जोधपुर. सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर में सोमवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने वाले नरेश जाट (CRPF jawan Suicide Case) के शव के पोस्टमार्टम हुए 40 घंटे से ज्यादा का समय हो गया है. लेकिन शव उठाने को लेकर अभी सीआरपीएफ और परिजनों के बीच सहमति नहीं बनी है. हालत यह है कि मंगलवार रात को सीआरपीएफ के अधिकारी नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल से मिले, तो कई मांगों पर सहमति दी थी. इसके बाद बुधवार सुबह वापस वार्ता तय हुई. लेकिन कोई अधिकारी सांसद से बात करने नहीं आया. जिसके बाद बेनीवाल ने मोर्चरी पहुंच कर बड़ा आंदोलन करने की बात कही.
बेनीवाल ने कहा कि सीआरपीएफ दिल्ली के अधीन आती है. जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर सहित चार मंत्री केंद्र में हैं, लेकिन किसी भी मंत्री ने नरेश जाट के प्रकरण को लेकर सुध नहीं ली. सब राष्ट्रपति चुनाव में लगे हुए हैं. इनके लिए नरेश जाट कोई मायने नहीं रखता. बेनीवाल ने आरोप लगाया कि यह मंत्री छोटी-छोटी बातों पर ट्वीट करते हैं, लेकिन इस मामले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. क्योंकि यह दिल्ली से जुड़ा मामला है. जहां उनकी सरकार है. बेनीवाल ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ किसानों के वोट लेने आते हैं. किसानों के बेटे की परवाह नहीं है.
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गत चुनाव में किसानों के वोट के लिए मैं भी इनके साथ घूमा था, लेकिन अब शर्म आती है. बेनीवाल ने कहा कि कांग्रेस ने इस मामले में कुछ नहीं किया. राज्य सरकार को मृतक के परिवार को सहायता देनी चाहिए. बेनीवाल ने नरेश जाट के परिजनों से बात कर इस मामले को लेकर बड़ा आंदोलन करने की बात कही है. इसके लिए जगह बदली जाएगी. अब जब तक सभी मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. गौरतलब है कि जोधपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित प्रदेश के किसी भी केंद्रीय मंत्री ने इस घटना को लेकर कोई प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर नहीं दी है. जिसको अब बेनीवाल मुद्दा बना रहे हैं.
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ये हैं मांगे: सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों के नाम हैं, उन्हे हटाया जाए. उनके विरुद्ध जांच हो. जिनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई है, उनकी गिरफ्तारी की जाए. परिवार को आर्थिक सहायता और नरेश की पत्नी को तुरंत नियुक्ति दी जाए.