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भंवरी देवी हत्याकांड : सह आरोपी परसराम विश्नोई को 6 घंटे के लिए अंतरिम जमानत...

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Published : Dec 2, 2020, 9:32 PM IST

बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण और हत्या मामले के सह आरोपी परसराम विश्नोई को 6 घंटे के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत पर भेजने के आदेश दिए हैं.

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भंवरी देवी हत्याकांड

जोधपुर. बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण और हत्या मामले के सह आरोपी परसराम विश्नोई को 6 घंटे के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत पर भेजने के आदेश दिए हैं. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत में सह आरोपी याचिकाकर्ता परसराम की ओर से अधिवक्ता संजय विश्नोई ने अंतरिम जमानत के लिए आवेदन पेश किया.

अंतरिम जमानत आवेदन में बताया कि 23 नवंबर 2020 को याचिकाकर्ता के साले जैताराम विश्नोई का निधन हो गया था. मामला अभी ट्रायल कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए तीन घंटे की अंतरिम जमानत मांगी गई थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था. याचिकाकर्ता के परिवार में साले का निधन होने के बावजूद भी ट्रायल कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया. अंतिम संस्कार हो चुका है, लेकिन याचिकाकर्ता एक बार शोक व्यक्त करने के लिए उनके गांव जाना चाहता है, जिसके लिए अंतरिम जमानत दी जाए.

पढ़ें- राजस्थान विधानसभा में पास किए गए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ संशोधन अटके...जानें वजह

सीबीआई की ओर से मुंबई से विशेष लोक अभियोजक एजाज खान ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पक्ष रखते हुए अंतरिम जमानत पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि मामला गंभीर प्रकृति का है और अंतिम संस्कार तो हो गया ऐसे में अंतरिम जमानत नहीं दी जाए. उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सेंट्रल जेल अधीक्षक को आदेश दिया है कि 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक पुलिस कस्टडी में याचिकाकर्ता परसराम को शोक सभा में भेजा जाए. उसके लिए वाहन की व्यवस्था याचिकाकर्ता के परिजनों की ओर से की जाएगी. पुलिस जवानों को साथ भेजा जाएगा, लेकिन किसी प्रकार का कोई चार्ज जेल प्रशासन याचिकाकर्ता से नहीं लेगा.

जोधपुर. बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी अपहरण और हत्या मामले के सह आरोपी परसराम विश्नोई को 6 घंटे के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत पर भेजने के आदेश दिए हैं. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत में सह आरोपी याचिकाकर्ता परसराम की ओर से अधिवक्ता संजय विश्नोई ने अंतरिम जमानत के लिए आवेदन पेश किया.

अंतरिम जमानत आवेदन में बताया कि 23 नवंबर 2020 को याचिकाकर्ता के साले जैताराम विश्नोई का निधन हो गया था. मामला अभी ट्रायल कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए तीन घंटे की अंतरिम जमानत मांगी गई थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था. याचिकाकर्ता के परिवार में साले का निधन होने के बावजूद भी ट्रायल कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया. अंतिम संस्कार हो चुका है, लेकिन याचिकाकर्ता एक बार शोक व्यक्त करने के लिए उनके गांव जाना चाहता है, जिसके लिए अंतरिम जमानत दी जाए.

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सीबीआई की ओर से मुंबई से विशेष लोक अभियोजक एजाज खान ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पक्ष रखते हुए अंतरिम जमानत पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि मामला गंभीर प्रकृति का है और अंतिम संस्कार तो हो गया ऐसे में अंतरिम जमानत नहीं दी जाए. उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सेंट्रल जेल अधीक्षक को आदेश दिया है कि 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक पुलिस कस्टडी में याचिकाकर्ता परसराम को शोक सभा में भेजा जाए. उसके लिए वाहन की व्यवस्था याचिकाकर्ता के परिजनों की ओर से की जाएगी. पुलिस जवानों को साथ भेजा जाएगा, लेकिन किसी प्रकार का कोई चार्ज जेल प्रशासन याचिकाकर्ता से नहीं लेगा.

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