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केंद्रीय मंत्री शेखावत के प्रयासों से संभव हुआ बांसवाड़ा की बेटी डिंपल का भारत आना, अहमदाबाद में होगा इलाज - कोरोना महामारी

बांसवाड़ा के घाटोल की बेटी डिंपल त्रिवेदी गुरुवार की शाम 5.45 बजे बिश्केक, किर्गिस्तान से नई दिल्ली पहुंची. दरअसल, डिंपल त्रिवेदी गंभीर रूप से बीमार चल रही थी. अब डिंपल का इलाज अहमदाबाद के जाइड्स हॉस्पिटल में होगा. बताया जा रहा है कि डिंपल की स्वदेश वापसी केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रयासों से ही संभव हो सका हैं.

जोधपुर समाचार, jodhpur news
भारत पहुंची बांसवाड़ा की बेटी डिंपल
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Published : Jun 11, 2020, 10:34 PM IST

जोधपुर. बांसवाड़ा के घाटोल की बेटी डिंपल त्रिवेदी गुरुवार की शाम 5.45 बजे बिश्केक, किर्गिस्तान से नई दिल्ली पहुंची. दरअसल, गंभीर रूप से बीमार डिंपल की स्वदेश वापसी केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रयासों से ही संभव हो सका हैं. अब डिंपल का इलाज अहमदाबाद के जाइड्स हॉस्पिटल में होगा, जिसकी व्यवस्था पहले कर दी गई है. फिलहाल, डिंपल के परिजन नई दिल्ली से उनके साथ रहेंगे.

भाजपा के संभाग मीडिया प्रमुख अचल सिंह मेड़तिया ने बताया कि मेडिकल स्टूडेंट डिंपल साल 2017 में एमबीबीएस करने के लिए किर्गिस्तान गई थी. गत दो जून को एकाएक उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, उसे टीबी और किडनी की परेशानी है. बिश्केक के टीबी अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे भारत में इलाज करवाने की सलाह दी.

जोधपुर समाचार, jodhpur news
डिंपल त्रिवेदी

पढ़ें- शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक भर्ती-2018 याचिका के अधीन रखने के निर्देश

कोरोना महामारी के चलते बीमार डिंपल की बिश्केके से वापसी बेहद मुश्किल थी. इसके लिए मंगलवार की सुबह डिंपल के परिजनों और अन्य लोगों ने केंद्रीय मंत्री शेखावत से डिंपल को भारत लाने का अनुरोध किया था. विदेशों में फंसे कई लोगों की स्वदेश वापसी करा चुके शेखावत ने चंद घंटों में डिंपल को भारत लाने की व्यवस्था करा दी.

विदेशों में फंसे अन्य छात्रों को भी भारत लाएगी सरकार

केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि वन्दे मातरम मिशन के तहत सरकार विदेशों में फंसे अन्य छात्रों को भी भारत लाएगी. कजाखिस्तान में फंसे राजस्थान के 450 छात्र-छात्राओं, जिनमें 16 बच्चे जोधपुर के हैं, अब उन्हें वापस लाया जाएगा. उन्होंने विदेश मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों से बातचीत की है. इसके लिए 19-20 जून तक कुछ फ्लाइट्स लगाकर इन्हें लाने के प्रयास हो रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वंदे मातरम मिशन का तीसरा चरण 1 जुलाई तक चलेगा.

पिता ने मदद के लिए जताया आभार

बिश्केक से डिंपल के साथ एयर एंबुलेस में चिकित्सा टीम के डॉ. महेश यादव, संदीप कुमार, राहुल रावल और सहायक हार्दिक पुरोहित आए. नई दिल्ली से डिंपल को वाया रोड एंबुलेस से अहमदाबाद ले जाया जा रहा है, जहां जाइड्स हॉस्पिटल में उनका इलाज किया जाएगा. पुजारी का काम करने वाले डिंपल के पिता महेश प्रसाद त्रिवेदी ने केंद्रीय मंत्री शेखावत का मदद के लिए आभार जताया है. उन्होंने कहा कि उनका भाई आलोक त्रिवेदी, उसकी पत्नी कुसुम और डिंपल के मंगेतर राहुल पुरोहित अहमदाबाद तक उसके साथ जाएंगे.

