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जोधपुर में कांग्रेस का पलड़ा रहा भारी, 160 में से 82 वार्ड जीते तो बीजेपी के खाते में 62 वार्ड

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Published : Nov 3, 2020, 9:37 PM IST

शहर की सरकार के लिए हुए मतदान के परिणाम में भले ही बीजेपी और कांग्रेस ने एक-एक नगर निगम बोर्ड पर कब्जा किया है. लेकिन अगर पूरे शहर की बात करें तो कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आता है. कुल 160 वार्डों वाले नगर निगम उत्तर और दक्षिण में कांग्रेस ने 82 वार्डों में जीत दर्ज की है. जबकि बीजेपी 62 वार्ड में जीत सकी है. मत प्रतिशत भी बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस को प्राप्त हुआ है.

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जोधपुर में बीजेपी के खाते में 62 वार्ड

जोधपुर. उत्तर और दक्षिण नगर निगम में हुए मतदान में कांग्रेस को करीब 43 फीसदी, जबकि बीजेपी को 35 फीसदी मत मिले हैं. कांग्रेस के नगर निगम दक्षिण में हुए प्रदर्शन को चमत्कारी माना जा रहा है. यहां कांग्रेस ने 29 सीटें जीती हैं. कांग्रेस के तीन बागी भी चुनाव जीते हैं. अगर कांग्रेस की रणनीति थोड़ी और सजग होती तो शायद वे सत्ता के करीब होते और दोनों निगम बोर्ड कांग्रेस के कब्जे में होते. क्योंकि नगर निगम उत्तर में कांग्रेस की पहले से जीत तय मानी जा रही थी.

जोधपुर में बीजेपी के खाते में 62 वार्ड

आपको बता दें कि कांग्रेस ने 53 सीटें जीती, इसके अलावा निर्दलीय जीतने वाले आठ प्रत्याशियों में ज्यादातर कांग्रेसी विचारधारा के हैं. कांग्रेस के प्रदर्शन से वैभव गहलोत को बल मिलेगा. क्योंकि वैभव की अगुवाई में लड़े गए चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी है. वहीं बीजेपी की नगर निगम उत्तर को लेकर रणनीति सफल नहीं हुई. यहां पार्टी ने पहली बार एक दर्जन से ज्यादा अल्पसंख्यकों को टिकट दिए. लेकिन एक भी खाता नहीं खुला. इसके अलावा उत्तर में कुछ जगह असंतोष के चलते भी हार का सामना करना पड़ा.

यह भी पढ़ें: जोधपुर दक्षिण नगर निगम में भाजपा का दबदबा, 80 में से 43 सीटों पर जमाया कब्जा

ऐसे में माना जा सकता है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की रणनीति सिर्फ दक्षिण निगम तक सिमट गई. नगर निगम उत्तर क्षेत्र में उन्होंने मेहनत की, कई जगह पैदल जनसंपर्क भी किया. लेकिन सिर्फ 19 सीटें मिलीं. कांग्रेस की नगर निगम उत्तर की जीत पर भाजपाइयों का कहना है कि परिसीमन में छोटे वार्ड बनाने का फायदा कांग्रेस को मिला है. इसके अलावा बीजेपी को निर्दलियों से भी नुकसान हुआ है.

यह भी पढ़ें: जोधपुर नगर निगम उत्तर में बनेंगी कांग्रेस की महापौर

वहीं राजनीतिक विश्लेषक प्रफुल्ल मेहता का कहना है कि जनता ने स्थानीय चुनाव में विकास को तरजीह दी है. यहां प्रदेश सरकार की विकास की राह खोलती है. इसलिए कांग्रेस को ज्यादा समर्थन मिला है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अजय त्रिवेदी का कहना है कि जोधपुर शहर की जनता ने कांग्रेस का साथ दिया. मेंडेंट कांग्रेस के पक्ष में गया है, क्योंकि हमने 160 में से 82 सीटों पर जीत दर्ज की है.

मत प्रतिशत में भी कांग्रेस का पलड़ा भारी

नगर निगम के साल 2014 के चुनाव में बीजेपी का बोर्ड बना था. उस समय बीजेपी को 44.76 फीसदी मत मिले थे. जबकि कांग्रेस को 41.82 फीसदी मत प्राप्त हुए थे. इस बार दोनों पार्टियों ने एक-एक निगम पर कब्जा किया, जिसमें मत प्रतिशत में कांग्रेस ने बाजी मारी है. कुल 4,43,435 मतों में से बीजेपी को 1,55,901 यानि की 35 फीसदी और कांग्रेस को 1,89,951 यानि की 43 फीसदी वोट मिले हैं. अगर निगम वार देखें तो नगर निगम उत्तर में कांग्रेस को 1,17,188 मतों के साथ 48 फीसदी मत मिले हैं. जबकि बीजेपी को यहां 76,127 मतों के साथ 31 फीसदी मतों पर संतोष करना पड़ा है. नगर निगम दक्षिण में बीजेपी को 79,774 मतों के साथ करीब 40 फीसदी मत मिले हैं. कांग्रेस को यहां 36 फीसदी यानि की कुल 72,763 वोट प्राप्त हुए हैं. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 4,278 मत मिले हैं.

निर्दलीयों की भूमिका हुई समाप्त

दोनों नगर निगम में बीजेपी और कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. दोनों जगहों पर आठ-आठ निर्दलियों ने चुनाव जीता है. लेकिन इनकी भूमिका खास नहीं रहेगी. नगर निगम दक्षिण क्षेत्र में बीजेपी 43 सीटों के साथ बहुमत मिला है. अगर बीजेपी में ही क्रॉस वोटिंग हो जाए तो अलग बात है. लेकिन फिलहाल बीजेपी को किसी निर्दलीय के सहयोग की आवश्यकता नहीं है. दक्षिण क्षेत्र में बीजेपी विचारधारा से जुड़े चार निर्दलीय चुनाव जीते हैं. जबकि उत्तर में चुनाव जीतने वाले सभी निर्दलीय कांग्रेस से जुड़े हुए माने जा रहे हैं.

जोधपुर. उत्तर और दक्षिण नगर निगम में हुए मतदान में कांग्रेस को करीब 43 फीसदी, जबकि बीजेपी को 35 फीसदी मत मिले हैं. कांग्रेस के नगर निगम दक्षिण में हुए प्रदर्शन को चमत्कारी माना जा रहा है. यहां कांग्रेस ने 29 सीटें जीती हैं. कांग्रेस के तीन बागी भी चुनाव जीते हैं. अगर कांग्रेस की रणनीति थोड़ी और सजग होती तो शायद वे सत्ता के करीब होते और दोनों निगम बोर्ड कांग्रेस के कब्जे में होते. क्योंकि नगर निगम उत्तर में कांग्रेस की पहले से जीत तय मानी जा रही थी.

जोधपुर में बीजेपी के खाते में 62 वार्ड

आपको बता दें कि कांग्रेस ने 53 सीटें जीती, इसके अलावा निर्दलीय जीतने वाले आठ प्रत्याशियों में ज्यादातर कांग्रेसी विचारधारा के हैं. कांग्रेस के प्रदर्शन से वैभव गहलोत को बल मिलेगा. क्योंकि वैभव की अगुवाई में लड़े गए चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी है. वहीं बीजेपी की नगर निगम उत्तर को लेकर रणनीति सफल नहीं हुई. यहां पार्टी ने पहली बार एक दर्जन से ज्यादा अल्पसंख्यकों को टिकट दिए. लेकिन एक भी खाता नहीं खुला. इसके अलावा उत्तर में कुछ जगह असंतोष के चलते भी हार का सामना करना पड़ा.

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ऐसे में माना जा सकता है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की रणनीति सिर्फ दक्षिण निगम तक सिमट गई. नगर निगम उत्तर क्षेत्र में उन्होंने मेहनत की, कई जगह पैदल जनसंपर्क भी किया. लेकिन सिर्फ 19 सीटें मिलीं. कांग्रेस की नगर निगम उत्तर की जीत पर भाजपाइयों का कहना है कि परिसीमन में छोटे वार्ड बनाने का फायदा कांग्रेस को मिला है. इसके अलावा बीजेपी को निर्दलियों से भी नुकसान हुआ है.

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वहीं राजनीतिक विश्लेषक प्रफुल्ल मेहता का कहना है कि जनता ने स्थानीय चुनाव में विकास को तरजीह दी है. यहां प्रदेश सरकार की विकास की राह खोलती है. इसलिए कांग्रेस को ज्यादा समर्थन मिला है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अजय त्रिवेदी का कहना है कि जोधपुर शहर की जनता ने कांग्रेस का साथ दिया. मेंडेंट कांग्रेस के पक्ष में गया है, क्योंकि हमने 160 में से 82 सीटों पर जीत दर्ज की है.

मत प्रतिशत में भी कांग्रेस का पलड़ा भारी

नगर निगम के साल 2014 के चुनाव में बीजेपी का बोर्ड बना था. उस समय बीजेपी को 44.76 फीसदी मत मिले थे. जबकि कांग्रेस को 41.82 फीसदी मत प्राप्त हुए थे. इस बार दोनों पार्टियों ने एक-एक निगम पर कब्जा किया, जिसमें मत प्रतिशत में कांग्रेस ने बाजी मारी है. कुल 4,43,435 मतों में से बीजेपी को 1,55,901 यानि की 35 फीसदी और कांग्रेस को 1,89,951 यानि की 43 फीसदी वोट मिले हैं. अगर निगम वार देखें तो नगर निगम उत्तर में कांग्रेस को 1,17,188 मतों के साथ 48 फीसदी मत मिले हैं. जबकि बीजेपी को यहां 76,127 मतों के साथ 31 फीसदी मतों पर संतोष करना पड़ा है. नगर निगम दक्षिण में बीजेपी को 79,774 मतों के साथ करीब 40 फीसदी मत मिले हैं. कांग्रेस को यहां 36 फीसदी यानि की कुल 72,763 वोट प्राप्त हुए हैं. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 4,278 मत मिले हैं.

निर्दलीयों की भूमिका हुई समाप्त

दोनों नगर निगम में बीजेपी और कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. दोनों जगहों पर आठ-आठ निर्दलियों ने चुनाव जीता है. लेकिन इनकी भूमिका खास नहीं रहेगी. नगर निगम दक्षिण क्षेत्र में बीजेपी 43 सीटों के साथ बहुमत मिला है. अगर बीजेपी में ही क्रॉस वोटिंग हो जाए तो अलग बात है. लेकिन फिलहाल बीजेपी को किसी निर्दलीय के सहयोग की आवश्यकता नहीं है. दक्षिण क्षेत्र में बीजेपी विचारधारा से जुड़े चार निर्दलीय चुनाव जीते हैं. जबकि उत्तर में चुनाव जीतने वाले सभी निर्दलीय कांग्रेस से जुड़े हुए माने जा रहे हैं.

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