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कांग्रेस में हार की निराशा जारी...अभी तक निकाय चुनाव का रोड मैप तैयार नहीं - कांग्रेस में हार की निराशा

जयपुर में निकाय चुनाव सिर पर हैं. लेकिन लोकसभा में हार से कांग्रेस पार्टी अभी नहीं उभर पाई है. निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस धड़े ने कोई रोड मैप तैयारी नहीं किया गया है.

निकाय चुनाव सिर पर, नहीं बनीअभी कांग्रेस के नेताओं की सूची
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Published : Aug 3, 2019, 3:02 PM IST

जयपुर. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार का गम कहें या कुछ और चुनाव परिणाम को बीते 2 महीने हो चुके हैं. लेकिन, कांग्रेस नेता इस हार के गम से बाहर आने को तैयार नहीं है. नगर निकाय के चुनाव सिर पर हैं ऐसे में नेताओं की उदासीनता को लेकर कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चाएं हैं. 2 महीने में प्रदेश में निकाय चुनाव का बिगुल बज जाएगा. लेकिन, निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस के संगठनात्मक गतिविधियों और कामकाज शुरू ही नहीं हो सके हैं.

निकाय चुनाव सिर पर, नहीं बनी अभी तक कांग्रेस के नेताओं की सूची

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जबकि भाजपा ने निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू करने के साथ ही संगठन को चुस्त दुरुस्त करने के लिए बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान भी शुरू कर दिया है. वहीं कांग्रेस नेता लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही हाथ पर हाथ धरकर बैठे हैं. निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर कोई रोड मेप नहीं बनाया जा रहा है. संगठनात्मक ढांचे में तब्दीली की जा रही है.

पढ़े- अलवर में किसान की 7 बीघा जमीन हड़पी...शक के दायरे में तहसीलदार, पटवारी और सरपंच


पार्टी के भीतर अब सवाल खड़े हो गए हैं कि आधी अधूरी तैयारियों के साथ निकाय चुनाव में कैसे कांग्रेस भाजपा का मुकाबला कर पाएगी. वहीं संगठनात्मक गतिविधियां नहीं होने और नेताओं की उदासीनता के चलते पार्टी का कार्यकर्ता भी हताश नजर आ रहा है. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में भी सन्नाटा पसरा रहता है. नेताओं के नाम पर चार से पांच पदाधिकारी ईपीसीसी में नजर आते हैं. हालांकि, दिवंगत नेता की जयंती या पुण्यतिथि पर जरूर कुछ एक पदाधिकारी नजर आ जाते हैं.

जयपुर. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार का गम कहें या कुछ और चुनाव परिणाम को बीते 2 महीने हो चुके हैं. लेकिन, कांग्रेस नेता इस हार के गम से बाहर आने को तैयार नहीं है. नगर निकाय के चुनाव सिर पर हैं ऐसे में नेताओं की उदासीनता को लेकर कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चाएं हैं. 2 महीने में प्रदेश में निकाय चुनाव का बिगुल बज जाएगा. लेकिन, निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस के संगठनात्मक गतिविधियों और कामकाज शुरू ही नहीं हो सके हैं.

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जबकि भाजपा ने निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू करने के साथ ही संगठन को चुस्त दुरुस्त करने के लिए बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान भी शुरू कर दिया है. वहीं कांग्रेस नेता लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही हाथ पर हाथ धरकर बैठे हैं. निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर कोई रोड मेप नहीं बनाया जा रहा है. संगठनात्मक ढांचे में तब्दीली की जा रही है.

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पार्टी के भीतर अब सवाल खड़े हो गए हैं कि आधी अधूरी तैयारियों के साथ निकाय चुनाव में कैसे कांग्रेस भाजपा का मुकाबला कर पाएगी. वहीं संगठनात्मक गतिविधियां नहीं होने और नेताओं की उदासीनता के चलते पार्टी का कार्यकर्ता भी हताश नजर आ रहा है. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में भी सन्नाटा पसरा रहता है. नेताओं के नाम पर चार से पांच पदाधिकारी ईपीसीसी में नजर आते हैं. हालांकि, दिवंगत नेता की जयंती या पुण्यतिथि पर जरूर कुछ एक पदाधिकारी नजर आ जाते हैं.

Intro:निकाय चुनाव आय सिर पर लेकिन लोकसभा में हार से अभी नहीं निकल सकी कांग्रेस पार्टी अब तक निकाय चुनाव को लेकर नहीं बना कोई रोड मैप


Body:इसे लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार का गम कहें या कुछ और कि चुनाव परिणाम 2 महीने हो चुके हैं लेकिन कांग्रेस नेता इस हार के गम से बाहर आने को तैयार नहीं है यह आलम तो तब है जब नगर निकाय के चुनाव सिर पर हैं ऐसे में नेताओं की उदासीनता को लेकर कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चाएं हैं कांग्रेस हलकों में चर्चा इस बात की है कि 2 महीने मैं प्रदेश में निकाय चुनाव का बिगुल बज जाएगा लेकिन निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस के संगठनात्मक गतिविधियों और कामकाज शुरू ही नहीं हो सके हैं जबकि भाजपा ने निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू करने के साथ ही संगठन को चुस्त दुरुस्त करने के लिए बड़े स्तर पर सदस्यता अभियान भी शुरू कर दिया है लेकिन कांग्रेस नेता लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही हाथ पर हाथ धरकर बैठे हैं तो निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर कोई रोड में बनाए जा रहा है नहीं संगठनात्मक ढांचे में तब्दीली की जा रही है ऐसे में पार्टी के भीतर अब सवाल खड़े हो गए हैं कि ऐन मौके पर आधी अधूरी तैयारियों के साथ निकाय चुनाव में कैसे कांग्रेस भाजपा का मुकाबला कर पाएगी वहीं संगठनात्मक गतिविधियां नहीं होने और नेताओं की उदासीनता के चलते पार्टी का कार्यकर्ता भी हताश नजर आ रहा है लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में भी सन्नाटा सा ही पसरा रहता है नेताओं के नाम पर चार से पांच पदाधिकारी ईपीसीसी में नजर आते हैं अधिकांश कमरे खाली नजर रहते हैं हालांकि दिवंगत नेता की जयंती या पुण्यतिथि पर जरूर कुछ एक पदाधिकारी नजर आ जाते हैं
पीटीसी अजीत


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