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राष्ट्रीय लेवल का कम्प्यूटराइज सिस्टम लागू करने की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र व राज्य को दिया नोटिस - राष्ट्रीय लेवल का कम्प्यूटराइज सिस्टम

केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट बैठक में राज्य में कॉ-ऑपरेटिव बैंकों, सोसायटियों एवं प्रारम्भिक कृषि क्रेडिट सोसायटी में राष्ट्रीय लेवल का कम्प्यूटराइज सिस्टम तुरंत लागू करने के मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है. जनहित याचिका में कहा गया कि इससे कामकाज में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टचार पर अंकुश लगेगा.

Curt serves notice to state and center in computerized system in cooperative societies
राष्ट्रीय लेवल का कम्प्यूटराइज सिस्टम लागू करने की याचिका पर कोर्ट न केंद्र व राज्य को दिया नोटिस
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Published : Aug 17, 2022, 11:21 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने कॉ-ऑपरेटिव बैंक व सोसायटियों के लिए हॉल ही में जारी केन्द्र सरकार के प्रस्ताव को राज्य में लागू करवाने के लिए दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष किसनाराम विश्नोई की ओर से जनहित याचिका दायर की गई.

अधिवक्ता कैलाश नाथ जोशी ने याचिका में बताया कि केन्द्र सरकार ने 29 जून, 2022 को आर्थिक मामलों पर कैबिनेट बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जो समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ था. प्रस्ताव यह था कि राज्य में कॉ-ऑपरेटिव बैंकों एव सोसायटियों एवं प्रारम्भिक कृषि क्रेडिट सोसायटी में कार्य कुशलता व भ्रष्टाचार रोकने के लिए वित्त सम्बंधी कार्य के लिए कम्प्यूटराइज प्रणाली तुरन्त प्रभाव से लागू किया (National level computerized system) जाए, ताकि पारदर्शिता हो सके.

पढ़ें: Hightech हुईं प्रदेश की सभी न्यायपालिकाएं, Online सुनवाई की तारीख बढ़ाई गई

राष्ट्रीय लेवल का कॉमन अकाउंटिंग सिस्टम हो जो कि भ्रष्टाचार रहित तथा पारदर्शिता कार्य प्रणाली तुरन्त प्रभाव से लागू हो. इसको लेकर केन्द्र सरकार की ओर से कार्य शुरू करते हुए बजट भी आवंटित कर दिया है एवं राज्यों को निर्देश दिए गए हैं. याचिकाकर्ता को जब इसकी जानकारी मिली तो किसानों के हितों को देखते हुए याचिका दायर की गई एवं राज्य सरकार को इसकी पालना के लिए निर्देश देने की प्रार्थना की.

पढ़ें: उप तहसील स्तर पर आनलाइन भू-अभिलेख प्रदान करने वाला प्रदेश का पहला जिला बना उदयपुर

कोर्ट में बताया गया कि राज्य के हजारों किसानो के हितों को देखते हुए केन्द्र सरकार के निर्णय की पालना राज्य सरकार को भी करनी चाहिए. यह भी बताया कि राज्य में सहकारी ढांचे में तीन तरह की कार्य प्रणाली है. 1-राज्य सहकारी सोसायटिया 2-जिला कॉ-ऑपरेटिव सोसायटिया व 3- प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसायटियां. भ्रष्टाचार की रोकथाम व पारदर्शिता के लिए राष्ट्रीय लेवल पर देखरेख की जा (Computerized system to stop corruption) सकेगी. कोर्ट ने सुनवाई के बाद केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने कॉ-ऑपरेटिव बैंक व सोसायटियों के लिए हॉल ही में जारी केन्द्र सरकार के प्रस्ताव को राज्य में लागू करवाने के लिए दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष किसनाराम विश्नोई की ओर से जनहित याचिका दायर की गई.

अधिवक्ता कैलाश नाथ जोशी ने याचिका में बताया कि केन्द्र सरकार ने 29 जून, 2022 को आर्थिक मामलों पर कैबिनेट बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जो समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ था. प्रस्ताव यह था कि राज्य में कॉ-ऑपरेटिव बैंकों एव सोसायटियों एवं प्रारम्भिक कृषि क्रेडिट सोसायटी में कार्य कुशलता व भ्रष्टाचार रोकने के लिए वित्त सम्बंधी कार्य के लिए कम्प्यूटराइज प्रणाली तुरन्त प्रभाव से लागू किया (National level computerized system) जाए, ताकि पारदर्शिता हो सके.

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राष्ट्रीय लेवल का कॉमन अकाउंटिंग सिस्टम हो जो कि भ्रष्टाचार रहित तथा पारदर्शिता कार्य प्रणाली तुरन्त प्रभाव से लागू हो. इसको लेकर केन्द्र सरकार की ओर से कार्य शुरू करते हुए बजट भी आवंटित कर दिया है एवं राज्यों को निर्देश दिए गए हैं. याचिकाकर्ता को जब इसकी जानकारी मिली तो किसानों के हितों को देखते हुए याचिका दायर की गई एवं राज्य सरकार को इसकी पालना के लिए निर्देश देने की प्रार्थना की.

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कोर्ट में बताया गया कि राज्य के हजारों किसानो के हितों को देखते हुए केन्द्र सरकार के निर्णय की पालना राज्य सरकार को भी करनी चाहिए. यह भी बताया कि राज्य में सहकारी ढांचे में तीन तरह की कार्य प्रणाली है. 1-राज्य सहकारी सोसायटिया 2-जिला कॉ-ऑपरेटिव सोसायटिया व 3- प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसायटियां. भ्रष्टाचार की रोकथाम व पारदर्शिता के लिए राष्ट्रीय लेवल पर देखरेख की जा (Computerized system to stop corruption) सकेगी. कोर्ट ने सुनवाई के बाद केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.

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