जोधपुर. सेना से रिटायर्ड रामलाल ने अपनी पुत्री मनीषा के पति और ससुर पर उसको ससुराल में दहेज के लिए प्रताड़ित करने का मामला दर्ज करवाया था. साथ मनीषा ने आरोप लगाया था कि उसके ससुर की उस पर बुरी नजर है. रामलाल ने शिकायत में कहा था कि उसने बेटी की शादी के लिए दहेज में एक लाख रुपए नगद दिए थे, फिर भी प्रताड़ित किया जा रहा है.
इसी बात को आधार बनाकर लड़के के पिता ने समधी पर दहेज देने का केस दर्ज करने आग्रह न्यायालय से किया था. जिस पर एसीजेएम सांख्या 5 ने बनाड़ थाने को मामला दर्ज करने का आदेश दिया. पुलिस ने मनीषा के पिता की शिकायत पर उसके पति कैलाश और ससुर जेठमल के विरुद्ध आरोप पत्र दायर कर दिया, जो अभी विचाराधीन है. लेकिन पारिवारिक न्यायालय में मनीषा और उसके पिता रामलाल के बयान दर्ज किए गए, जिसमें रामलाल ने कोर्ट में बताया था कि उसने बेटी की शादी धूमधाम से की थी और यथासंभव स्त्री धन भी दिया.
उसने बंद लिफाफे में वर पक्ष को एक लाख रुपए दिए. इस पर मनीषा के ससुर जेठमल प्रजापत ने आरोप लगाया कि मनीषा और उसके पिता ने शादी का पूरा खर्च वापस लेने का दबाव बनाया. इसी को लेकर केस दर्ज करवाया है. चूकि रामलाल ने बयान में यह माना है कि उसने एक लाख रुपए बंद लिफाफे में दिए हैं.
वहीं जेठमल का कहना है कि मैंने दहेज नहीं लिया, लेकिन मनीषा के पिता यह स्वीकार करते हैं कि मैंने दहेज दिया है. जेठमल ने इस्तगासा महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 5 के समक्ष लड़की के परिवार पर दहेज देने का आरोप लगाया. इस पर कोर्ट ने इस मामले में केस दर्ज करने का आदेश दिया. जेठमल के अधिवक्ता बृजेश पारीक का कहना है कि दहेज लेना और देना दोनों अपराध है. ऐसे में दोनों पक्षों के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए. यह पहला मामला है जिसमें कोर्ट ने किसी दहेज देने वाले पिता पर केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं.