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सरकारी डॉक्टर चला रहे निजी अस्पताल, जांच कमेटी जयपुर भेजेगी रिपोर्ट

जोधपुर के डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज में कुछ दिनों पूर्व सरकारी डॉक्टर द्वारा निजी अस्पताल चलाने के विवाद में संभागीय आयुक्त द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में यह साबित हुआ था कि असप्ताल के समय में डॉक्टर अपने निजी अस्पताल का संचालन कर रहे हैं. इस मामले में डॉक्टरों से जवाब लिए गए हैं, जिनका संकलन कर रिपोर्ट जयपुर भेजी जाएगी.

जोधपुर न्यूज, jodhpur news
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Published : Nov 20, 2019, 11:04 PM IST

जोधपुर. डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सरकारी अस्पताल में कम बैठते हैं. उनके द्वारा निजी अस्पताल चलाए जा रहे हैं, जहां उपचार और ऑपरेशन के किए जाते हैं. यह खुलासा संभागीय आयुक्त द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में किया गया है.

निजी अस्पताल चलाने और प्रेक्टिस करने के मामले में डॉक्टरों ने पेश किए जवाब

जानकारी के अनुसार कॉलेज प्रबंधन द्वारा सभी 11 डॉक्टरों को दिए गए नोटिस का जवाब कॉलेज प्रबंधन को मिल गया है. कॉलेज प्रबंधन इन सभी जवाबों का संकलन कर एक रिपोर्ट बनाकर जयपुर भेजेगा, जहां नियुक्ति अधिकारी इस मामले में सक्षम कार्रवाई करेंगे.मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसएस राठौड़ ने बताया कि यह कार्रवाई जयपुर के स्तर पर होगी, ऐसे में सभी जवाबों को संकलित कर जयपुर भिजवाया जाएगा.

डॉक्टरों ने किया आरोपों से इंकार

इधर सूत्रों का कहना है कि डॉक्टरों ने अपने जवाब में उन पर लगाए गए निजी चिकित्सालय चलाने एवं प्रैक्टिस करने के आरोपों से इनकार कर दिया है. जबकि, संभागीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट में प्रत्येक डॉक्टर के खिलाफ लगाए गए आरोपों के तथ्यात्मक सबूत भी दिए गए थे.

पढ़ेंः सरकार बदलते ही डूंगरपुर में क्रिकेट स्टेडियम का काम अटका, राज्यसभा सांसद बोले- सरकार से वार्ता कर शुरू करवाएंगे काम

संभागीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट में सरकारी डॉक्टर चला रहे निजी अस्पताल

बता दें कि इस मामले में कुछ दिन पहले एक जांच कमेटी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्देश पर संभागीय आयुक्त ने बनाई थी. कमेटी की जांच रिपोर्ट में यह पाया गयै थै कि शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ अनुराग सिंह कुड़ी, इसी विभाग के डॉ प्रमोद शर्मा, डॉ जेपी सोनी भी अपना अस्पताल चला रहे हैं वह निजी अस्पताल में जाकर भी मरीज देख रहे हैं.

पढ़ें- धौलपुर : अपहरण कर बालक की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

यूरोलॉजिस्ट डॉ प्रदीप शर्मा, यूरोलॉजिस्ट डॉ आर के सारण भी निजी अस्पताल चला रहे हैं. रेडियोथैरेपी विभाग के डॉ प्रदीप गौड़, जो खुद प्रोफेसर भी हैं वह अपनी पत्नी के क्लीनिक में अपने मरीज देख रहे हैं और उनका उपचार करते हैं.

वहीं गायनी विभाग की किरण मिर्धा और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर सुनील दाधीच अपना खुद का निजी अस्पताल चला रहे हैं. सरकारी खर्च पर डीएम की डिग्री हासिल करने वाले हेमेटोलाजी विभाग के डॉ गोविंद पटेल ने निजी अस्पताल खोल रखा है. ऑर्थोपेडिक डॉक्टर एस पी राठौड़ पावटा और मेडिसिन विभाग के अनुबंध पर कार्यरत डॉ विनीत तिवारी अस्पताल समय में अपने घर पर प्रक्टिस करते पाए गए हैं.

बहरहाल डॉक्टरों के जवाबों की संकलित रिपोर्ट जयपुर भेजी गई है. ऐसे में अब देखना यह है कि सरकार डॉक्टरों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है.

जोधपुर. डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सरकारी अस्पताल में कम बैठते हैं. उनके द्वारा निजी अस्पताल चलाए जा रहे हैं, जहां उपचार और ऑपरेशन के किए जाते हैं. यह खुलासा संभागीय आयुक्त द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में किया गया है.

निजी अस्पताल चलाने और प्रेक्टिस करने के मामले में डॉक्टरों ने पेश किए जवाब

जानकारी के अनुसार कॉलेज प्रबंधन द्वारा सभी 11 डॉक्टरों को दिए गए नोटिस का जवाब कॉलेज प्रबंधन को मिल गया है. कॉलेज प्रबंधन इन सभी जवाबों का संकलन कर एक रिपोर्ट बनाकर जयपुर भेजेगा, जहां नियुक्ति अधिकारी इस मामले में सक्षम कार्रवाई करेंगे.मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसएस राठौड़ ने बताया कि यह कार्रवाई जयपुर के स्तर पर होगी, ऐसे में सभी जवाबों को संकलित कर जयपुर भिजवाया जाएगा.

डॉक्टरों ने किया आरोपों से इंकार

इधर सूत्रों का कहना है कि डॉक्टरों ने अपने जवाब में उन पर लगाए गए निजी चिकित्सालय चलाने एवं प्रैक्टिस करने के आरोपों से इनकार कर दिया है. जबकि, संभागीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट में प्रत्येक डॉक्टर के खिलाफ लगाए गए आरोपों के तथ्यात्मक सबूत भी दिए गए थे.

