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं और कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए जोधपुर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह की ओर से शुरू की गई ईचौपाल का नवाचार धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. जिला कलेक्टर ने 8 पंचायतों के लोगों से सीधे जुड़ कर उनसे संवाद किया और उनकी समस्याओं का निस्तारण भी किया.

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जोधपुर में बढ़ रहा ई चौपाल का चलन
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Published : Mar 11, 2021, 9:32 AM IST

जोधपुर. कोरोना के चलते अधिकारियों के ग्रामीण क्षेत्रों में दौरे कम हो रहे हैं. ऐसे में जिले के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं और कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए जोधपुर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह द्वारा शुरू की गई ईचौपाल का नवाचार धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. बीते दिनों में जिला कलेक्टर ने 8 पंचायतों के लोगों से सीधे जुड़ कर उनसे संवाद किया और उनकी समस्याओं का निस्तारण भी किया. इस कड़ी में बुधवार को जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह के साथ-साथ संभागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा भी चौपाल में शामिल हुए. राजीव गांधी सेवा केंद्र के वीसी रूम से बुधवार को जिला प्रशासन ने जिले के पीपाड़ उपखंड के नानन ग्राम पंचायत के लोगों से बातचीत की.

जोधपुर में बढ़ रहा ई चौपाल का चलन

देर शाम तक चली ई-चौपाल में ग्रामीणों ने ढाणीयों में आने जाने के कटान रास्ते की समस्या, पानी की समस्या, मिनी आंगनबाड़ी खुलवाने, डामर सड़क और आबादी सीमा विस्तार की समस्याएं बताई. जिला कलेक्टर ने सीधे संबंधित अधिकारियों से कार्रवाई करने के निर्देश दिए. प्रत्येक ई-चौपाल से करीब 10 दिन पहले जिला मुख्यालय से संबंधित उपखंड के उपखंड अधिकारी को सूचना दी जाती है और उस क्षेत्र से जुड़ी सभी योजनाओं का प्रतिवेदन तैयार करवाया जाता है कि चौपाल में उपखंड अधिकारी के साथ-साथ क्षेत्र के सभी अधिकारी मौजूद रहते हैं, तो दूसरी ओर जिला मुख्यालय पर जिला कलेक्टर के साथ प्रमुख विभागों के सभी अधिकारी भी मौजूद रहते हैं. ग्रामीणों की बात को सुना जाता है. परेशानियों का तुरंत निस्तारण के आदेश भी जारी होते हैं, जिला मुख्यालय का अधिकारी उपखंड के अधिकारी को निर्देशित करता है और समस्या का समाधान भी उसी दौरान चौपाल में किया जाता है.

यह भी पढ़ें- तीन संतानों का त्याग करके प्रेमी के संग महिला ने जाने की जताई इच्छा

बुधवार को हुई की चौपाल में संभागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा पहली बार शामिल हुए. उन्होंने कहा कि राजस्थान में यह अपने आप में अलग तरह का नवाचार है, जिसमें समय और धन की बचत होती है और लोगों को तुरंत समाधान भी मिल जाता है. जिला कलेक्टर का कहना था कि इस व्यवस्था को धीरे-धीरे और अधिक प्रचलित कर आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे प्रशासन का लोगों के बीच सीधा सवाल दो सके और दूरी कम हो. ई-चौपाल के लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट सहित अन्य आवश्यक उपकरण की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है.

जोधपुर. कोरोना के चलते अधिकारियों के ग्रामीण क्षेत्रों में दौरे कम हो रहे हैं. ऐसे में जिले के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं और कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए जोधपुर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह द्वारा शुरू की गई ईचौपाल का नवाचार धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. बीते दिनों में जिला कलेक्टर ने 8 पंचायतों के लोगों से सीधे जुड़ कर उनसे संवाद किया और उनकी समस्याओं का निस्तारण भी किया. इस कड़ी में बुधवार को जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह के साथ-साथ संभागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा भी चौपाल में शामिल हुए. राजीव गांधी सेवा केंद्र के वीसी रूम से बुधवार को जिला प्रशासन ने जिले के पीपाड़ उपखंड के नानन ग्राम पंचायत के लोगों से बातचीत की.

जोधपुर में बढ़ रहा ई चौपाल का चलन

देर शाम तक चली ई-चौपाल में ग्रामीणों ने ढाणीयों में आने जाने के कटान रास्ते की समस्या, पानी की समस्या, मिनी आंगनबाड़ी खुलवाने, डामर सड़क और आबादी सीमा विस्तार की समस्याएं बताई. जिला कलेक्टर ने सीधे संबंधित अधिकारियों से कार्रवाई करने के निर्देश दिए. प्रत्येक ई-चौपाल से करीब 10 दिन पहले जिला मुख्यालय से संबंधित उपखंड के उपखंड अधिकारी को सूचना दी जाती है और उस क्षेत्र से जुड़ी सभी योजनाओं का प्रतिवेदन तैयार करवाया जाता है कि चौपाल में उपखंड अधिकारी के साथ-साथ क्षेत्र के सभी अधिकारी मौजूद रहते हैं, तो दूसरी ओर जिला मुख्यालय पर जिला कलेक्टर के साथ प्रमुख विभागों के सभी अधिकारी भी मौजूद रहते हैं. ग्रामीणों की बात को सुना जाता है. परेशानियों का तुरंत निस्तारण के आदेश भी जारी होते हैं, जिला मुख्यालय का अधिकारी उपखंड के अधिकारी को निर्देशित करता है और समस्या का समाधान भी उसी दौरान चौपाल में किया जाता है.

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बुधवार को हुई की चौपाल में संभागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा पहली बार शामिल हुए. उन्होंने कहा कि राजस्थान में यह अपने आप में अलग तरह का नवाचार है, जिसमें समय और धन की बचत होती है और लोगों को तुरंत समाधान भी मिल जाता है. जिला कलेक्टर का कहना था कि इस व्यवस्था को धीरे-धीरे और अधिक प्रचलित कर आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे प्रशासन का लोगों के बीच सीधा सवाल दो सके और दूरी कम हो. ई-चौपाल के लिए जिले की सभी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट सहित अन्य आवश्यक उपकरण की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है.

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