जोधपुर. बार काउंसिल ऑफ राजस्थान की कार्यकारिणी समिति की बैठक रविवार को चेयरमैन कुलदीप कुमार शर्मा की अध्यक्षता में जोधपुर कार्यालय में सम्पन्न हुई. कार्यकारिणी समिति द्वारा रिन्यूवल ऑफ सर्टिफिकेट ऑफ प्रेक्टिस अंडर द बार काउंसिल ऑफ इंडिया सर्टिफिकेट एडं प्लेस ऑफ प्रेक्टिस वेरीफिकेशन रूल्स 2015 के नियम के अर्न्तगत प्रत्येक अधिवक्ता को पांच वर्ष की वकालत अवधि पूर्ण होने पर अपने पंजीयन का नवीनीकरण करवाने हेतु आवेदन पत्र जमा करवाने की अंतिम तिथी को आगे बढ़ाया.
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पहले अंतिम तिथी 30 जून 2021 तक थी. उसे बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2021 तक बिना विलम्ब शुल्क कर दिया है. कार्यकारिणी समिति द्वारा राज्य में बढ़ रही अधिवक्ताओं पर आपराधिक घटनाओं पर चिंता प्रकट करते हुए राज्य सरकार से यह मांग की है कि राज्य में शीघ्र ही एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये. इस संबंध में बीसीआर का एक शिष्ठमंडल जयपुर में मुख्यमंत्री एवं विधि मंत्री से शीघ्र मिलकर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाने का अनुरोध करेंगे. समिति द्वारा अधिवक्ताओं से प्राप्त नाम परिवर्तन के आवेदन पत्रो पर विचार-विमर्श कर उनका उचित निस्तारण किया गया.
मृत्यु दावों का भी किया गया निस्तारण
राज्य सरकार से प्राप्त 5 करोड़ रुपये की राशि के वितरण से सम्बंधित बार काउंसिल ऑफ राजस्थान की समिति की बैठक जगमाल सिंह चौधरी, संयोजक की अध्यक्षता में आयोजित की गई. जिसमें नवरंग सिंह चौधरी, चिरंजीलाल सैनी, राजेश पंवार एवं अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा (महाधिवक्ता के नोमीनी) ने भाग लिया. समिति द्वारा जिन अधिवक्ताओं की कोविड-19 से ग्रसित रहते हुए मृत्यु हो चुकी थी तथा वे राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष सदस्य नहीं थे, उनके आश्रितों से प्राप्त दावा आवेदन पत्रों पर विचार-विमर्श कर 13 मृत्यु दावों का निस्तारण कर 13 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई.
इसी प्रकार कोविड-19 से संक्रमित होकर जो अधिवक्ता अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती रहे एवं जो अधिवक्ता कल्याण कोष के सदस्य नहीं थे, उनसे प्राप्त दावा आवेदन पत्रों पर विचार-विमर्श कर 14 अधिवक्ताओं को 3 लाख 50 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई. समिति ने कुल 16 लाख 50 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की.