जोधपुर. राजस्थान में लंपी स्कीन डिजीज से गायों की लगातार मौतें हो रही हैं. राज्य सरकार मांग कर रही है कि केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करे. शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह ने सरकार की मांग पर कहा कि सरकार के पास खजाना है, तो वह गौ माता के कल्याण के लिए खर्च क्यों नहीं कर रही है. वहीं प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा और आयुर्वेद मंत्री और डाॅ. सुभाष गर्ग ने कहा कि (Subhash Garg hits back Arun Singh) देश के 11 राज्यों में इस बीमारी का प्रकोप है. केंद्र सेंट्रल विष्टा पर करोड़ों खर्च कर रही है, लेकिन गाय को माता कहने वाले इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से बच रहे हैं.
अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में केंद्र की टीमें आ रही हैं, तो उनको सरकार सहयोग नहीं कर रही है. हमने लगातार यह मांग उठाई, प्रदर्शन भी किया. लेकिन सरकार की आंखें नहीं खुल रही हैं. जब उनसे पूछा गया कि सरकार कह रही है कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए तो सिंह ने कहा कि पहले अशोक गहलोत घोषित करें कि उनकी सरकार कंगाल हो चुकी है. जो हालात है वो काफी शर्मनाक हैं.
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गौमाता के लिए पैसा क्यों नहीं-गर्गः अरुण सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश सरकार के आयुर्वेद मंत्री डाॅ सुभाष गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार क्यों नहीं इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करती. देश के 11 राज्यों में इस बीमारी का कहर है. केंद्र सरकार ने सेंट्रल विष्टा पर हजारों करोड़ खर्च किए हैं. बुलेट ट्रेन पर लाख करोड़ खर्च कर रहे हैं. लेकिन गौ को माता कहने वाले उसे बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं कर रहे हैं. पैसा खर्च होगा, वो जनता का है. सभी राज्य भी तो देश की इकाई हैं. इसमें क्या फर्क है. भाजपा राज्य में भी तो लंपी के हाल खराब हैं. गुजरात में बदतर स्थिति है, लेकिन कोई उनको देखता नहीं है.