जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला जोधपुर गैंगवार का गवाह बनने से बच गया. यह सब हो सका केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी से. समय रहते पुलिस ने मनोहर को न उठाया होता तो गैंगवार और खूनी संघर्ष को शायद ही कोई रोक पाता. गैंगस्टर राजू फौजी की ओर से जोधपुर के हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू को मारने के लिए ली गई सुपारी और इस मामले में गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में जो कहानी सामने आई है. उसे सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए. हर कोई यही कहता रहा अगर ये गिरफ्तारी नहीं होती तो गैंगवार को रोकना शायद मुश्किल हो जाता.
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दरअसल, भीलवाड़ा कांस्टेबल हत्याकांड के मुख्य आरोपी राजू फौजी ने जोधपुर के हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू को मारने के लिए 80 लाख में सुपारी ली थी. वहीं, यह सुपारी भी जोधपुर के हिस्ट्रीशीटर दिनेश भम्भाणी और विक्रम सिंह नांदिया ने उसे दी थी. बता दें, हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू इन दिनों पैरोल पर बाहर आया हुआ है.
जोधपुर पुलिस उपायुक्त पश्चिम आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि भीलवाड़ा कांस्टेबल हत्या मामले में वांछित आरोपी राजू फौजी की तलाश में कई टीमें लगातार छापेमारी कर रही है. पुलिस की विशेष टीम लगातार उसके संभावित ठिकानों और उसके गुर्गों की तलाश में छापेमारी कर रही है.
इस दौरान ही एक नया खुलासा हुआ है कि भीलवाड़ा कांस्टेबल हत्याकांड के बाद राजू फौजी आर्थिक रूप से टूट चुका है. अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए उसने हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू की हत्या करने की सुपारी ले ली. दरअसल, जोधपुर के हिस्ट्रीशीटर गैंग जो आपस में लड़ रहे हैं, उनसे राजू फौजी ने संपर्क साधा और विक्रम सिंह नांदिया और दिनेश भवानी से संपर्क कर उनके प्रतिद्वंदी कैलाश मांजू की हत्या करने की सुपारी ले ली.
सोमवार को भीलवाड़ा के सीईओ रामचंद्र चौधरी ने शहर के डीगाड़ी थाना क्षेत्र में एक टीम के साथ मनोहर सिंह के घर दबिश देकर उसे उठाया. पूछताछ में मनोहर सिंह ने बताया कि जोधपुर में दिनेश भम्भाणी और विक्रम सिंह नांदिया की कैलाश मांजू से दुश्मनी है.
कैलाश मांजू को ठिकाने लगाने के लिए राजू फौजी ने दिनेश और विक्रम से संपर्क किया और कैलाश मांजू को मारने के लिए एक करोड़ रुपए मांगे. जिसके बाद 80 लाख रुपए में सौदा तय हुआ. इसके एवज में 40 लाख रुपए एडवांस दिए गए जो सुभाष कड़वासरा के पास रखवाई गई. इसमें 15 लाख रुपए दिनेश ने दिए और 25 लाख रुपए लवजीत सिंह नामक व्यक्ति ने दिए. पुलिस अभी लवजीत सिंह की तलाश में है.
कैलाश मांजू की हत्या के लिए राजू फौजी और उसका साथी बाबूराम जिनके हथियार नागौर जिले में श्यामा फौजी के पास रखे हुए थे. जोधपुर में श्यामा फौजी का एक आदमी बाबू सिंह ठाकुरया सदर थाना द्वारा पकड़ा गया, तो राजू फौजी हत्या करने के बजाय फरार हो गया. इसके बाद राजू फौजी के कहने पर सुभाष कड़वासरा ने 40 लाख रुपए वापस लौटा दिए.
फिलहाल, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाना पुलिस ने सुपारी देने के प्रकरण में दिनेश बम बानी, सुभाष कड़वासरा, मनोहर सिंह अकेली और मनोहर सिंह बनियाना को गिरफ्तार किया है. चारों से राजू फौजी को शरण देने और उसके संबंधों को लेकर पूछताछ जारी है.
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि जब पुलिस नागौर जिला निवासी मनोहर सिंह अकेली से पूछताछ शुरू की तो सामने आया कि उसके राजू फौजी से संबंध हैं. राजू फौजी के ही कहने पर वह 40 लाख रुपए सुभाष के पास रख आया था. इस पर पुलिस ने मनोहर सिंह भणियाणा से भी पूछताछ की तो पूरे प्रकरण की जानकारी सामने आई कि सुभाष कड़वासरा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बताया जाता है. उसकी गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर कई कार्यकर्ता भी हाउसिंग बोर्ड थाने के बाहर एकत्र हो गए थे. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पुखराज गर्ग ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी आपराधिक कृत्य में शामिल है तो उसका हमारी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है.
बता दें, जोधपुर और आसपास के इलाकों में कैलाश मांजू की ही धार चलती है. लंबे समय से तस्करी, रंगदारी, हत्या के कई मामलों में वांछित है. 2018 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. 2017 में जब जोधपुर में लॉरेंस गैंग ने अपना कदम रखा तो कैलाश मांजू के तार भी उसी से जुड़ गए. यही कारण है कि कैलाश मांजू का नाम भी लॉरेंस के उन गुर्गों द्वारा की गई वारदातों में शामिल है.
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2017-18 का वह दौर था जब जोधपुर शहर में फायरिंग की घटनाएं लगातार होती थी. इसमें मांजू का नाम कल्पतरू शॉपिंग सेंटर स्थित जैन ट्रेवल्स के मालिक पर फायरिंग, निजी अस्पताल के डॉक्टर के घर फायरिंग, लॉरेंस के साथ मांजू का नाम भी आया. उस दौरान ही सरदारपुरा सी रोड पर हुई मोबाइल व्यवसायी वासुदेव इसरानी की गोली मारकर हत्या में भी संदिग्ध भूमिका रही.
अपराध के लाखों रुपए लेन-देन के विवाद में हिस्ट्रीशीटर दिनेश भम्भाणी पर शास्त्रीनगर स्थित रिलायंस मॉल के बाहर और उसके घर पर गोलियां चलवाई. दिनेश और दूसरे हिस्ट्रीशीटर विक्रम सिंह के बीच दोस्ती है. यही कारण है कि कैलाश मांजू के रिश्तेदार राकेश मांजू ने इस वर्ष महाशिवरात्रि पर विक्रम सिंह पर डाली बाई मंदिर चौराहे पर फायरिंग की. इस प्रकरण में भी कैलाश का नाम जुड़ा है.