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खेजड़ली शहीद स्मारक निर्माण से जुड़े अभियंता को कलेक्टर ने किया सस्पेंड, शिलालेख गिर जाने का मामला - Inscriptions of Khejadli Martyr Memorial fell

खेजड़ली शहीद स्मारक में लगे शिलालेख गिर जाने के मामले में जिला कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए कनिष्ठ अभियंता को निलंबित कर (district collector suspended junior engineer) दिया. पिछले दिनों हुई बारिश हल्की बूंदाबांदी और तेज हवाओं से स्मारक के शिलालेख गिर गए थे. जिसके बाद लोहे के एंगल से वापस सहारा देकर लगाया गया था.

collector suspended the junior engineer
खेजड़ली शहीद स्मारक में लगे लेख
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Published : Jul 8, 2022, 11:11 PM IST

जोधपुर. पर्यावरण प्रेमियों के लिए तीर्थ स्थल माने जाने वाले खेजड़ली गांव में बनाए गए शहीद स्मारक में लगे शिलालेख के गिर जाने के मामले में जिला कलेक्टर ने शुक्रवार को जोधपुर विकास प्राधिकरण के एक जेईएन को निलंबित कर दिया (district collector suspended junior engineer) है. जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया की जोधपुर विकास प्राधिकरण के कनिष्ठ अभियन्ता विशाल राजपुरोहित शहीद स्मारक निर्माण से जुड़े थे. प्रारंभिक जांच के बाद निलंबित किया गया है.

खेजड़ली में पर्यावरण प्रेमियों के संदेश में 363 लोगों के शिलालेख लगाए गए थे: उन्होंने बताया कि जेईएन का निलंबन के दौरान मुख्यालय उप निदेशक (स्थानीय निकाय विभाग) कार्यालय, जोधपुर रहेगा. उनके विरुद्ध विभागीय जांच भी अभी चल रही है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने बजट में खेजड़ली में पर्यावरण प्रेमियों को संदेश देने के लिए यहां शहीद हुए 363 लोगों के नामों के शिलालेख लगाए थे. साथ ही अमृता देवी विश्नोई की प्रतिमा भी लगाई थी.

पढ़ें:जोधपुर के खेजड़ली में पर्यावरण शहीदों का स्मारक : पेड़ के लिए बलिदान होने वाले 363 लोगों के नाम अंकित

शहीद स्मारक का अभी नहीं हुआ उद्घाटन: इस शहीद स्मारक का अभी उद्घाटन नहीं हुआ है राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप जोधपुर विकास प्राधिकरण ने 43 लाख रुपए की लागत से इसे तैयार करवाया था. लेकिन पिछले दिनों हुई बूंदाबादी और तेज हवाओं के बीच यहां आधे से ज्यादा शिलालेख गिर गए. जिसको लेकर लोगों ने रोष भी जताया और जोधपुर विकास प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए गए. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए थे. इसके अलावा स्मारक को वापस तैयार भी करवाया गया. प्रारंभिक जांच के बाद इस निर्माण कार्य से सीधे जुड़े कनिष्ठ अभियंता विशाल राजपुरोहित की लापरवाही सामने आई. जिसके बाद शुक्रवार को उन्हें निलंबित कर दिया गया है.

6 फिट के शिलालेख को डेढ़ इंच के आधार पर लगाया: जेडीए की ओर से तैयार किए गए इस स्मारक के बीचोंबीच अमृता देवी विश्नोई की मूर्ति लगाई गई है और चारों तरफ शिलालेख में 363 लोगों के नाम लगाए गए हैं. जिन्होंने पेड़ों के लिए अपनी जान दी थी. करीब 6 फीट के शिलालेख को जिस आधार पर लगाया गया उसकी गहराई सिर्फ डेढ़ इंच थी. तेज हवाएं चलने से गोलाई ने लगे शिलालेख दबाव सहन नही कर पाए और गिर गए थे. इसमें निर्माण में खामी और गुणवत्ता की भी कमी पाई गई थी.

जोधपुर. पर्यावरण प्रेमियों के लिए तीर्थ स्थल माने जाने वाले खेजड़ली गांव में बनाए गए शहीद स्मारक में लगे शिलालेख के गिर जाने के मामले में जिला कलेक्टर ने शुक्रवार को जोधपुर विकास प्राधिकरण के एक जेईएन को निलंबित कर दिया (district collector suspended junior engineer) है. जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया की जोधपुर विकास प्राधिकरण के कनिष्ठ अभियन्ता विशाल राजपुरोहित शहीद स्मारक निर्माण से जुड़े थे. प्रारंभिक जांच के बाद निलंबित किया गया है.

खेजड़ली में पर्यावरण प्रेमियों के संदेश में 363 लोगों के शिलालेख लगाए गए थे: उन्होंने बताया कि जेईएन का निलंबन के दौरान मुख्यालय उप निदेशक (स्थानीय निकाय विभाग) कार्यालय, जोधपुर रहेगा. उनके विरुद्ध विभागीय जांच भी अभी चल रही है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने बजट में खेजड़ली में पर्यावरण प्रेमियों को संदेश देने के लिए यहां शहीद हुए 363 लोगों के नामों के शिलालेख लगाए थे. साथ ही अमृता देवी विश्नोई की प्रतिमा भी लगाई थी.

पढ़ें:जोधपुर के खेजड़ली में पर्यावरण शहीदों का स्मारक : पेड़ के लिए बलिदान होने वाले 363 लोगों के नाम अंकित

शहीद स्मारक का अभी नहीं हुआ उद्घाटन: इस शहीद स्मारक का अभी उद्घाटन नहीं हुआ है राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप जोधपुर विकास प्राधिकरण ने 43 लाख रुपए की लागत से इसे तैयार करवाया था. लेकिन पिछले दिनों हुई बूंदाबादी और तेज हवाओं के बीच यहां आधे से ज्यादा शिलालेख गिर गए. जिसको लेकर लोगों ने रोष भी जताया और जोधपुर विकास प्राधिकरण की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए गए. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए थे. इसके अलावा स्मारक को वापस तैयार भी करवाया गया. प्रारंभिक जांच के बाद इस निर्माण कार्य से सीधे जुड़े कनिष्ठ अभियंता विशाल राजपुरोहित की लापरवाही सामने आई. जिसके बाद शुक्रवार को उन्हें निलंबित कर दिया गया है.

6 फिट के शिलालेख को डेढ़ इंच के आधार पर लगाया: जेडीए की ओर से तैयार किए गए इस स्मारक के बीचोंबीच अमृता देवी विश्नोई की मूर्ति लगाई गई है और चारों तरफ शिलालेख में 363 लोगों के नाम लगाए गए हैं. जिन्होंने पेड़ों के लिए अपनी जान दी थी. करीब 6 फीट के शिलालेख को जिस आधार पर लगाया गया उसकी गहराई सिर्फ डेढ़ इंच थी. तेज हवाएं चलने से गोलाई ने लगे शिलालेख दबाव सहन नही कर पाए और गिर गए थे. इसमें निर्माण में खामी और गुणवत्ता की भी कमी पाई गई थी.

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