जोधपुर. प्रदेश के किसानों के बाजरे एवं कपास को MSP (Minimum Support Price) पर नहीं खरीदने के मामले में दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने किसान वेलफेयर सोसायटी पाली की ओर से दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है.
याचिकाकर्ता किसान वेलफेयर सोसायटी की ओर से अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने पक्ष रखते हुए बताया कि गत 5 जून 2020 को केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए 14 फसलों की MSP घोषित की थी. राज्य सरकार ने 14 अक्टूबर 2020 को अपनी अधिसूचना जारी की, जिसमें बाजरे और कपास को सम्मिलित नहीं किया गया. जबकि केंद्र सरकार ने बाजरे को 2150 रुपए और कपास का 5800 रुपए एमएसपी दर भी निर्धारित कर दी थी.
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इस बार राज्य में 50 लाख मीट्रिक टन बाजरे की बंपर पैदावार हुई है, जबकि किसान स्थानीय मंडियों में 1300 रुपए प्रति क्विंटल से बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं. प्रदेश के किसानों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को फसलों की खरीद संबंधी समस्त विवरण और शपथ पत्र सहित अगली सुनवाई पर पेश करने के आदेश दिए हैं.