जोधपुर. शहर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच जिन लोगों को पॉजिटिव आने के बाद होम क्वॉरेंटाइन किया जाता है, उन्हें अब अपनी जेब से पल्स ऑक्सीमीटर और दवाइयों का खर्चा नहीं करना पड़ेगा. सोमवार को प्रभारी सचिव नवीन महाजन ने कहा कि किसी भी मरीज से पल्स ऑक्सीमीटर मंगवाना गैर वाजिब है. इस व्यवस्था पर तत्काल रोक लगाई जाए.
महाजन ने सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा और जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को निर्देश दिए कि इस व्यवस्था को देखें. उन्होंने कहा कि बिना लक्षणों के मरीज जो घर पर रह रहे हैं, उन्हें किसी तरह की दवाई देने का प्रावधान नहीं है ऐसे में उनको दवाइयां नहीं लिखी जाए. उन्होंने कहा कि जिन्हें दवाइयां लिखी जाए वह उपलब्ध भी करवाए.
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प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि स्वास्थ विभाग के कर्मचारी होम क्वॉरेंटाइन किए गए मरीज के घर जाए और उनके तापमान और वाइटल का चार्ट बनाकर उसकी रिपोर्टिंग करें. गौरतलब है कि जोधपुर शहर में होम क्वॉरेंटाइन करने वाले मरीजों को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पर्ची लिखकर पकड़ा देते हैं. इस पर्ची में साफ लिखा होता है कि उन्हें पल्स ऑक्सीमीटर थर्मामीटर और दवाइयां खुद लेकर आनी है, जिसके लिए प्रत्येक मरीज को करीब 2 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं.
इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन का कहना है कि जो मरीज घर पर रहेगा उसकी व्यवस्था उसके परिजन और पड़ोसियों को करने का प्रावधान किया गया है. ऐसे में उन्हें ही अपना सामान लाना होगा. वहीं, सोमवार को प्रभारी सचिव ने इसे पूरी तरह से गलत बता दिया.