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कांस्टेबल MBC और RAC पदों को उसी विभाग के दूसरे पदों पर समायोजित किया जाए : हाईकोर्ट

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Published : Mar 25, 2021, 10:52 PM IST

राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने कांस्टेबल एमबीसी और आरएसी को उसी विभाग के अन्य पदों पर समायोजन करने का आदेश दिया है. याचिकाकर्ता पीयूष पाटीदार और अन्य की ओर ये अधिवक्ता कैलाश जांगिड और मोहनसिंह शेखावत ने याचिका दायर कर पैरवी की.

Rajasthan High Court on Constable Recruitment, राजस्थान उच्च न्यायालय, Rajasthan High Court
कांस्टेबल MBC और RAC पदों को उसी विभाग के दूसरे पदों पर समायोजित करने के आदेश

जोधपुर. अधिवक्ता जांगिड ने अदालत को बताया कि एमबीसी और आरएसी पद पर भर्ती के लिए साल 2018 में जारी की गयी थी जिसके तहत याचिकाकर्ताओं ने आवेदन किया और भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित हुये तत्पश्चात सहित अन्य चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के लिए बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर उद्यमपुर जम्मू एवं कश्मीर भेजा गया. ट्रेनिंग सेंटर उद्यमपुर में प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षणार्थियों का फिर से मेडिकल परीक्षण गलत रूप से किया गया जबकि पूर्व में उनका मेडिकल परीक्षण किये जाने के पश्चात ही इनका चयन किया गया था.

ट्रेनिंग सेंटर उद्यमपुर में मेडिकल परीक्षण के पश्चात याचिकाकर्ताओं को अयोग्य घोषित कर दिया गया. पुन: राजस्थान सम्बंधित सेंटर पर भेज दिया गया. तत्पश्चात याचिकाकर्ताओं को 27 अगस्त 2019 के आदेशानुसार सेवा से पृथक कर दिया गया है. उक्त आदेश के खिलाफ याचिकाए दायर की गई और अंतरिम आदेश पारित किया गया जिससे याचिकाकर्ता निरन्तर कार्यरत है.

ये भी पढ़ें: कोटा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब सत्ता दल ने विपक्ष की राय ली: शांति धारीवाल

न्यायालय में अंतिम सुनवाई के दौरान विस्तृत बहस कर बताया कि पूर्व में मेडिकल परीक्षण किया जाकर उनका चयन किया गया था अत: पुन: इनका मेडिकल परीक्षण किया गया विधि विरूद्ध है. न्यायालय ने अंतिम आदेश पारित करते हुए यह आदेश दिया कि यदि याचिकाकर्ता कांस्टेबल पद पर मेडिकल रूप से फिट नही है तो उन्हें उसी विभाग में समान वेतन स्केल पर कांस्टेबल के अलावा अन्य पदों पर समायोजित किया जाकर सेवाएं निरन्तर रखें.

जोधपुर. अधिवक्ता जांगिड ने अदालत को बताया कि एमबीसी और आरएसी पद पर भर्ती के लिए साल 2018 में जारी की गयी थी जिसके तहत याचिकाकर्ताओं ने आवेदन किया और भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित हुये तत्पश्चात सहित अन्य चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के लिए बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर उद्यमपुर जम्मू एवं कश्मीर भेजा गया. ट्रेनिंग सेंटर उद्यमपुर में प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षणार्थियों का फिर से मेडिकल परीक्षण गलत रूप से किया गया जबकि पूर्व में उनका मेडिकल परीक्षण किये जाने के पश्चात ही इनका चयन किया गया था.

ट्रेनिंग सेंटर उद्यमपुर में मेडिकल परीक्षण के पश्चात याचिकाकर्ताओं को अयोग्य घोषित कर दिया गया. पुन: राजस्थान सम्बंधित सेंटर पर भेज दिया गया. तत्पश्चात याचिकाकर्ताओं को 27 अगस्त 2019 के आदेशानुसार सेवा से पृथक कर दिया गया है. उक्त आदेश के खिलाफ याचिकाए दायर की गई और अंतरिम आदेश पारित किया गया जिससे याचिकाकर्ता निरन्तर कार्यरत है.

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न्यायालय में अंतिम सुनवाई के दौरान विस्तृत बहस कर बताया कि पूर्व में मेडिकल परीक्षण किया जाकर उनका चयन किया गया था अत: पुन: इनका मेडिकल परीक्षण किया गया विधि विरूद्ध है. न्यायालय ने अंतिम आदेश पारित करते हुए यह आदेश दिया कि यदि याचिकाकर्ता कांस्टेबल पद पर मेडिकल रूप से फिट नही है तो उन्हें उसी विभाग में समान वेतन स्केल पर कांस्टेबल के अलावा अन्य पदों पर समायोजित किया जाकर सेवाएं निरन्तर रखें.

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