जोधपुर. कोरोना की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों की प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. इसी कारण की वजह से अब सरकारी अस्पतालों में बच्चों के उपचार के लिए सुविधाएं विकसित की जा रही है, जिससे अगर संक्रमण का खतरा बढ़ता है तो उससे मुकाबला किया जा सके.
डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के संबंधित अस्पतालों में भी इसको लेकर काम शुरू हो गया है. संभाग के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संस्थान उम्मेद अस्पताल में भी कोरोना के तीसरी लहर से मुकाबले के लिए सुविधाएं विकसित की जा रही है.
हाल ही में दानदाताओं के सहयोग से यहां एक नया पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड बनाया गया है. जिसमें सभी तरह की अत्याधुनिक व्यवस्थाएं की गई है. अस्पताल के प्रोफेसर डॉ. आर एस जोधा ने बताया कि अस्पताल में 380 बेड पर ऑक्सीजन पॉइंट लगाए जा रहे हैं, जिससे ऑक्सीजन की कमी नहीं रहे. इसके अलावा नए ऑक्सीजन प्लांट का भी काम जारी है.
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उम्मेद अस्पताल की तरह ही मथुरादास माथुर अस्पताल की जननांग में भी बच्चों के उपचार की सुविधा है. ऐसे में इस जनाना विंग को भी विकसित किया जा रहा है. हालांकि अभी यहां कोरोना के मरीजों का उपचार होता है. वर्तमान में सिर्फ 40 मरीज ही भर्ती है. जल्दी ही यह बिल्डिंग खाली हो जाएगी. इसके बाद यहां एनआईसीयू और पीआईसीयू तैयार किया जाएगा.
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी ने बताया कि यहां 60 बेड का एनआईसीयू और 150 बेड का पीआईसीयू तैयार किया जाएगा. इसके अलावा 30 बेड का एडल्ट आईसीयू भी नया बनेगा.