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डॉक्टर ने कहा- सरकारी रेडियोग्राफर बना दूंगा...16 लाख लेकर अचानक हो गया गायब - jodhpur doctor fraud

जोधपुर में कथित डॉक्टर ने मेडिकल की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को चूना लगा दिया. डॉक्टर ने झांसा दिया कि वह मेडिकल स्टूडेंट्स की सरकारी नौकरी लगवा देगा. 5 स्टूडेंट उसके झांसे में भी आ गये. डॉक्टर ने उनसे 16 लाख रुपये बटोरे और चंपत हो गया.

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Published : Jul 16, 2021, 4:12 PM IST

जोधपुर. सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर एक कथित डॉक्टर ने लोगों से 16 लाख की ठगी कर दी. खास बात ये है कि डॉक्टर ने यह ठगी एमबीबीएस कर रहे मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ की.

चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाना पुलिस के अनुसार भोपालगढ निवासी पीड़ित महादेव चोटिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जब वह यूक्रेन में एमबीबीएस की पढाई कर रहा था तो उसकी पहचान ओसियां के बिरामी कला निवासी सुखदेव उर्फ ​ऋषि से हुई. ऋषि ने उसे बताया कि वह भी एमबीबीएस कर रहा है.

कुछ समय बाद ऋषि वापस जोधपुर आ गया. जून 2020 में लॉकडाउन लगा तो महादेव भी भोपालगढ आ गया. यहां आने के बाद ऋषि ने महादेव से संपर्क किया और बताया कि उसकी नौकरी एमडीएम में लग गई है. उसने कहा कि उसकी 'ऊपर' तक जान पहचान है और वह सरकारी नौकरी लगवा सकता है.

उसने महादेव से कहा कि परिवार में अगर कोई रेडियोग्राफर की भर्ती में सलेक्ट होना चाहता है तो मैं यह काम करा सकता हूं. पीड़ित ने बताया कि ऋषि भोपालगढ़ स्थित घर आता-जाता था. उसने परिवार को विश्वास में ले लिया. उस पर भरोसा कर पीड़ित ने अपनी बहन शर्मिला और मौसी के बेटे मनीष को रेडियोग्राफर बनाने के लिए 2020 में 5 लाख रुपये दे दिये.

पढ़ें- राजस्थान में घटते मामलों के बीच अगस्त के अंत तक कोरोना की तीसरी लहर! ICMR ने चेताया

इसके बाद सीएचओ की भर्ती के लिए पीड़ित ने अपने ममेरे भाइयों को नौकरी लगाने के लिए नवबर 2020 में 8 लाख रुपए नगद दे दिये. इसके बाद एक और ममेरे भाई को एफसीआई में सुपरवाइजर बनाने के नाम पर ऋषि ने महादेव से 3 लाख रुपए ले लिये. इस तरह कुल 16 लाख रुपए देने के बावजूद जब किसी की नौकरी नहीं लगी तो पीड़ित ने ऋषि पर पैसे वापस देने का दबाव बनाना शुरू किया. पैसे मांगने पर ऋषि ने धमकाया. जान से मारने की धमकी दी.

आरोपी ऋषि चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाना क्षेत्र स्थित उद्यान अपार्टमेंट परिसर में ही किराए पर रहता था. कुछ समय पहले ही वह अपनी पत्नी के साथ नए फ्लैट में शिफ्ट हुआ था. कुछ समय बाद अचानक वह गायब हो गया. इस पर मकान मालिक ने भी फ्लैट को ताला लगा दिया. तीन चार दिन पहले ही उसका भाई मकान खाली करवाने के लिए गाडी लेकर आया तो परिवादी मौके पर पहुंच गया. जिसके बाद पुलिस ने सामान से भरी मिनी ट्रक भी थाने में रखवा ली.

जांच अधिकारी धन्नाराम के अनुसार अभी यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि ऋषि उर्फ डॉ सुखदेव किसी अस्पताल में काम करता भी है या नहीं. ऋषि की तलाश के लिए पुलिस प्रयास कर रही है.

जोधपुर. सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर एक कथित डॉक्टर ने लोगों से 16 लाख की ठगी कर दी. खास बात ये है कि डॉक्टर ने यह ठगी एमबीबीएस कर रहे मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ की.

चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाना पुलिस के अनुसार भोपालगढ निवासी पीड़ित महादेव चोटिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जब वह यूक्रेन में एमबीबीएस की पढाई कर रहा था तो उसकी पहचान ओसियां के बिरामी कला निवासी सुखदेव उर्फ ​ऋषि से हुई. ऋषि ने उसे बताया कि वह भी एमबीबीएस कर रहा है.

कुछ समय बाद ऋषि वापस जोधपुर आ गया. जून 2020 में लॉकडाउन लगा तो महादेव भी भोपालगढ आ गया. यहां आने के बाद ऋषि ने महादेव से संपर्क किया और बताया कि उसकी नौकरी एमडीएम में लग गई है. उसने कहा कि उसकी 'ऊपर' तक जान पहचान है और वह सरकारी नौकरी लगवा सकता है.

उसने महादेव से कहा कि परिवार में अगर कोई रेडियोग्राफर की भर्ती में सलेक्ट होना चाहता है तो मैं यह काम करा सकता हूं. पीड़ित ने बताया कि ऋषि भोपालगढ़ स्थित घर आता-जाता था. उसने परिवार को विश्वास में ले लिया. उस पर भरोसा कर पीड़ित ने अपनी बहन शर्मिला और मौसी के बेटे मनीष को रेडियोग्राफर बनाने के लिए 2020 में 5 लाख रुपये दे दिये.

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इसके बाद सीएचओ की भर्ती के लिए पीड़ित ने अपने ममेरे भाइयों को नौकरी लगाने के लिए नवबर 2020 में 8 लाख रुपए नगद दे दिये. इसके बाद एक और ममेरे भाई को एफसीआई में सुपरवाइजर बनाने के नाम पर ऋषि ने महादेव से 3 लाख रुपए ले लिये. इस तरह कुल 16 लाख रुपए देने के बावजूद जब किसी की नौकरी नहीं लगी तो पीड़ित ने ऋषि पर पैसे वापस देने का दबाव बनाना शुरू किया. पैसे मांगने पर ऋषि ने धमकाया. जान से मारने की धमकी दी.

आरोपी ऋषि चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाना क्षेत्र स्थित उद्यान अपार्टमेंट परिसर में ही किराए पर रहता था. कुछ समय पहले ही वह अपनी पत्नी के साथ नए फ्लैट में शिफ्ट हुआ था. कुछ समय बाद अचानक वह गायब हो गया. इस पर मकान मालिक ने भी फ्लैट को ताला लगा दिया. तीन चार दिन पहले ही उसका भाई मकान खाली करवाने के लिए गाडी लेकर आया तो परिवादी मौके पर पहुंच गया. जिसके बाद पुलिस ने सामान से भरी मिनी ट्रक भी थाने में रखवा ली.

जांच अधिकारी धन्नाराम के अनुसार अभी यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि ऋषि उर्फ डॉ सुखदेव किसी अस्पताल में काम करता भी है या नहीं. ऋषि की तलाश के लिए पुलिस प्रयास कर रही है.

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