जोधपुर. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय में देश का पहला बुजुर्गों की सेवा और देखभाल करने का कोर्स शुरू किया गया है. 6 महीने के इस कोर्स के लिए 10वीं पास योग्यता रखी गई है. उम्र की कोई सीमा नहीं रखी गई है. मेरिट के आधार पर 20 सीटों पर प्रवेश दिया जा रहा है.
इस पाठ्यक्रम के कोऑर्डिनेटर और मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रमोद मिश्रा का कहना है कि इस कोर्स को शुरू करने के पीछे यह सोच रही है, आजकल छोटे परिवार होते हैं. इसके चलते बुजुर्गों की केयर नहीं हो पाती है. ऐसे में इस कोर्स की परिकल्पना में यह ध्यान रखा गया है कि बुजुर्गों की सामान्य परेशानियों की देख-रेख हो सके.
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खासतौर से उनके ज्वॉइंट पेन और सर्वाइकल पेन, जिसके चलते उनको उठने-बैठने व चलने फिरने में परेशानी होती है. इस कोर्स में यह बताया जाएगा कि इस तरह की परेशानियों को कैसे ठीक किया जाए. इसके अलावा पंचकर्म का भी एक छोटा अध्याय रखा गया है, जिससे बुजुर्गों को त्वरित राहत दी जा सके. डॉ. मिश्रा के अनुसार लंबी और जटिल बीमारियों का उपचार आयुर्वेद में ही संभव है.
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ऐसे में छह माह के कोर्स में आयुर्वेद की दवाइयों की जानकारी दी जाएगी. उनके लेने के तरीके समझाए जाएंगे, जिससे वह बुजुर्गों की देख-रेख कर सकें और उन्हें उपचार से भी जोड़ कर रख सकें. उन्होंने बताया कि 1 साल में इस कोर्स के दो बैच होंगे, जिसमें वृद्धजनों की शारिरिक और मानसिक अवस्थाओं के साथ-साथ उनकी जीर्ण व्याधियों जैसे प्रमेह, संधिवात और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों में सम्पूर्ण देखभाल की जानकारी दी जाएगी.