जोधपुर. नागौर जिले के जायल में आयुर्वेद चिकित्सक की डिग्री के लिए एडमिशन (Fraud In Admission in Nagaur) के नाम पर 6 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. जहां एडमिशन के नाम पर एक महिला से पैसे लेने के बाद आरोपी ने न तो एडमिशन करवाया और न ही फीस लौटाई. पीड़ित महिला ने महामंदिर थाने में मामला दर्ज करवाया है.
ये है पूरा घटनाक्रम
पुलिस के अनुसार जायल निवासी दीपिका फडौदा ने बीएएमएस में एडमिशन के लिए जोधपुर के पावटा स्थित सनसिटी अस्पताल के पास के एसएमके कॉलेज का विज्ञापन देखा. इसके आधार पर संचालक श्रीलाल गहलोत से संपर्क किया. जिसके बुलावे पर 26 फरवरी 2019 को जोधपुर आए और एडमिशन की बात की. एडमिशन से पहले दीपिका और उसके पति ने श्रीलाल से पूछा कि फर्जी कॉलेज तो नहीं है. जिस पर उसने कहा नहीं भोपाल की एलएनसीटी यूनिवर्सिटी का कॉलेज है. जिसके बाद उन्होंने एडमिशन की फीस के रूप में 6 लाख रुपए जमा करवा दिए. जिसकी उसने रसीद दी और शैक्षणिक दस्तावेज जमा कराने की बात कही.
फर्जीवाडे का शक होने भोपाल जाकर किया चैक
कुछ दिनों बाद श्रीलाल से संपर्क किया तो उसने कहा कि चिंता मत करो मैं और भी कई डिग्रियां और कोर्स करवाता हूं इसलिए आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. लेकिन दीपिका और उनके पति को जब लगा कि फर्जीवाड़ा (Degree Fraud In Jodhpur) हो रहा है, तो वे भोपाल गए. भोपाल में जांच की तो सामने आया कि उनके नाम से कोई एडमिशन नहीं है और न कोई फीस जमा हुई है. जिसके बाद श्रीलाल गहलेात से संपर्क किया तो उसने कहा कि मेरा आदमी आगे गलत निकल गया और पैसे वापस मांगने पर टालने लगा.
पीड़ित पक्ष ने जब ज्यादा दबाव बनाया तो उसने 2 साल बाद मार्च 2021 में एक चेक दिया, लेकिन वह भी अनादरित हो गया. जिसके बाद उससे फिर संपर्क किया तो वह पहले तो कहता रहा कि मैं रुपए दे दूंगा, लेकिन अब उसने साफ मना कर दिया कि मैंने तो रुपए ले लिए अब नहीं दूंगा. इस पर महामंदिर थाने में पावटा निवासी श्रीलाल गहलोत ने मामला दर्ज करवाया गया है.