इनका रहा सक्रिय सहयोग

डिंपल की रिकॉर्ड समय में भारत वापसी में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, नगर विमनान महानिदेशालय, बिश्केक स्थित भारतीय राजदूत आलोक अमिताभ डिमरी, डूंगरपुर के कलेक्टर, एडीएम और उनके स्टाफ ने महत्वपूर्ण सहयोग किया. गौरतलब है कि पहले बुधवार की सुबह चिकित्सा टीम डिंपल को लेकर बिश्केक से नई दिल्ली ला रही थी, लेकिन ऐन वक्त में पाकिस्तान से एयर एंबुलेस को फ्लाईओवर की परमिशन नहीं मिल सकी थी.

जोधपुर. बांसवाड़ा के घाटोल की बेटी डिंपल त्रिवेदी गुरुवार की शाम 5.45 बजे बिश्केक, किर्गिस्तान से नई दिल्ली पहुंची. दरअसल, गंभीर रूप से बीमार डिंपल की स्वदेश वापसी केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रयासों से ही संभव हो सका हैं. अब डिंपल का इलाज अहमदाबाद के जाइड्स हॉस्पिटल में होगा, जिसकी व्यवस्था पहले कर दी गई है. फिलहाल, डिंपल के परिजन नई दिल्ली से उनके साथ रहेंगे.

भाजपा के संभाग मीडिया प्रमुख अचल सिंह मेड़तिया ने बताया कि मेडिकल स्टूडेंट डिंपल साल 2017 में एमबीबीएस करने के लिए किर्गिस्तान गई थी. गत दो जून को एकाएक उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, उसे टीबी और किडनी की परेशानी है. बिश्केक के टीबी अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे भारत में इलाज करवाने की सलाह दी.

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डिंपल त्रिवेदी

पढ़ें- शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक भर्ती-2018 याचिका के अधीन रखने के निर्देश

कोरोना महामारी के चलते बीमार डिंपल की बिश्केके से वापसी बेहद मुश्किल थी. इसके लिए मंगलवार की सुबह डिंपल के परिजनों और अन्य लोगों ने केंद्रीय मंत्री शेखावत से डिंपल को भारत लाने का अनुरोध किया था. विदेशों में फंसे कई लोगों की स्वदेश वापसी करा चुके शेखावत ने चंद घंटों में डिंपल को भारत लाने की व्यवस्था करा दी.

विदेशों में फंसे अन्य छात्रों को भी भारत लाएगी सरकार

केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि वन्दे मातरम मिशन के तहत सरकार विदेशों में फंसे अन्य छात्रों को भी भारत लाएगी. कजाखिस्तान में फंसे राजस्थान के 450 छात्र-छात्राओं, जिनमें 16 बच्चे जोधपुर के हैं, अब उन्हें वापस लाया जाएगा. उन्होंने विदेश मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों से बातचीत की है. इसके लिए 19-20 जून तक कुछ फ्लाइट्स लगाकर इन्हें लाने के प्रयास हो रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वंदे मातरम मिशन का तीसरा चरण 1 जुलाई तक चलेगा.

पिता ने मदद के लिए जताया आभार

बिश्केक से डिंपल के साथ एयर एंबुलेस में चिकित्सा टीम के डॉ. महेश यादव, संदीप कुमार, राहुल रावल और सहायक हार्दिक पुरोहित आए. नई दिल्ली से डिंपल को वाया रोड एंबुलेस से अहमदाबाद ले जाया जा रहा है, जहां जाइड्स हॉस्पिटल में उनका इलाज किया जाएगा. पुजारी का काम करने वाले डिंपल के पिता महेश प्रसाद त्रिवेदी ने केंद्रीय मंत्री शेखावत का मदद के लिए आभार जताया है. उन्होंने कहा कि उनका भाई आलोक त्रिवेदी, उसकी पत्नी कुसुम और डिंपल के मंगेतर राहुल पुरोहित अहमदाबाद तक उसके साथ जाएंगे.

इनका रहा सक्रिय सहयोग

डिंपल की रिकॉर्ड समय में भारत वापसी में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, नगर विमनान महानिदेशालय, बिश्केक स्थित भारतीय राजदूत आलोक अमिताभ डिमरी, डूंगरपुर के कलेक्टर, एडीएम और उनके स्टाफ ने महत्वपूर्ण सहयोग किया. गौरतलब है कि पहले बुधवार की सुबह चिकित्सा टीम डिंपल को लेकर बिश्केक से नई दिल्ली ला रही थी, लेकिन ऐन वक्त में पाकिस्तान से एयर एंबुलेस को फ्लाईओवर की परमिशन नहीं मिल सकी थी.

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