पढ़ेंः सरकार बदलते ही डूंगरपुर में क्रिकेट स्टेडियम का काम अटका, राज्यसभा सांसद बोले- सरकार से वार्ता कर शुरू करवाएंगे काम

संभागीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट में सरकारी डॉक्टर चला रहे निजी अस्पताल

बता दें कि इस मामले में कुछ दिन पहले एक जांच कमेटी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्देश पर संभागीय आयुक्त ने बनाई थी. कमेटी की जांच रिपोर्ट में यह पाया गयै थै कि शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ अनुराग सिंह कुड़ी, इसी विभाग के डॉ प्रमोद शर्मा, डॉ जेपी सोनी भी अपना अस्पताल चला रहे हैं वह निजी अस्पताल में जाकर भी मरीज देख रहे हैं.

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यूरोलॉजिस्ट डॉ प्रदीप शर्मा, यूरोलॉजिस्ट डॉ आर के सारण भी निजी अस्पताल चला रहे हैं. रेडियोथैरेपी विभाग के डॉ प्रदीप गौड़, जो खुद प्रोफेसर भी हैं वह अपनी पत्नी के क्लीनिक में अपने मरीज देख रहे हैं और उनका उपचार करते हैं.

वहीं गायनी विभाग की किरण मिर्धा और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर सुनील दाधीच अपना खुद का निजी अस्पताल चला रहे हैं. सरकारी खर्च पर डीएम की डिग्री हासिल करने वाले हेमेटोलाजी विभाग के डॉ गोविंद पटेल ने निजी अस्पताल खोल रखा है. ऑर्थोपेडिक डॉक्टर एस पी राठौड़ पावटा और मेडिसिन विभाग के अनुबंध पर कार्यरत डॉ विनीत तिवारी अस्पताल समय में अपने घर पर प्रक्टिस करते पाए गए हैं.

बहरहाल डॉक्टरों के जवाबों की संकलित रिपोर्ट जयपुर भेजी गई है. ऐसे में अब देखना यह है कि सरकार डॉक्टरों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है.

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Body:जोधपुर । डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सरकारी अस्पताल में कम बैठते हैं अपने निजी अस्पताल चला रहे हैं और निजी अस्पतालों में उपचार व ऑपरेशन के लिए जाते हैं संभागीय आयुक्त द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में यह खुलासा होने के बाद कॉलेज प्रबंधन द्वारा सभी 11 डॉक्टरों को दिए गए नोटिस का जवाब कॉलेज प्रबंधन को मिल गया है कॉलेज प्रबंधन इन सभी जवानों को संकलन कर एक रिपोर्ट बनाकर जयपुर भेजेगा जहां नियुक्ति अधिकारी इस मामले में सक्षम कार्रवाई करेंगे मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसएस राठौड़ ने बताया कि कार्रवाई जयपुर के स्तर पर होगी ऐसे में सभी जवानों को संकलित कर जयपुर भिजवाया जाएगा। इधर सूत्रों का कहना है कि डॉक्टरों ने अपने जवाब में उन पर लगाए गए निजी चिकित्सालय चलाने एवं प्रैक्टिस करने के आरोपों से इनकार कर दिया है जबकि संभागीय आयुक्त की जांच रिपोर्ट में प्रत्येक डॉक्टर के खिलाफ लगाए गए आरोपों के तथ्यात्मक सबूत भी दिए गए थे ऐसे में अब देखना यह है कि सरकार डॉक्टरों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है। यह जांच कमेटी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्देश पर संभागीय आयुक्त ने बनाई थी कमेटी की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ अनुराग सिंह कुड़ी में सरोज अस्पताल का संचालन कर रहे हैं जबकि इसी विभाग के डॉ प्रमोद शर्मा सरदारपुरा के पावटा में अंकुर नर्सिंग होम के नाम से खुलेआम अस्पताल चला रहे हैं इसी तरह डॉ जेपी सोनी भी अपना अस्पताल चला रहे हैं वह निजी अस्पताल में जाकर भी मरीज देख रहे हैं। यूरोलॉजिस्ट डॉ प्रदीप शर्मा विनायक अस्पताल में ही ऑपरेशन करते हैं इसके अलावा यूरोलॉजिस्ट डॉ आर के सारण शहर के सभी निजी अस्पतालों में जाकर सर्जरी करते पाए गए हैं रेडियोथैरेपी विभाग के डॉ प्रदीप गौड़ जो खुद प्रोफेसर भी हैं वह अपनी पत्नी के आईवीएफ क्लीनिक में अपने मरीज देख रहे हैं और उनका उपचार करते हैं गायनी विभाग की किरण मिर्धा भी निजी अस्पताल में जा रही है गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर सुनील दाधीच अपना खुद का निजी अस्पताल पाल लिंक रोड पर चला रहे हैं। सरकारी खर्च पर डीएम की डिग्री हासिल करने वाले हेमेटोलाजी विभाग के डॉ गोविंद पटेल ने पाल लिंक रोड पर सोना देवी नाम से अस्पताल खोल रखा है ऑर्थोपेडिक डॉक्टर एस पी राठौड़ पावटा में ही कैलाश अस्पताल चला रहे हैं जबकि मेडिसिन विभाग के अनुबंध पर कार्यरत डॉ विनीत तिवारी अस्पताल समय मे अपने घर पर प्रक्टिस करते पाए गए थे। बाईट डॉ एसएस राठौड़, प्राचार्य डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज


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