जोधपुर. सेंट्रल जेल में कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाहर से आने वाले नए कैदियों के लिए महिला जेल को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था, जहां बाहर से आने वाले नए कैदियों को रखा जाता है. साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों को जेल प्रशासन द्वारा पहले अस्पताल में भर्ती करवाया जाता था, जहां से दो से तीन कैदियों के अस्पताल से भागने के मामले सामने आए.
इसके पश्चात जेल प्रशासन और पुलिस प्रशासन के बीच बैठक हुई और यह निर्णय लिया गया कि जेल में जिस महिला जेल को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. उसी महिला जेल में एक कोविड-19 वार्ड बनाया जाए. जिसके बाद जेल प्रशासन ने जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी महिला जेल में एक कोविड वार्ड बनाया है. जहां कोरोना संक्रमित कैदियों को रखा जा रहा है. उनकी निगरानी के साथ समय-समय पर खाने पीने की व्यवस्था भी जेल प्रशासन द्वारा की जा रही है.
जेल डीआईजी कैलाश त्रिवेदी ने बताया कि संक्रमित कैदियों को अस्पतालों में भेजा जा रहा था, लेकिन उसके पश्चात 2 से 3 मामले सामने आए, जिनमें अस्पताल से कैदी भाग गए. इसे ध्यान में रखते हुए जेल प्रशासन द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से इस बारे में बात की गई और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी डॉक्टरों की एक टीम जेल में लगाई गई है, जो कि जेल में बने कोविड वार्ड में रहने वाले कोरोना संक्रमित कैदियों की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
साथ ही संक्रमण आगे ना फैले, जिसको ध्यान में रखते हुए कैदियों के टेस्ट भी करवाए जा रहे हैं. जेल डीआईजी कैलाश त्रिवेदी ने बताया कि संक्रमित कैदियों की निरंतर रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है और जिसकी तबीयत ज्यादा खराब होती है तो ही उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है. अन्यथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर सहित जेल डिस्पेंसरी में तैनात डॉक्टरों द्वारा ही उनका इलाज किया जा रहा है. बता दें कि वर्तमान समय में जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी महिला जेल जिसे आइसोलेशन और कोरोना वार्ड बनाया गया है, उसमें लगभग 70 कैदी कोरोना संक्रमित हैं.